(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी,)
वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में ठाकुर श्रीराधा रसबिहारी महाराज का अष्टदिवसीय द्वितीय पाटोत्सव विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्य अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।जिसके अंतर्गत चल रही श्रीमद्भागवत कथा व्यासपीठ से आचार्य महन्त चंद्रदास (राधिका दास)महाराज ने देश – विदेश से आए असंख्य भक्तों-श्रद्धालुओं को भक्ति की महिमा बताते हुए कहा कि प्रभु भक्ति पाने के लिए हमें सदगुरु की परम् आवश्यकता होती है।सदगुरु का आश्रय लिए बिना प्रभु की भक्ति मिलना संभव नहीं है।जिस प्रकार नदी पार करने के लिए नौका की आवश्यकता होती है,उसी प्रकार भवसागर पार करने के लिए हमें अपने जीवन में सदगुरु अवश्य बनाने चाहिए।जिससे कि हमारा कल्याण हो सके।
उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा कल्पवृक्ष के समान सभी मनोरथों को पूर्ण करने वाली है।इसकी कथा श्रवण करने से संसार के सभी तापों का नाश हो जाता है।साथ ही जीव को प्रभु की दुर्लभ भक्ति सहज ही में प्राप्त हो जाती है।
महोत्सव में विशिष्ठ अतिथि के रूप में पधारे नगर आयुक्त
सीपी पाठक ने श्रीमद्भागवत महापुराण का पूजन-अर्चन कर व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर श्रीनामदेव कलाधारी आश्रम पीठाधीश्वर महंत जयराम दास महाराज, वरिष्ट साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, जगदीश शुक्ला, कृष्णा शुक्ला, सुशील शुक्ला, प्रदीप शुक्ला, पवन शुक्ला, राजकुमार यादव, डॉ. राकेश यादव, राधाकृष्ण जांगिड़ (जयपुर) ,राम किशन जांगिड़, पूनम वैष्णव आदि की उपस्थिति विशेष रही।
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