डॉ.बचन सिंह सिकरवार

अपने देश के नाट्य एवं फिल्मी दुनिया के पितामह में शुमार पृथ्वीराज कपूर के पौत्र और फिल्म जगत् के सपने के सौदागर राजकपूर के छोटे बेटे बहुआयामी कलाकार ऋषि कपूर का यकायक चले जाने से हर कोई स्तब्ध है और हतप्रभ है, क्योंकि एक दिन पहले ही ऐसे ही दिग्गज कलाकार इरफान खान की मौत से लगे गहन आघात सम्हल भी नहीं पाया था।आखिर कलाप्रेमियों पर अपने दो प्रिय कलाकारों के असमय विक्षोह सहने का प्रश्न है? इन दोनों की मृत्यु में एक सम्य यह है कि ये दोनों ही अपनी असाध्य रोगों का उपचार कई महीनों तक क्रमशः अमेरिका और ब्रिटेन से करा कर लौटे थे।इस कारण सभी को यह पूर्ण विश्वास था कि ये फिर से अपनी अभिनय की दुनिया में पहले की तरह रम जाएँगे। लेकिन लगता है कि विधाता उन्हें अपने पास बुलाकर उनसे कुछ और ही कराना चाहता था। उनका जन्म 4सितम्बर, सन् 1952 को मुम्बई में हुआ। उनके पिता राजकपूर,माता कृष्णराज कपूर,बाबा पृथ्वीराज कपूर,उनके चाचा शम्मी कपूर, शशि कपूर भी लोकप्रिय अभिनेता रहे हैं। उनके बड़े मामा प्रेमनाथ,उनकी पत्नी बीनाराय, छोटे मामा हास्य अभिनेता राजेन्द्रनाथ, नरेन्द्रनाथ ने भी अपनी नाकारात्मक के लिए अपनी अलग पहचान बनायी है।अब इनमें से कई के पुत्र-पुत्रियाँ भी अभिनय के क्षेत्र में सक्रिय हैं। यहाँ यह भी सच है कि फिल्मी परिवार में पैदा होने और कलाकारी विरासत में मिलने के बाद भी उन्होंने उनसे पूरी तरह अलग स्वतंत्र पहचान बनने में सफल रहे।
ऋषि कपूर का फिल्मी कलाकर का सफर अपने पिता की फिल्म ‘श्री 420’ के एक गीत‘ प्यार हुआ इकरार हुआ है’’ बरसात में भीगते तीन बच्चों में से एक बच्चे के बाद फिल्म ‘‘मेरा नाम जोकर’ के अपनी अध्यापिका के प्रति अशक्त किशोर (अपने पिता की किशोर भूमिका) से होता हुआ फिल्म ‘‘बॉबी’में युवा विद्रोही प्रेमी की भूमिका से फिल्मों युवा दर्शकों के दिलों में अपने सशक्त अभिनय से ऐसी अमिट छाप छोड़ी, जो उन्हीं तरह अब जीवन सन्ध्या में अपनी जिन्दगी बसर कर रहे उनके प्रेमियों के मनमस्तिष्क में जस की तस बनी हुई है।उनके फिल्मी सफर पर विराम ‘बॉडी’’फिल्म में निभायी भूमिका के साथ अब समाप्त हो गया।
यद्यपि ऋषि कपूर ने अपनी अधिकांश फिल्मों में ऐसे रोमांटिक प्रेमी की भूमिकाएँ की, जो हर तरह से युवतियों को अपनी ओर आकर्षित कर उनके मनमन्दिर में जगह बनाने को विवश कर दे।उनमें अपनी मनोहरी मुस्कराहट , भावभंगिमाओं और विशिष्ट नृत्य से युवतियों को मोहने कला में निपुण कलाकार थे। यद्यपि उनका पहला प्यार यामिनी , डिम्पल कपाड़िया, तथापि अन्तत‘ नीतू सिंह उनकी जीवनसंगिनी बनीं। वह कई मामलों में अपने पिता राजकपूर के असली वारिस थे।उन्हें अपनी पिता की तरह मित्रों, सहकर्मियों को दावतें देना बेहद पसन्द थे।
उन्होंने अपनी फिल्मी यात्रा में ं अपनी अभिनेत्री धर्मपत्नी नीतू सिंह समेत कोई 20 प्रसिद्ध अभिनेत्रियों के साथ कार्य किया है। इनमें उनकी धर्मपत्नी नीतू सिंह के साथ हिरोइन की निभायी फिल्में बहुत अधिक लोकप्रिय रही हैं। इनमें से अपने समय की कई लोकप्रिय अभिनेत्रियाँ जिनके साथ ऋषि कपूर ने हीरो बने हैं – उनमंे से हैं- डिम्पल कपाड़िया, नीतू सिंह, रंजीता, जूही चावला, टीना मुनीम, माधुरी दीक्षित, पद्मनी कोल्हापुरे, आदि हैं। ऋषि कपूर की कुछ अधिक चर्चित फिल्मों बॉबी, लैला मजनू, नसीब, अमर अकबर अन्थोनी, प्रेम रोग,कर्ज, कभी-कभी, चाँदनी, प्यार के काबिल, दीवाना, नागिना आदि हैं । ऋषि कपूर ने अपने पिता के राजकपूर फिल्म्स के बैनर तले ‘प्रेमग्रन्थ’ का निर्देशन की ऋषि कपूर ने फिल्म के रोमाण्टिक चॉकलेटी हीरो के बजाय दूसरी की उनमंे ‘अग्निपथ’ में उन्होंने क्रूर खलनायक की यादगार भूमिका निभायी थी। ‘दो दूनी चार’, ‘कपूर एण्ड सन्स’ ‘मुल्क’ और ‘एक सौ दो नाट आउट’ में अभिताभ बच्चन के साथ निभायी भूमिका भी अविस्मरणीय है। उन्हें श्रेष्ठ अभिनय के लिए फिल्म फेयर अवार्ड समेत कई दूसरे पुरस्कार मिले। ऋषि कपूर ने अपनी जीवनी‘खुल्लम खुुल्ला’शीर्षक से लिखी थी, जिसमें तमाम अचर्चित घटनाओं का उल्लेख किया था।
ऋषि कपूर की दो सन्तानें हैं-पुत्री रिद्धिमा और अभिनेता रणवीर कपूर हैं,जो अपने पिता, बाबा, परबाबा की राह पर चलते हुए अभिनय के नये-नये आयाम स्थापित कर रहा है। इनमें रिद्धिमा का विवाह हो चुका है और रणवीर कपूर की अभिनेत्री अलिया भट्ट से भविष्य में होने की चर्चा है। अब वह कोई प्रातः पौने नब्बे बजे 30 अप्रैल, 2020 को इस दुनिया को अलविदा कर चले गए। ईश्वर उनकी आत्मा का शान्ति प्रदान करे।
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