राजनीति

अब कहाँ गए किसानों के हिमायती ?

डॉ.बचन सिंह सिकरवार
यूँ तो वक्फ बोर्ड के वर्तमान स्वरूप लेकर देश के सभी राज्यों के विभिन्न वर्गों के लोग पीड़ित, हैरान- परेशान हैं,इनमें सर्वाधिक पीड़ित किसान हैं,जिनकी पुश्तैनी जमीनों पर वक्फ अपना दावा कर रहा है। लेकिन किसानों के इतने बड़े मुद्दे पर किसान संगठनों के नेता पूरी तरह खामोश बने हुए हैं, जबकि ये ही किसान नेता उनके हितों खासकर उसकी उपज के दाम/एमएसपी बढ़वाने के लिए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं को महीनों घेरे रहे थे। उनके इस रवैये के विपरीत भाजपा के नेतृत्व वाली जनतांत्रिक गठबन्धन(एनडीए) वाली केन्द्र सरकार न केवल वक्फ बोर्ड के वर्तमान स्वरूप को बदलने के लिए ‘वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक‘ लेकर आयी है, वरन् हाल में वक्फ बोर्ड द्वारा जिन राज्यों में किसानों की भूमि को अपना बताते हुए अपना दावा किया है, वहाँ वह खुलकर किसानों के समर्थन में आ रही है। इससे किसान संगठनों के नेताओं का यह आरोप भी अब मिथ्या सिद्ध हो रहा है कि भाजपा किसान विरोधी है। वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की भूमि पर अपने दावे के बावजूद किसान संगठनों के नेता खामोश हैं। इसे देखकर लगता है कि उनका विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार को परेशान करना था। वैसे भी वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों पर वक्फ भूमि और सम्पत्तियों को खुर्दबुर्द करने और उन पर नाजायज करने का आरोप लगते आए हैं।अब जब केन्द्र सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक लायी है, तो उसका पंथनिरपेक्ष, वामपंथी और मुस्लिम नेता खुलकर विरोध कर रहे हैं। यह सब देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी)गठित की हुई है, लेकिन गैर भाजपा पार्टियों के सांसद उसमें सुसंगत सुझाव देने के स्थान पर हर बैठक में विध्न/बाधाएँँ उत्पन्न करते रहते हैं। यहाँ तक कि तृणमूल काँग्रेस के सांसद ने तो इसके अध्यक्ष जगदम्बिका पाल पर काँच की बोतल तोड़ कर फेंक मारी दी। वैस्े वक्फ बोर्ड द्वारा नई दिल्ली स्थित नए संसद भवन समेत कई सरकार इमारतों और सैकड़ों साल पुराने मन्दिरों की भूमि पर अपना दावा जताया रहा है। उसके इन दावों से केवल हिन्दू किसान ही नहीं,बल्कि मुस्लिम किसान भी परेशान हैं। इस बोर्ड के पास देश में सेना, रेलवे के बाद सबसे अधिक भूमि है। उसके पास 1.2लाख करोड़ रुपए से ज्यादा सम्पत्तियाँ है। 8लाख एकड़ से अधिक भूमि है। इस बीच जमीअत हिमायतुल इस्लाम के अध्यक्ष कारी अबरार जमाल का आरोप है कि मुस्लिम नेताओं ने सहारनपुर स्थित जामा मस्जिद के सामने वक्फ की 600गज भूमि पर गैरकानूनी कब्जा कर मार्केट बनवा दिया गया है।इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं।कई लोग आईएमआईएम के सांसद असद्दुदीन ओवैसी पर भी वक्फ सम्पत्तियों के दुरुपयोग लगा रहे हैं। ऐसी ही धांधलियों का आरोप राश्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक मुफ्ती वजाहत कासमी ने भी लगाया है।इनका तो यह भी कहना है कि वक्फ सम्पत्तियों को देश के नाम कर देना चाहिए।
भाजपा नेताओं के प्रयासों के कारण कर्नाटक सरकार को किसानों को भेजे नोटिस वापस लेने को विवश होना पडा है। इसी 7नवम्बर को वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक की समीक्षा के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल को हुबली/कर्नाटक के उŸारी कर्नाटक के हुबली, विजयपुरा, बीदर,कलबुर्गी, बगलकोटे,बेलगावी 500 से अधिक ऐसे किसानों ने याचिकाएँ दी हैं जिनकी जमीनों पर वक्फ बोर्ड अपने होने का दावा किया है,जबकि विगत 70सालों वे खेतीबाड़ी कर रहे हैं। वस्तुतः कुछ समय पहले कर्नाटक के विजयपुरा, कलबुर्गी, बीदर आदि जिलों के किसानों को नोटिस भेजकर कहा गया कि उनकी जमीन अब वक्फ की सम्पत्ति है। इसके साथ ही किसानों की भूमि के स्वामित्व बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।