(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।यमुना पार स्थित देवरहा बाबा समाधि स्थल पर ब्रह्मर्षि योग सम्राट देवरहा बाबा का त्रिदिवसीय 35वां योगिनी एकादशी वार्षिक पुण्यतिथि महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम से विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारम्भ आश्रम के अध्यक्ष ब्रह्मर्षि देवदास महाराज (बड़े सरकार) ने ब्रह्मलीन देवरहा बाबा महाराज की प्रतिमा व उनकी समाधि का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पुष्पार्चन करके किया।साथ ही उन्होंने इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में कहा कि हमारे सदगुरुदेव देवरहा बाबा महाराज भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति की बहुमूल्य निधि थे। इसीलिए उनके दर्शन के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का तांता लगा रहता था।
पीपाद्वाराचार्य बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज व
श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी के श्रीमहंत अमर दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन संत देवरहा बाबा महाराज युगपुरुष थे।देश व समाज के लिए उनके एक नही अपितु अनेकों कीर्तिमान हैं।पृथ्वी पर उनका अवतरण लोककल्याण के लिए हुआ था।
श्रीराधा उपासना कुंज के महन्त बाबा संत दास महाराज व ब्रज अकादमी की सचिव साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिय ने कहा कि योग सम्राट देवरहा बाबा महाराज ने अपनी दिव्य व अलौकिक शक्तियों से प्रकृति तक पर विजय प्राप्त की हुई थी।उन्हें अष्टांग योग और ब्रह्मलीन रहने की सिद्धि प्राप्त थी।
मोर कुटी के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी परमेश्वर दास त्यागी व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी
ने कहा योगीराज देवरहा बाबा महाराज पहले देश के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग महीनों में अलग-अलग जगह मचान बनाकर रहा करते थे। परन्तु बाद में वे राधा-कृष्ण के आदेश पर स्थाई रूप से श्रीधाम वृन्दावन में ही यमुना किनारे मचान बनाकर रहने लगे।उन्होंने यहां रहकर असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया।
संत-सम्मेलन के अंतर्गत चतु: सम्प्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज के आवाहन पर समस्त महामण्डलेश्वरों, श्रीमहंतों व महंतों आदि ने बांके बिहारी कॉरिडोर बनाए जाने का समर्थन किया।
इससे पूर्व प्रख्यात भजन गायक नंदू भैया व पंजाब से आए परम सावल और बाल व्यास कशिश कृष्ण किशोरी (पंजाब) ने पूज्य बाबा महाराज की महिमा से ओतप्रोत भजनों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन कर सभी को भाव-विभोर कर दिया।
इस अवसर पर महंत रामकेवल दास महाराज, संत प्रवर रामदास महाराज, संत सेवानंद ब्रह्मचारी महाराज, महंत हरिशंकर नागा, महंत लाड़िली दास, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
महोत्सव के अंतर्गत महामंडलेश्वरों, श्रीमहंतों, महंतों और विद्वानों आदि का सम्मान किया गया।साथ ही संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा भी हुआ।जिसमें असंख्य व्यक्तियों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
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