कार्यक्रम

फोगला आश्रम में अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा एवं श्रीगुरु पूर्णिमा महोत्सव

 

विश्वविख्यात आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज से महारास लीला श्रवण कर भाव-विभोर हुए श्रोता

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में द भागवत मिशन फाउंडेशन के द्वारा अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं श्रीगुरु पूर्णिमा महोत्सव के छठवें दिन व्यासपीठ से श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को महारास लीला, मथुरा गमन, कंस वध एवं भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह की कथा श्रवण कराई।साथ ही भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणि विवाह की अत्यंत दिव्य व भव्य झांकी सजाई गई।साथ ही विवाह से संबंधित बधाईयों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।
व्यासपीठ पर आसीन आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की महारास में सम्मिलित ब्रजगोपियां कोई साधारण स्त्रियां नहीं थी।वो पूर्व जन्म के महान तपस्वी ऋषि-मुनि थे।जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को अपने पति के रूप में पाने के लिए अनन्त युगों तक कठोर तपस्या की थी।इसीलिए ब्रजगोपियां भी भगवान श्रीकृष्ण के समान ही परम आनंदमयी व चिन्मयी थीं।
पूज्य महाराजश्री ने महारास लीला का प्रसंग श्रवण कराते हुए कहा कि महारास लीला भगवान श्रीकृष्ण की एक अद्भुत व परम रसमयी लीला है।जिसे उन्होंने असंख्य ब्रजगोपियों के हृदय की अभिलाषा को पूर्ण करने लिए व अभिमानी कामदेव के अभिमान को नष्ट करने के लिए श्रीधाम वृन्दावन के यमुना तट पर शरद पूर्णिमा की रात्रि को किया था।जिसमें उन्होंने अनेकों रूपों में अपनी बांसुरी बजाकर संपूर्ण विश्व को ब्रजमंडल की ओर आकर्षित किया।लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला के दर्शनों के लिए समस्त देवी-देवताओं के साथ भगवान शिव भी ब्रज गोपी का स्वरूप धारण कर श्रीधाम वृन्दावन पधारे थे।
महोत्सव में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख समाजसेवी दासबिहारी अग्रवाल, पंडित उमाशंकर, आचार्य राजा पंडित, डॉ. राधाकांत शर्मा, पंडित रवीन्द्र, अमित पाठक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0147353
This Month : 6142
This Year : 84646

Follow Me