कार्यक्रम

पंजाब के संकटमोचन सेना महिला प्रकोष्ठ के द्वारा “सनातनी हिन्दू एकता पदयात्रा” के समर्थन में कराया गया सामूहिक संगीतमय सुंदरकांड पाठ, श्रीहनुमान चालीसा एवं वृहद संत-विद्वत सम्मेलन

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।मोतीझील क्षेत्र स्थित श्रीघीसा संत महामण्डल आश्रम में श्रीमहंत ज्ञान दास महाराज हनुमान गढी (अयोध्या) की सद्प्रेरणा से संकटमोचन सेना महिला प्रकोष्ठ,पंजाब की अध्यक्ष श्रीमती बहन मनप्रीत कौर (लुधियाना,पंजाब) के द्वारा श्रीबागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के निर्देशन में चलाई जा रही “सनातनी हिन्दू एकता पदयात्रा” के समर्थन में असंख्य ब्राह्मणों बटुकों के द्वारा सामूहिक संगीतमय सुंदरकांड पाठ, श्रीहनुमान चालीसा एवं वृहद संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ।
संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए संकटमोचन सेना महिला प्रकोष्ठ,पंजाब की अध्यक्ष बहन मनप्रीत कौर ने कहा कि वर्तमान में सनातन धर्मावलंबियों पर जो अधर्मियों और आक्रांताओं के द्वारा जो कुठाराघात किया जा रहा है,वो बहुत ही निंदनीय और भयाभय है।ऐसे में श्रीबागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री महाराज के द्वारा जो “सनातनी हिन्दू एकता पदयात्रा” निकाली जा रही है,उससे न केवल सभी हिन्दू समाज एकत्र होगा बल्कि सनातन धर्म पर हो रहे हमलों का मुंह तोड़ जवाब भी देगा।
सेवा मंगलम् के अध्यक्ष संत प्रवर गोविंदानंद तीर्थ महाराज एवं श्रीपीपापीठाधीश्वर जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि बड़े ही दुर्भाग्य का विषय है, कि सनातन की धरती पर सनातनी धर्मावलंबी ही असुरक्षित हैं।आज यदि हम सभी एकत्र न हुए तो, वो दिन दूर नहीं जब हमें हमारी ही मातृ भूमि से ओझल होना पड़ेगा।इसीलिए हम सभी “सनातनी हिन्दू एकता पदयात्रा” का पूर्ण समर्थन करते हैं।
महामंडलेश्वर स्वामी अक्षयानन्द महाराज (इंदौर, मध्यप्रदेश) एवं प्रमुख समाजसेवी पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि जो लोग कहते हैं, कि हिन्दू समाज सोया हुआ है,ये कथन बिल्कुल गलत है।वास्तव में हिन्दू समाज में चेतना लाने की आवश्यकता है।जो कार्य वर्तमान में श्रीबागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री महाराज के द्वारा “सनातनी हिन्दू एकता पदयात्रा” के माध्यम से किया जा रहा है, वो अति प्रशंसनीय और महत्वपूर्ण कार्य है।
पलवल से पधारे क्रांतिकारी नेता एवं प्रमुख समाजसेवी दिनेश चौहान ने कहा कि अधर्मी लोग सनातन धर्मावलंबियों को कमजोर और भयभीत समझने की भूल न करें।हम सभी धर्मों का आदर करते हैं परन्तु हमारे धर्म पर कोई आघात करे, यह हम किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे।वक्त आने पर हिन्दू समाज भी ईंट का जवाब पत्थर से दे सकता है।
कार्यक्रम के संयोजक आचार्य अंशुल पाराशर एवं प्रख्यात चित्रकार, चित्रकला कोविद द्वारिका आनंद ने कहा कि जब धर्म के आधार पर भारत के दो बड़े हिस्सों को इस्लामिक देश बना दिया गया, तो भारत को अब तक हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं बनाया गया।हम भारत सरकार से ये मांग करते हैं कि वो शीघ्रातिशीघ्र भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करे।
संत-विद्वत सम्मेलन में नगर निगम,दिल्ली के पूर्व आयुक्त डॉ. मदन लाल शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, भक्ति वेदांत मधुसूदन महाराज, महंत प्रहलाद दास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी सत्यानंद सरस्वती महाराज (अधिकारी गुरुजी), धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज, आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, स्वामी राघवानंद महाराज, स्वामी रामेश्वरानंद महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य विष्णुकांत भारद्वाज, बालकृष्ण दास महाराज, चंदन मुनि, भाई अमन (लुधियाना), दीपक, हरिहर मुद्गल, चैतन्य स्वरूप, भागवताचार्य सुमंत कृष्ण महाराज, करुणा शंकर त्रिवेदी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
आयोजन के अंतर्गत विभिन्न संतों, विद्वानों एवं धर्माचार्यों के द्वारा संकटमोचन सेना महिला प्रकोष्ठ,पंजाब की अध्यक्ष श्रीमती बहन मनप्रीत कौर का प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिन्ह अंगवस्त्र एवं ठाकुरजी का पटुका-प्रसादी-माला आदि भेंट कर सम्मान किया गया।साथ ही ठाकुर बांके बिहारी महाराज से उनके यशस्वी, सुखद व दीर्घायु जीवन की मंगल कामना की गई।संचालन महामहोपाध्याय आचार्य बद्रीश महाराज ने किया।आयोजन में पधारे सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत,सत्कार एवं धन्यवाद ज्ञापन संयोजक आचार्य अंशुल पाराशर ने किया।

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