(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित यशोदानंदन धाम के संस्थापक बैकुंठवासी स्वामी सी. बी. रामानुजम् का नवदिवसीय श्रीबैकुंठ महोत्सव और मूर्ति स्थापना महोत्सव विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम के साथ प्रारंभ हो गया है।जिसमे देश-विदेश के असंख्य भक्त-श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।इसी के अंतर्गत श्रीहनुमंत आराधन मंडल के द्वारा सुंदरकांड का संगीतमय सामूहिक पाठ हुआ।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए गुरु मां भावना रामानुजम ने कहा कि पूज्य महाराजश्री हनुमानजी महाराज के परम भक्त थे। इसीलिए वे सुंदरकांड और अन्य पाठों के अनुष्ठान वृहद स्तर पर प्राय: कराते रहते थे।
स्वामी ललित किशोर दास महाराज एवं भागवताचार्य विपिन बापू ने कहा कि श्रीहनुमानजी महाराज दास्यभाव की भक्ति के आचार्य हैं।इसीलिए वे भगवान श्रीराम के अत्यंत प्रिय सेवक हैं।उनकी पूजा व आराधना करने से हमें श्रीराम की अनन्य कृपा प्राप्त होती है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज ने कहा कि स्वामीजी रामानुज संप्रदाय की बहुमूल्य निधि थे।उन्होंने इस संप्रदाय के संवर्धन और संरक्षण के लिए अनेकानेक कार्य किए।
महोत्सव में श्रीराम कथा मर्मज्ञ अशोक व्यास महाराज, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, भागवाचार्य मुकेश मोहन शास्त्री, रासाचार्य स्वामी भुवनेश्वर वशिष्ठ,
स्वामी रामशरण शर्मा, आचार्य बुद्धिप्रकाश शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, पण्डित श्याम सुंदर ब्रजवासी, चैतन्य किशोर कटारे, पंडित राजेश किशोर शास्त्री आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महोत्सव में संत, विप्र, ब्रजवासी सम्मान और भोजन प्रसाद आदि के भी आयोजन संपन्न हुए।
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