कार्यक्रम

हरिराम व्यास के 514 वें चतुर्दिवसीय प्राकट्योत्सव के द्वितीय दिन हुआ “होली लीला” एवं “ठाकुरजी और सखियों के बीच संवाद” के पदों का गायन

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।बाग बुंदेला क्षेत्र स्थित किशोर वन में चल रहे विशाखा सखी के अवतार हरित्रयी के आचार्य संत रसिक शेखर अनन्य शिरोमणि हरिराम व्यास के 514 वें चतुर्दिवसीय प्राकट्योत्सव के द्वितीय दिन संतों व भक्तों के द्वारा समाज-गायन किया गया।जिसमें “श्रीव्यास वाणी” के विभिन्न पदों “होली लीला” एवं “ठाकुर युगलकिशोरजी और सखियों के बीच संवाद” का संगीतमय सस्वर गायन किया।जिसमें हरिराम व्यास कृत “रतन जटित पिचकारी भरि-भरि छिरकत चतुर सुजानि”, “मानहुं तरून तमालहिं लपटी, कनकलता बहुबेलि, गोरोचन मुख लेप्यो, लिखी छबीली भौंह”, “ये ढोटा वृषभानु राय सुवल तुम्हारी सौंह”, “देखति सोभा ब्रजपति रानी, आनन्द मन महॅ होई, आजु रोहिनी भाग हमारौ, ताहिन पूजै कोई” आदि पदों का गायन किया गया।
महोत्सव के अंतर्गत किशोर वन के वरिष्ठ सेवायत आचार्य घनश्याम किशोर गोस्वामी एवं आचार्य जयकिशोर गोस्वामी ने समाज मुखिया, समस्त समाजियों एवं रसप्रेमियों का अंगवस्त्र, माल्यार्पण, चंदन एवं सुगंधित द्रव्य प्रदान कर सम्मान किया।
इस अवसर पर मुखिया प्रेमदास, अलबेली शरण, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, डॉ. राधाकांत शर्मा, महंत मधुमंगल शरण शुक्ल, गोपालजी, आचार्य हेमकिशोर गोस्वामी, चंद्र किशोर गोस्वामी, उपेन्द्र किशोर गोस्वामी, हित किशोर गोस्वामी, ललित किशोर गोस्वामी, उत्कर्ष किशोर गोस्वामी आदि उपस्थित थे।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0146860
This Month : 5649
This Year : 84153

Follow Me