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मनुष्यों की सभी विपदाओं का नाश करती है श्रीमद्भागवत कथा : मां ध्यान मूर्ति गिरि

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।गौशाला नगर स्थित मां ध्यानमूर्ति सत्संग सेवा संस्थान में गुरु पूर्णिमा के पावन उपलक्ष्य में चल रही सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन व्यास पीठाधीन महामंडलेश्वर मां ध्यान मूर्ति गिरि महाराज ने देश-विदेश से आए सैकड़ों भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि मनुष्यों के जब कई-कई जन्मों के पुण्यों का उदय होता है, तब ही उसे हरि कथा व सत्संग आदि श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।श्रीमद्भागवत महापुराण की अमृतमयी कथा श्रवण करने से मनुष्यों के ऊपर आने वाली सभी विपदाओं का नाश हो जाता है।
उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यासजी द्वारा रचित श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सभी प्रकार के अरिष्टों को दूर करने वाली है।इसका वाचन, श्रवण एवं अध्ययन तीनों ही मंगलकारी एवं कल्याणकारी है।इसमें समस्त धर्म ग्रंथों का सार समाहित है।इसीलिए इसे पंचम वेद कहा गया है।
महोत्सव में पधारे प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि मां ध्यानमूर्ति सत्संग सेवा संस्थान धर्म और अध्यात्म के अलावा समाज सेवा के क्षेत्र में भी पूर्ण समर्पण के साथ विभिन्न लोक कल्याणकारी सेवा कार्य कर रहा है। जिनमें अन्न क्षेत्र,वृक्षारोपण, संतो और निर्धनों की नि:शुल्क चिकित्सा आदि प्रमुख हैं। इन सभी सेवा कार्यों की जितनी भी प्रशंसा की जाए, वो कम है।
इससे पूर्व यजमान परिवार द्वारा श्रीमद्भागवत ग्रंथ और व्यासपीठ का पूजन-अर्चन किया गया।साथ ही उनकी आरती की गई। सायं काल मां ध्यानमूर्ति सत्संग सेवा संस्थान के सचिव डॉ. हरिओम शास्त्री के द्वारा सुंदरकांड का संगीतमय सामूहिक पाठ किया गया।
इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी,
सुर्ज्ञान मोदी, राजकुमार अग्रवाल, कृष्ण कुमार बंसल, राजेंद्र मोदी, दीनू पण्डित, चेतराम, महेन्द्र अग्रवाल, सागर शर्मा, देवनारायण शुक्ला, राजकुमार गौतम, प्रमुख समाजसेवी विष्णु शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, राधिका रमन शरण मोदी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉक्टर हरिओम शास्त्री ने किया। साथ ही सभी का स्वागत किया।

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