कार्यक्रम

देश और समाज की रक्षा हेतु क्षात्र भाव अपरिहार्य – ठाकुर कपूरचन्द्र सिकरवार

आगरा 20 अप्रैल। देश और समाज की रक्षा हेतु क्षात्र भाव अपरिहार्य है, इसके बगैर ने देश की सीमाएँ सुरक्षित रहेंगी और न ही समाज। क्षत्रिय कौम नहीं, धर्म है। इसे संकीर्ण सीमाओं से नहीं बाँधा जाना चाहिए। देश और समाज सेवा के लिए क्षत्रियों ने अग्रणीय भूमिका निभायी है और निभाते रहेंगे उक्त उद्गार ठाकुर कपूर चन्द सिकरवार द्वारा क्षत्रिय संकल्प (शैक्षिक,सांस्कृतिक, सामाजिक) संगठन द्वारा संजय प्लेस स्थित यूथ हॉस्टल सम्मान समारोह आयोजित की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।
मुख्य अतिथि के रूप में दिनेश प्रताप सिंह द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हुए क्षत्रियों को समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान करने का आह्नान किया। विशिष्ट अतिथि और केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर डॉ. भरत सिंह परमार ने नगालैण्ड में विशम स्थिति में हिन्दी शिक्षण के प्रसार की चर्चा की।
विशिश्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डॉ.बचन सिंह सिकरवार ने कुछ राजनेताओं के इतिहास के महान नायकों के चरित्र को विद्रूप करने की आलोचना की और उनका हर हाल में विरोध किये जाने का आह्नान किया। विशिश्ट अतिथि दिनेश सिंह सिकरवार ने समाज के किसी व्यक्ति के साथ अन्याय होने पर न्यायिक सहायता देने का संकल्प दोहराया। विशिष्ट अतिथि एवं सभासद प्रवीणा राजवत ने क्षत्रियों की भारतीय इतिहास में विशिष्ट योगदान का उल्लेख करते हुए क्षत्रियों को उनके सुझाए मार्ग का अनुसरण को श्रेयस्कर बताया।
क्षत्रिय परिवार में विभिन्न क्षेत्रों(शिक्षा, कृषि, विधि, उद्योग, सामाजिक तथा पत्रकारिता) में किये गए विशिष्ट कार्यो के लिए दो क्षत्रियों को क्षत्रिय रत्न एवं चवालीस (तीन को मरणोपरान्त) क्षत्रियों को क्षत्रिय श्री सम्मान से सम्मानित किया गया है।
़़इस अवसर पर ऐसे दो क्षत्रिय रत्न एवं तीन क्षत्रिय श्री सम्मान से मरणोपरान्त सम्मानित क्षत्रियों के परिजनों तथा अन्य इकतालीस क्षत्रियों को पटका और शाल ओढ़ाकर तथा सम्मान पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया है,जिन्होंने अपने पेशेवर कार्यों के साथ-साथ क्षत्रिय परिवार अथवा सर्व समाज के हितों और कल्याण के लिए उत्कृष्ट कार्य किये हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्रीराम के चित्र पर माल्यापर्ण से हुई। इस मौके पर ठा. हरिगोपाल सिंह चौहान एडवोकेट, ठा.रामस्वरूप सिंह तोमर को मरणोपरान्त क्षत्रिय रत्न से सम्मानित किया। स्व.हरीगोपाल सिंह चौहान का सम्मान उनके पुत्रों हरेन्द्र सिंह चौहान, जी.पी.एस. चौहान द्वारा ग्रहण किया गया। रामस्वरूप सिंह तोमर का क्षत्रिय रत्न सम्मान पत्र उनके भतीजे देवेन्द्र सिंह ने ग्रहण किया।
सम्मान समारोह में नरेश सिकरवार एडवोकेट, डॉ.हर्षवर्धन सिंह सिकरवार, नीरज सिंह परमार, गजेन्द्र सिंह परमार, राजू परमार, राजू परमार,, हरिवीर सिंह परमार, डॉ. तापेन्द्र सिंह सिकरवार, अनूप सिंह चौहान, भारत सिंह सिकरवार, केदार सिंह परमार, डॉ अनुज कुमार सिंह सिकरवार, डॉ मधूलिका आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही है। संचालन क्षत्रिय संकल्प के संस्थापक राजवीर सिंह सिकरवार और व्यवस्था में सहयोग शैलेन्द्र सिंह तोमर द्वारा किया गया।
क्षत्रिय श्री सम्मान सम्मानितों की सूची
ठा.रघुनाथ सिंह तोमर, गौरीशंकर सिंह चौहान, दामोदर सिंह सिकरवार, रामबाबू सिंह सिकरवार, प्रतापभानु सिह चौहान, कपूरचन्द सिकरवार, रामस्नेही सिंह तोमर, डॉ भागराज सिंह, नेत्रपाल सिंह राघव, हरी सिंह परिहार, भगवान सिंह सिकरवार, डॉ राजेन्द्र सिंह भदौरिया, शिवचरन सिंह सिकरवार, वीरेन्द्रपाल सिंह, कुँवर सिंह भदौरिया, पुरुषोत्तम सिकरवार, डॉ अजय पाल सिंह, आराम सिह शास्त्री, हरपाल सिंह राघव, भीश्मपाल सिंह सोलंकी,राघवेन्द्र सिंह सिकरवार, राम प्रताप सिंह जादौन, महेन्द्र प्रताप सिंह, अमर सिंह सिकरवार, दिनेश सिंह सिकरवार, प्रमोद कुमार सिह, नवल सिंह सिकरवार, बच्चू सिंह सिकरवार, केदार सिंह सिकरवार, होतम सिंह सिकरवार, वासदेव सिह परमार, गजेन्द्र सिंह परमार, नेत्रपाल सिंह तोमर, धर्मवीर सिंह सिकरवार, शिशुपाल सिह सिकरवार, ओमवीर सिंह सिकरवार, राजकुमार सिंह तोमर, गजेन्द्र सिंह सिकरवार, धमेन्द्र सिंह सिकरवार, अनिल कुमार सिह सिकरवार, रामेन्द्र सिंह सिकरवार, हरिभान सिंह परमार।

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