इसके बाद किसानों से अपने क्षेत्रों की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से सम्पर्क कर भूमि बचाने की गुहार लगायी। जहाँ तक वक्फ बोर्ड की स्वेच्छाचारित/मनमानी का प्रश्न है तो कर्नाटक के अकेले विजयपुरा जिले के होनावदा गाँव के किसानों को नोटिस भेजकर उनकी 15,00एकड़ भूमि को वक्फ सम्पत्ति बताया गया। इसके पश्चात् जब भारतीय जनता पार्टी ने विरोध व्यक्त किया। इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने घोशणा कि किसानों को भेजे गए नोटिस वापस लिए जाएँगे। फिर कर्नाटक सरकार ने माना कि ये नोटिस अधिकारियों की गलती से भेजे गए। इतना ही नहीं, सरकार की ओर यह स्पश्टीकरण दिया गया होनावदा गाँव में सिर्फ 11एकड़ वक्फ की है,बाकी कृशकों की।इधर किसानों को कहना है कि इस 11एकड़ भूमि में से भी 10एकड़ श्मशान की है। दरअसल,कर्नाटक के इस वक्फ बोर्ड भूमि प्रकरण के पीछे वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमीर अहमद खान हाथ रहा है। उन्होंने वक्फ अधिनियम बदलाव की पहल को दृश्टिगत रखते हुए जल्दबाजी में बगैर रिकॉर्ड की जाँचे हजारों किसानों को नोटिस भेजकर उनकी भूमि को वक्फ की भूमि घोशित कर दिया।यहाँ तक कि मुसलमान किसानों को भी ऐसे नोटिस भेज दिये।। इसके अलावा भारतीय पुरातŸव सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण वाली अनेक ऐतिहासिक इमारतों को भी वक्फ सम्पत्ति घोशित करने के नोटिस जारी कर दिये गए। इससे पहले भी वक्फ बोर्ड ने तिरुचिरालीपल्ली जिले के तिरुचेंथुराई गाँव के डेढ़ हजार साल पुराने मन्दिर, उसकी भूमि तथा लगभग पूरे गाँव की जमीन पर अपना दावा ठोंक दिया,जबकि वक्फ बोर्ड के पास उसके स्वामित्व से सम्बन्धित कोई दस्तावेज नहीं हैं,जबकि इस मन्दिर के 15,00वर्श पुराने होने का प्रमाण शिलालेख उपलब्ध है। उस समय दुनिया में इस्लाम का प्रार्दुभाव भी नहीं हुआ था। फिर भारत में यह मजहब का प्रवेश बहुत बाद में हुआ। तिरुचेंथुराई गाँव का यह घोटाला भी तब खुला, जब एक किसान ने अपनी भूमि बेचने का प्रयास किया। फिर जब उसके मामले की जाँच की,तब उसका बोर्ड का दावा फर्जी मिला। उस पड़ताल में यह भी मालूम हुआ कि वक्फ बोर्ड भूमि से सम्बन्धित मिथ्या अभिलेख बनाये हुए हैं। था।अब कर्नाटक से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया है कि 2022 हावेरी जिले के एक किसान रूद्रापा चेनप्पा ने वक्फ बोर्ड द्वारा उसकी जमीन पर अपना दावा किये जाने से परेशान होकर आत्महत्या की थी।
वक्फ बोर्ड की 1.2लाख करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्तिय है तथा 8लाख एकड़ से ज्यादा भूमि है। 1954 में पहली बार वक्फ बोर्ड अधिनियम पारित हुआ और 1995 नया वक्फ बोर्ड अधिनियम पारित हुआ। 2013में वक्फ बोर्ड को केन्द्र सरकार ने इसे यह असीमित अधिकार दे दिया कि यह जिसे अपनी भूमि बता दे,वह उसकी हो जाएगी।उसके इस दावे के खिलाफ किसी सिविल न्यायालय में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।इसके लिए वक्फ की अदालत में सुनवायी होगी,जिसमें सुनवायी करने वाले वक्फ बोर्ड के सदस्य होंगे।
वक्फ बोर्ड की अवैध असीमित शक्तियों पर लगाम लगाने के लिए ‘वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक’लाया गया,पर अल्पसंख्यक मुसलमानों के एकमुश्त वोटों के प्रलोभन में इसका अन्ध विरोध किया जा रहा है,जबकि इससे हिन्दू और मुसलमान समान रूप से सभी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे आवश्यक है कि मजहबी भेदभाव भूलकर वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक की मुखालफत के लिए खुलकर सामने आना चाहिए,ताकि वक्फ में दी गई भूमि और दूसरी सम्पत्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सके।
सम्पर्क-डॉ. बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003 मो. नम्बर-9411684054

 

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0104212
This Month : 9726
This Year : 41505

Follow Me