(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित श्रीजी सदन (फोगला आश्रम) में वृन्दावन रासलीला संस्थान व श्रीभगवान भजनाश्रम के संयुक्त तत्वावधान में ब्रज के प्रख्यात रासाचार्य स्वामी डॉ. देवकीनंदन शर्मा के निर्देशन में 20 दिवसीय 42वां झूलन महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ प्रारंभ हो गया।महोत्सव का शुभारंभ जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने ठाकुर जी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित व आरती करके किया।इसके उपरांत नित्य रासलीला व अन्य लीलाओं का देर रात्रि तक अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।
जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि रासलीला ब्रज की अत्यंत प्राचीन परम्परा है। इसके निर्वहन से ब्रज संस्कृति सुदृढ़,संवर्धित व पल्लवित होती है।इस परम्परा का निर्वाह स्वामी देवकीनंदन शर्मा पूर्ण समर्पण के साथ पिछले 41 वर्षों से फोगला आश्रम में प्रतिवर्ष कर रहे हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि रासलीला भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का रसास्वादन करने का प्रमुख साधन है।यह हमारा सौभाग्य है कि हमें उनकी लीलाओं का दर्शन श्रीधाम वृन्दावन में सहज ही प्राप्त हो जाता है।
रासाचार्य स्वामी डॉ. देवकीनंदन शर्मा ने कहा कि रासलीला परम्परा ब्रज संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। इसके दर्शन करने से असंख्य लोग संस्कारित व लाभान्वित होते हैं। इसीलिए रासलीला के दर्शन करने के लिए लाखों देशी – विदेशी भक्त श्रीधाम वृन्दावन आते हैं।
इस अवसर पर श्रीभगवान भजनाश्रम के अध्यक्ष चांदबिहारी पाटौदिया, कोषाध्यक्ष बिहारीलाल सर्राफ, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, भारत भूषण शर्मा,सौरभ शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।























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