(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।मोतीझील स्थित श्रीराधा उपासना कुंज में ब्रज अकादमी के तत्वावधान में चल रहे ब्रज के प्रख्यात संत श्रीपाद बाबा महाराज के 28वें त्रिदिवसीय समाराधन महोत्सव के अंतर्गत वृहद संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ।
जिसमें अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीराधा उपासना कुंज के महंत बाबा संतदास महाराज एवं पूज्य बाबा महाराज की शिष्या व ब्रज अकादमी की सचिव साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव श्रीपाद बाबा महाराज अत्यंत सेवाभावी व नि:स्पृह संत थे।वे पूर्ण समर्पण के साथ निर्धन, निराश्रित व दीन-दुखियों की सेवा करते थे।उन जैसी विभूतियों का तो अब युग ही समाप्त होता चला जा रहा है।
अध्यक्षता करते हुए अखंडानंद आश्रम (आनन्द वृन्दावन) के संत स्वामी महेशानंद सरस्वती महाराज एवं ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीपाद बाबा महाराज श्रीधाम वृंदावन, ब्रज संस्कृति एवं ब्रजवासियों के परम हित चिंतक थे।उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन इन्हीं की सेवा व संरक्षण के लिए समर्पित किया।ऐसे दिव्य संत का दर्शन ही कोटि-कोटि यज्ञ करने के समान मंगलकारी और कल्याणकारी होता है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं भागवताचार्य डॉ. रामदत्त मिश्रा ने कहा कि भगवद्प्राप्त संतों का जीवन सदैव ही जीव कल्याण के लिए समर्पित रहता है। जैसे नदी स्वयं अपना जल नहीं पीती, वृक्ष स्वयं अपने फल नहीं खाता, वैसे ही संत भी जीव कल्याण के लिए ही पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।श्रीपाद बाबा महाराज ने अपना समूचा जीवन परोपकार में ही व्यतीत किया है। हम उनके चरणों में बारम्बार प्रणाम करते हैं।
बालशुक पुंडरीक कृष्ण महाराज एवं युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा ने कहा कि पूज्य श्रीपाद बाबा महाराज श्रीधाम वृन्दावन की बहुमूल्य निधि थे।ब्रज संस्कृति के प्रति उनके योगदान और समर्पण भाव को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
इस अवसर पर ब्रज अकादमी के निदेशक डॉ. बी.बी. माहेश्वरी, प्रमुख शिक्षाविद डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा, संत सेवानंद ब्रह्मचारी, श्रीमती पिंकी माथुर, मीरा अरोड़ा, डॉ. राखी सक्सैना (मुम्बई), अश्वनी माथुर, जीतू पाण्डेय, विमला देवड़ा, लक्ष्मण माहेश्वरी, रामजीवन शर्मा, नंदकिशोर शर्मा, मोहन सिंह, डॉ. लक्ष्मी माहेश्वरी, श्रीमती राजेश, वैभव (मुरादनगर), श्रीलाल शयाल, श्रीमती ममता खट्टर, प्रोफेसर अनिल सारस्वत, भानू प्रताप सारस्वत, श्रीमती वेणु सरीन, जगनमोहन त्रेहन, रमेश कोचड़, ब्रजमोहन हांडा, श्रीमती सुंदरी देवी, श्रीमती गीता, श्रीमती सीमा त्रिपाठी, भक्तिमती शशिबाला, नीलेश कुशवाहा, राजकुमार लोदी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
सायं को श्रीधाम वृन्दावन की प्रख्यात रासमंडली श्रीराधा कृष्ण बलराम रासलीला मंडल के द्वारा रासाचार्य स्वामी कृष्णकांत शर्मा के निर्देशन में रासलीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।
इससे पूर्व प्रातःकाल संत शिरोमणि श्रीपाद बाबा महाराज के चित्रपट का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।साथ ही भक्त-भगवंत अर्चा एवं समाज गायन आदि के कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
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