लेख साहित्य

शोक पर्व है गुडफ्राइडे

डॉ.बचन सिंह सिकरवार
दुनियाभर में ईसाइयों द्वारा यह त्योहार कैलवरी में ईसा मसीह के शूली पर चढ़ाये जाने से हुई मृत्यु के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इसे ये लोग ‘गुडफ्राइडे’ , ‘होली फ्राइडे’ ,‘ब्लैक फ्राइडे’ या फिर ‘ग्रेट फ्राइडे’ भी कहते हैं। यह त्योहार ‘पवित्र सप्ताह’ के दौरान मनाया जाता है, जो ‘ईस्टर सण्डे’ से पहले पड़ने वाले ‘शुक्रवार‘ को मनाया जाता है। इस पर्व को विश्वभर के ईसाई अपने-अपने तरीके से मनाते हैं।
इसका पालन पाश्कलट्रीडम के अंश के तौर पर किया जाता है। यह अक्सर यहूदियों के पासोवर के साथ पड़ता है। ‘सन्हेद्रिन ट्रायल ऑफ जेयुस’ के आध्यात्मिक विवरणों के अनुसार यीशू का क्रूसिफिकेशन सम्भवतः किसी शुक्रवार को किया गया था। दो भिन्न वर्गों के अनुसार गुडफ्राइडे का अनुमानित वर्ष ए.डी. 33 है,जबकि आइजक न्यूटन ने बाइबिल और जूलियन कैलेण्डर के बीच के अन्तर और चाँद के आकर के आधार पर गणना की है कि वह वर्ष मूलतः ए.डी. 34 है। यीशू को मन्दिर के प्रहरियों ने गेथ्सेमाने गॉर्डन में उनके शिष्य यहूदा इस्कीरियोती की अगुवाई में गिरपतार किया था। यहूदा ने (चाँदी के के 30 टुकड़े के बदले यीशू से विश्वासघात किया था) और मन्दिर के प्रहरियों से कहा था कि वह जिसका चुम्बन लेगा, उसे ही उन्हें गिरपतार करना है। यीशू को गिरपतार कर अन्नास के घर लाया गया, जो तत्कालीन उच्च पुरोहित काइयाफस का ससुर था। वहाँ उनसे पूछताछ की गई, किन्तु उसका कोई खास नतीजा नहीं निकला। इसके बाद उन्हें उच्च पुरोहित काइयाफस के पास भेज दिया गया। जहाँ सन्हेद्रिन इकट्ठे हुए थे। कई गवाहों ने यीशू के खिलाफ विरोधाभाषी बयान दिये, जिनका यीशू ने कोई जवाब नहीं दिया। अन्त में उच्च पुरोहित ने यीशू को कहा,‘‘ मैं तुम्हें ईश्वर के नाम का वास्ता देकर तुम्हें आदेश देता हूँ कि तुम हमें बताओ कि क्या तुम ही एकमात्र अभिषिक्त व्यक्ति, परमेश्वर के पुत्र हो ?’’ यीशू ने सकारात्मक उत्तर देते हुए कहा, ‘‘तुमने कहा और समय आने पर तुम देखोगे कि स्वर्ग के बदलों के बीच मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठा है।’’ उच्च पुरोहित ने यीशू को ईश्वर निन्दा का दोषी ठहराया और सर्वसम्मति से यीशू के मामले में सन्हेद्रिन की सुनवाई में यीशू को मौत की सजा सुनायी। पीटर ने भी पूछताछ के दौरान यीशू को पहचानने से तीन बार इन्कार कर दिया।
यीशू पहले से ही जानते थे कि पीटर उन्हें तीन बार पहचानने से इन्कार करेगा। उनकी दोनों सुनवाइयों के सम्बन्ध में यीशू की सन्हेद्रिन सुनवाई के लेख देखे।
