(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।केशीघाट क्षेत्र स्थित मुरारी मोहन कुंज में श्रावण मास (हरियाली तीज) के अवसर पर ठाकुरजी का झूलन महोत्सव श्रीशुकाचार्य पीठाधीश्वर डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।जिसके अंतर्गत संतों व भक्तों के द्वारा ठाकुर विग्रहों को झूला झुलाया गया।साथ ही झूलों के पदों का संगीतमय गायन किया गया।
इस अवसर पर आयोजित संत विद्वत-सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद शास्त्री एवं सिंहपौर हनुमान मंदिर के महंत सुंदर दास महाराज ने कहा कि झूलन महोत्सव ब्रज मंडल की अति प्राचीन परम्परा है।जिसे यहां पर अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता है।उसी परंपरा का निर्वाह आज हमारे द्वारा दस दिवसीय झूलन महोत्सव के द्वारा हो रहा है।
श्रीशुकाचार्य पीठाधीश्वर डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री महाराज एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. रामसुदर्शन मिश्र ने कहा कि श्रावण मास में झूलन महोत्सव ब्रज की जीवन-शैली का एक अविभाजित हिस्सा है।यहाँ यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण और उनकी आल्हादिनी शक्ति राधा रानी के “झूलनोत्सव” के रूप में तीज से लेकर रक्षा बंधन तक पूरे 13 दिनों अत्यंत धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गोपाल चतुर्वेदी एवं महन्त रामदेव चतुर्वेदी ने कहा कि श्रावण मास भगवान शिव को भी अत्यधिक प्रिय है।इस मास में भगवान शिव का पूजन – अर्चन व अभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इस अवसर पर पंडित सुरेश चंद्र शर्मा, पण्डित महेश भारद्वाज, संगीताचार्य देवकी नन्दन शर्मा, पण्डित छैल बिहारी शर्मा, महंत प्रिया शरण महाराज, महंत संतोष पुजारी महाराज, पण्डित श्याम सुंदर ब्रजवासी, आचार्य मोहन लाल गौड़, डॉ. राधाकांत शर्मा, संजय शर्मा, संदीप कुमार पटवा, श्रीमती शिखा पटवा, विष्णुप्रिया पटवा, प्रधानाचार्य जगमिंदर, किरण देवी, अनिल, गौरव पटवा, सुमित पटवा, श्रीमती कविता भवरा, श्रीमती निधि आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।
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