लेख साहित्य

सामयिक कुंडली

?????????????
कुटिल’कुचाली’ढीठता’लड़ी परस्पर जंग,
जीत हार तय करेगी लोकतंत्र का ढंग.
लोक तंत्र का ढंग छद्म छल लालच व्यापक,
मानवीय हीनता वोध के पुख्ता ज्ञापक.
वशीकरण हित जाप कर रहे लूटमंत्र का,
विकृत हुआ स्वरूप यथावत लोकतंत्र का.

गौरीशंकर सिंह

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0146738
This Month : 5527
This Year : 84031

Follow Me