कार्यक्रम

धूमधाम से संपन्न हुआ प्राचीन योगमाया मन्दिर का वार्षिकोत्सव

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।सेवाकुंज गली स्थित श्री योगमाया मंदिर में मन्दिर का प्रभु प्रेम प्राप्ति वार्षिक महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।सर्वप्रथम श्रीकृष्ण कालीन योगमाया की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कर उनका वैदिक मंत्रोच्चार एवं हरिनाम संकीर्तन के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।साथ ही उनकी महाआरती की गई।जिसमें तमाम गौडीय संत-विद्वान एवं देशी-विदेशी भक्त-श्रद्धालु उपस्थित रहे।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में त्रिदंडी स्वामी भक्तिवेदांत मधुसूदन महाराज “विश्वबंधु” ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की समस्त लीलाएं योगमाया के द्वारा ही हुई हैं।वस्तुत: यह भगवान श्रीकृष्ण की अभिन्न स्वरूप हैं।महाभारत युद्ध के समय अर्जुन ने युद्ध आरंभ करने से पूर्व इन्हीं का स्तवन किया था।भगवान श्रीकृष्ण की सभी लीलाओं में योगमाया की प्रमुख भूमिका रही है।
चतु:संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज एवं भक्ति मयूर स्वामी भिक्षु महाराज ने कहा कि योगमाया को भगवान श्रीकृष्ण ने दुष्टों का संहार करने के लिए स्वयं प्रगट किया था।अत: यह समस्त ब्रजवासियों की परमाराध्य हैं।श्रीमद्भागवत में इन्हीं को विंध्यवासिनी व शिवपुराण में माता सती का अंश बताया गया है।
वरिष्ठ साहित्यकार व आध्यात्मिक पत्रकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि ने कहा कि योगमाया एक स्वरूप में भगवान श्रीकृष्ण की बहन के रूप में प्रसिद्ध हैं,तो दूसरे स्वरूप में यह पौर्णमासी देवी के रूप में समस्त ब्रजवासियों की परम गुरु स्वरूपा होकर हितोपदेश प्रदान करने वाली मानी गई हैं।
इस अवसर पर स्वामी गोकुलानंद महाराज, भक्ति वेदांत साधु महाराज, आचार्य ध्रुव गोस्वामी, स्वामी गोविंद महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, राधानाथ दास, पण्डित रमाकांत शास्त्री, प्रेम प्रदीप दास, राधारमण दास, ब्रजराज दास, रोहिणी नंदन दास, मधुकर दास, उज्जवल दास, राजेंद्र कृष्ण महाराज, वृन्दावन दास एवं रविदास आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।वार्षिकोत्सव का समापन संत,ब्रजवासी,वैष्णव सेवा के साथ हुआ।महोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0107479
This Month : 2800
This Year : 44772

Follow Me