(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन। पत्थरपुरा स्थित श्रीगोपालजी मन्दिर (श्री माध्वगौड़ेश्वर आश्रम) में चल रहे अनन्तश्री विभूषित श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज के 19वें त्रिदिवसीय वार्षिक तिरोभाव महोत्सव के तीसरे दिन पूज्य महाराजश्री की समाधि का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया। तत्पश्चात महामण्डलेश्वरों, श्रीमहंतों व महंतों का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर समस्त भक्तों-श्रृद्धालुओं को अपने आशीर्वचन देते हुए श्रीगोपालजी मन्दिर (श्री माध्वगौड़ेश्वर आश्रम) के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद शास्त्री महाराज ने कहा कि मानव जीवन में सत्संग की अपार महिमा है।प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन को धन्य और सार्थक बनाने के लिए इसका आश्रय लेता है।सत्संग के बिना जीवात्मा का परमात्मा से मिलन असंभव है।इसके लिए मनुष्य संतों की ही शरण लेता है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते और नदी अपना पानी स्वयं नहीं पीती, उसी प्रकार संत भी अपनी साधना का फल मानव कल्याण में ही लगाते हैं। पृथ्वी पर इनका प्रादुर्भाव केवल परोपकार के लिए ही होता है।
महोत्सव में श्रीहित बड़ा रासमण्डल के श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज, चतु: संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. सत्यानंद सरस्वती महाराज (अधिकारी गुरूजी), श्रीराधा उपासना कुंज के महंत संतदास महाराज, कलाधारी आश्रम के महंत जयराम दास महाराज, महंत दंपति शरण महाराज (काकाजी), महंत श्याम सुन्दर दास महाराज, संत रसिक माधव दास महाराज, भागवताचार्य डॉ. हरे कृष्ण शरद, महंत सुंदरदास महाराज, आचार्य गोपाल भैया, मुनेश कुमार शर्मा (राम गुरु), महंत लाड़िली दास महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।महोत्सव का समापन संत ब्रजवासी वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।जिसमें असंख्य व्यक्तियों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
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