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व्यक्ति के जीवन में व्याप्त तीनों तापों का नाश करती है श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा : जयंती नन्दन शरण महाराज

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित श्रीभागवत निवास में चल रहा सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यन्त श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।महोत्सव का समापन वैदिक मंत्रिच्चार के मध्य संपन्न हुई हवन की पूर्णाहुति के साथ हुआ।
इससे पूर्व व्यासपीठ पर आसीन भागवताचार्य जयंती नन्दन शरण मयूर कृष्ण महाराज (प्रभुजी) ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण की महिमा बताते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत केवल एक ग्रंथ ही नहीं अपितु स्वयं अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का वांग्यमय स्वरूप है।इसके श्रवण करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त तीनों तापों का नाश हो जाता है।साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में ऐसे धार्मिक आयोजन होते रहने चाहिए। इन्ही से प्राचीन भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति पल्लवित व पोषित होती है।श्रीधाम वृन्दावन की पावन भूमि वह दिव्य भूमि है,जहां जन-जन के आराध्य ठाकुर श्रीराधा-कृष्ण के चरण पड़े थे।इस दिव्य भूमि में श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा श्रवण करने से अन्य स्थानों की तुलना में शतगुणा अधिक फल प्राप्त होता है।
महोत्सव में भागवत निवास के महन्त वनमाली दास महाराज, सतेन्द्र जोशी, कथा के मुख्य यजमान पंकज बिंद्रा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, मीनाक्षी बिंद्रा, रोहिन बिंद्रा, कांता – सुभाष बंसल, ब्रजबाला – लाजपत राय बंसल, जितेन्द्र अग्रवाल, उर्मिल-उमेश बंसल ,आशा-आनंद किशोर अग्रवाल, अमित, नीलांजनी, शोभा मित्तल, गुंजन अग्रवाल,गोपिका शर्मा, पुष्कर अग्रवाल, रामानुज शर्मा, संत जुगल दास महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, नयन कृष्ण आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा हुआ।जिसमें असंख्य व्यक्तियों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।

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