(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।मदनमोहन घेरा स्थित श्रीराधा केलि कुंज (निकट श्री सनातन गोस्वामी समाधि मंदिर) में चल रहा पूज्य संत घनश्याम दास ठाकुरजी महाराज का 89 वां त्रिदिवसीय जन्म महोत्सव अत्यंत धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।सर्वप्रथम पूज्य संत घनश्याम दास ठाकुरजी महाराज के चित्रपट का संतों व भक्तों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।तत्पश्चात पूज्य घनश्याम दास ठाकुरजी महाराज द्वारा रचित पदों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।इस अवसर पर आयोजित वृहद संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीगोरीलाल कुंज के श्रीमहंत स्वामी किशोर दास देवजू महाराज ने कहा कि संत घनश्याम दास ठाकुरजी महाराज अत्यंत मृदुभाषी व उदारवादी थे।उन्होंने प्राचीन वृन्दावन को हृदय में धारण कर प्रिया-प्रियतम की माधुर्यमयी लीलाओं का दर्शन किया था।
प्रख्यात रासाचार्य स्वामी कुंजबिहारी शर्मा ने कहा कि संत घनश्याम दास ठाकुरजी गीता वाटिका (गोरखपुर) के प्रख्यात संत राधा बाबा एवं प्रकांड विद्वान हनुमान प्रसाद पोद्दार (भाईजी) के भी विशेष कृपा पात्र थे।उनके द्वारा सैकड़ों पदों की रचना की गई।पूर्व में उनका स्मृति ग्रंथ भी प्रकाशित हो चुका है।
ब्रज साहित्य सेवा मण्डल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि पूज्य घनश्याम दास ठाकुरजी महाराज श्रीधाम वृन्दावन की बहुमूल्य निधि थे।सांसारिक व भौतिक जीवन से उन्हें कोई मोह नहीं था। संत सेवा व गुरु भक्ति ही उनके जीवन के अभिन्न अंग थे।
महोत्सव में महंत किशोरी शरण महाराज (मुखिया),
संत रसराज दास महाराज, आचार्य संजय शास्त्री महाराज (ज्योतिषाचार्य), डॉ. चंद्रेश गुप्ता, इंजीनियर ब्रजेश मिश्रा, रमेश चंद्र सर्राफ, संगीतज्ञ मनमोहन शर्मा, गौरव भारद्वाज, शिक्षाविद डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा, रासाचार्य स्वामी जयप्रिया शरण महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, श्रीमती प्रीति शर्मा, पूर्व प्राचार्य शिवकुमार गोयल, संत विद्याधर दास, दिव्या शर्मा, राजीव शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।इससे साथ ही रास रस चर्चा, निकुंज रासलीला दर्शन एवं संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा (वृहद भंडारा) आदि के आयोजन भी सम्पन्न हुए।
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