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भक्ति, ज्ञान, वैराग्य की त्रिवेणी है श्रीमद्भागवत कथा : स्वामी यदुनन्दनाचार्य महाराज

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।जगन्नाथ घाट स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ पर आसीन आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी यदुनन्दनाचार्य महाराज ने सभी भक्तों-श्रद्धालुओं को उपदेश देते हुए कहा कि वर्तमान युग में श्रीमद्भागवत महापुराण की उपयोगिता एवं सनातन धर्म के स्थाईकरण के लिए आज के जीवन में मनुष्य को ज्ञानवान होना चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा भक्ति, ज्ञान, वैराग्य की त्रिवेणी है।जिसमें अव्वाहन करके वह अपने आप को सुधार सकता है।
आचार्य पीठाधीश्वर यदुनन्दन महाराज ने कहा कि इस भवसागर में बिना सद्गुरु की कृपा के जीव भव सिंधु से पार उतरने में अक्षम है।क्योंकि बृहत्व प्राप्त कर जाने के बाद भी यदि गुरुओं के चरणों में बैठकर ज्ञानार्जन ना किया, तो भी यह जीव इन संसार सागर से पार नहीं हो पाता। सद्गगुरु के चरण व आचार-विचार पर चलकर ही यह जीव सदगुरुदेव नाम की नौका में बैठकर ही इस संसार सिंधु से पर हो जाता है।
जगन्नाथ मंदिर के अध्यक्ष एवं महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान प्रकाश महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में जगन्नाथ प्रभु ही जगत के नाथ हैं। इनको प्रणाम किए जाने पर जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।साथ ही जगन्नाथ मंदिर के युवराज नील माधव ने आगंतुक समस्त भक्तों का स्वागत किया।
महोत्सव के अंर्तगत लुधियाना (पंजाब) से आए सैकड़ों भक्तों-श्रद्धालुओं ने श्रीमद्भागवत महापुराण ग्रंथ का पूजन-अर्चन किया।साथ ही आरती उतारकर भव्य उत्सव मनाया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, आचार्य पीठ के युवराज वेदान्त आचार्य, स्वामी श्रीरामसुदर्शनाचार्य महाराज, कन्हैया लाल बृजवासी, डॉ. राधाकांत शर्मा, अशोक, वैष्णव आदि उपस्थित रहे।

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