कार्यक्रम

धाम निष्ठ, नाम निष्ठ व धर्म निष्ठ थे श्रील भक्ति जीवन जनार्दन गोस्वामी महाराज : मधुसूदन गोस्वामी महाराज

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।सेवाकुंज गली स्थित श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में ब्रज के प्रख्यात संत श्रील भक्ति जीवन जनार्दन गोस्वामी महाराज का आविर्भाव महोत्सव श्रील भक्तिवेदांत मधुसूदन गोस्वामी महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।महोत्सव का शुभारंभ पूज्य महराजश्री के चित्रपट का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन व दीप प्रज्वलित करके किया गया।तत्पश्चात संतों-भक्तों के द्वारा श्रीहरिनाम संकीर्तन किया गया।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रील भक्तिवेदांत मधुसूदन गोस्वामी महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव श्रील भक्ति जीवन जनार्दन गोस्वामी महाराज धाम निष्ठ, नाम निष्ठ व धर्म निष्ठ थे।उन जैसी दिव्य विभूतियों से ही श्रीधाम वृन्दावन समूचे विश्व का ललाट बनकर शोभायमान हो रहा है।
चतु:संप्रदाय के श्रीमहंत बाबा फूलडोल बिहारीदास महाराज एवं भक्तिवेदांत भिक्षु महाराज ने कहा कि श्रील भक्ति जीवन जनार्दन गोस्वामी महाराज गौडीय संप्रदाय के परम् उपासक व भगवत्प्राप्ति संत थे।वे अपने पास आने वाले दीन-दुखियों की पीड़ा उनके बताने से पहले ही जान लेते थे।पृथ्वी पर अब ऐसे संतों के दर्शन बहुत ही कम होते हैं,जो अपना समूचा जीवन निर्धनों-निराश्रितों एवं असहायों की सेवा में समर्पित करते हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि भक्ति जीवन जनार्दन गोस्वामी महाराज श्रीमद्भावत, श्रीमद्भगवद्गीता एवं रामायण आदि कई धर्म ग्रंथों के प्रकांड विद्वान थे।उन्होंने कई ग्रंथों का अनेक भाषाओं में अनुवाद करके और उनका विश्वस्तर पर प्रकाशन कर असंख्य व्यक्तियों को धर्म के मार्ग से जोड़ा।साथ ही उनको प्रभु भक्ति की ओर अग्रसर करके उनका कल्याण किया।हम ऐसे परोपकारी संत के चरणों में बारंबार प्रणाम करते हैं।
महोत्सव में भक्ति वेदांत साधु महराज, भक्ति वेदांत दामोदर महाराज, ध्रुव गोस्वामी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, प्रेमप्रदीप दास, अच्युतानंद दास, बलराम प्रभु, निताई प्रभु, प्राणगोपाल प्रभु एवं पदाब्ज प्रभु आदि के अलावा देश – विदेश के असंख्य भक्त-श्रृद्धालुओं की उपस्थिति विशेष रही।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0146770
This Month : 5559
This Year : 84063

Follow Me