कार्यक्रम

गौ रक्षा हेतु 251 विप्र कर रहे है 5 हजार वर्ष प्राचीन अक्रूर के पंचमुखी हनुमान मंदिर पर आराधना

 

कामधेनु स्वरूप गौमाता साक्षात कल्पतरू है : शैलजकांत मिश्रा

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।अक्रूर घाट स्थित श्रीपंचमुखी हनुमान मंदिर में गौसेवा मिशन के द्वारा गौ-राष्ट्र रक्षा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि व काशी विश्वनाथ मुक्ति हेतु 40 दिवसीय श्रीहनुमंत जन्म महोत्सव के अंतर्गत संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ।जिसमें गौ महिमा पर प्रवचन करते हुए गौसेवा मिशन के अध्यक्ष, प्रख्यात संत, गौ कृपा मूर्ति स्वामी कृष्णानन्द महाराज “भूरी वाले” ने कहा कि गाय एक दिव्य प्राणी है। यह पृथ्वी पर जीवों के पास मंगल हेतु श्रीहरि की देन है।जिस घर में गाय की सेवा होती है, उस घर के कलह-कलेश व सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।वस्तुत: गौ माता गृह-नक्षत्रों के समस्त अशुभ प्रभावों को अपने ऊपर लेकर अपने सेवक को अभय दान देती है।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्रा ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में आदि काल से ही वेदों, उपनिषदों, पुराणों एवं संतों की वाणी में गौ वंश की महिमा का वर्णन है।जिसमें गाय को माता कहा गया है।कामधेनु स्वरूप गौमाता साक्षात कल्पतरू है।
याज्ञिक रत्न आचार्य विष्णुकांत शास्त्री एवं आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने कहा कि प्राकृतिक विज्ञान के अनुसार एक गाय अनेक प्राणियों का पोषण करने में सक्षम है।गाय के दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर से प्राप्त पंचगव्य ओषधियां मानव के लिए बहुमूल्य वरदान है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज ने कहा कि गौमाता द्वारा प्रदत्त दुग्ध पदार्थ, ओषधियां, व अन्य लाभ किसी जाति विशेष के लिए लाभकारी नही है।अपितु ये संपूर्ण विश्व के लिए अति उपयोगी हैं। अत: हमें जाति-पाति, समुदाय, धर्म की सीमा से उठकर गौ संरक्षण, गौ संवर्धन व गौ शालाओं के विकास का कार्य करना चाहिए।
तत्पश्चात् विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने अपनी सुमधुर वाणी में देश-विदेश से आए असंख्य भक्तों-श्रृद्धालुओं को छठवें दिवस की कथा के अंतर्गत महारास लीला, कंस वध एवं भगवान श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह आदि की कथा श्रवण कराई।साथ ही भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह की अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक झांकी सजाई गई।साथ ही विवाह की बधाइयों का गायन किया गया।
इस अवसर पर चतु:संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज, प्रमुख धर्माचार्य मनुश्री महाराज, गोपेश कृष्णदास महाराज,महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद शास्त्री, आचार्य संतोष पाण्डेय (मेहंदीपुर बालाजी), सिंहपौर हनुमान मंदिर के महंत सुंदरदास महाराज, आचार्य बद्रीश महाराज, पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, संत सेवानंद ब्रह्मचारी, प्रमुख समाजसेवी रामकिशन अग्रवाल(बसेरा ग्रुप), पण्डित दिनेश कौशिक, स्वामी अवधेशानंद महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, भूपेश भारद्वाज, लोकेश गोस्वामी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

About the author

Rekha Singh

Add Comment

Click here to post a comment

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0181825
This Month : 68
This Year : 119118

Follow Me