कार्यक्रम

चिंतामणि कुंज में अत्यन्त श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ किया गया सैकड़ों कन्या-लांगुराओं का पूजन

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन। छटीकरा रोड़ स्थित चिंतामणि कुंज में चैत्र नवरात्रि के उपलक्ष्य में चल रहे नव दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के अंतर्गत वेदज्ञ विप्रों के द्वारा दैनिक दुर्गा सप्तशती पाठ एवं हवन आदि के कार्यक्रम किए जा रहे हैं।इसी के चलते अष्टमी के दिन 500 से भी अधिक कन्या – लांगुरों का पूजन-अर्चन करके उन्हें भोजन प्रसाद ग्रहण कराया गया।जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आए असंख्य भक्तों-श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
चिंतामणि कुंज पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद गिरि महाराज ने कहा कि चिंतामणि कुंज हमारे सदगुरुदेव ब्रह्मलीन श्रीश्री 1008 स्वामी शिवमूर्ति महाराज की साधना स्थली है।यहां पर उनके परमाणु आज भी यहां के कण-कण में व्याप्त हैं।उन्ही के प्रताप से प्रतिवर्ष की दोनों नवरात्रों में कन्या-लांगूरों का पूजन अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ किया जाता है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि चिंतामणि कुंज में स्थापित देवी मां की प्रतिमा अत्यंत दिव्य व भव्य है।उनके दर्शन करने मात्र से सभी की सभी मनोकामनाएं निश्चित ही पूर्ण होती हैं।इसीलिए यहां आने वाले भक्तों व श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता आचार्य रामविलास चतुर्वेदी एवं आचार्य बद्रीश महाराज ने कहा कि नवरात्रों में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इन दिनों कन्या व लांगुरों का पूजन-अर्चन करके प्रसाद ग्रहण कराने से मां दुर्गा अति शीघ्र ही प्रसन्न होकर भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करती हैं।
इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी सौरभ गौड़, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य ईश्वरचंद्र रावत, पण्डित गुलशेंद्र चतुर्वेदी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0146229
This Month : 5018
This Year : 83522

Follow Me