जिनमें से एक रात में हुई थी तथा दूसरी बार सुबह। इस तरह के अन्तर के कारण ‘गुडफ्राइडे’ का दिन प्रभावित होता है। सुबह पूरी परिषद् यीशू को लेकर रोमन राज्यपाल पोटीयस पायलट के पास पहुँची। उन पर आरोप लगाए गए कि वह देशद्रोही हैं। उन्होंने सीजर के करों का विरोध किया है और स्वयं को राजा भी घोषित किया है। पायलट ने यहूदी नेताओं को जिम्मेदारी दी कि वे यीशू को अपने कानून के अनुसार फाँसी दें, किन्तु यहूदी नेताओं ने कहा कि रोमन लोगों ने उन्हें प्राण दण्ड देने की अनुमति नहीं दी है।
पायलट ने यीशू से पूछताछ की और सभा से कहा कि यीशू को सजा देने का कोई आधार नहीं है। यह जानकर कि यीशू गैलिली के निवासी हैं। पायलट ने इस मामले को गैलिली के राजा हेरोड को सौंपा, जो यरूशलम में पासोवर की दावत के लिए गए थे। हेरोड ने यीशू से सवाल किये ,पर उसे कोई जवाब नहीं मिला। हेरोड ने यीशू को पायलट के पास वापस भेज दिया। पायलट ने सभा से कहा,‘‘ न तो उसने और न ही हेरोड ने यीशू में कोई दोषी पाया है।‘‘ पायलट ने निश्चय किया कि यीशू को कोड़े मार कर रिहा कर दिया जाए।
रोम में पासओमर के भोज के दौरान यह प्रथा थी कि यहूदियों के अनुरोध पर एक कैदी को रिहा कर दिया जाता था। पायलट ने लोगों से पूछा कि वे किसी को रिहा कराना चाहते हैं? मुख्य पुरोहित के निर्देश पर लोगों ने कहा कि बराब्बस को रिहा कराना चाहते हैं, जो एक विद्रोह के दौरान हत्या के जुर्म में जेल में है। पायलट ने पूछा,‘‘ वे यीशू के साथ किस तरह का सलूक चाहेंगे और उन लोगों ने माँग की ,उसे सूली पर लटका दो।’’
पायलट की पत्नी ने उसी दिन यीशू को सपने में देखा था। उसने पायलट को अगाह कर दिया, ‘‘इस धार्मिक व्यक्ति के साथ कोई सरोकार न रखें। ’’ पायलट ने यीशू को कोड़े मरवाए और भीड़ के सामने लाकर उसे रिहा कर दिया। मुख्य पुरोहित ने पायलट को एक नए आरोप की जानकारी दी कि यीशू स्वयं को परमेश्वर का पुत्र होने का दावा करता है। इसलिए उसे मौत की सजा सुनायी जाए। इससे पायलट भयभीत हो जाता है और यीशू को वापस महल के अन्दर ले जाता है। वह उनसे जानना चाहता है कि वह कहाँ से आए हैं? भीड़ के सामने आखिरी बार आकर पायलट ने यीशू को निर्दोष होने की घोषणा की और यह दिखाने के लिए इस दण्ड विधान में उनकी कोई भूमिका नहीं है, पानी से हाथ धोए। आखिरकार पायलट ने दंगे से बचने के लिए यीशू को सूली पर चढ़ाने को सौंपा दिया। दण्डादेश में लिखा था ‘नासरतका यीशू’ यहूदियों का राजा सायरीन के साइमन की सहायता से यीशू अपनी सूली को स्वयं ढोते हुए वध स्थल तक ले गए, जहाँ उन्हें सूली पर चढ़ाया गया। उस स्थान को हिब्रू में ‘कपालकास्थानया’ ‘गोलगोध’ और लैटिन में कैलवरी कहते हैं। वहाँ उन्हें दो अपराधियों के साथ सूली पर चढ़ाया गया था। यीशू छह घण्टे तक सूली पर यातना सहते रहे। सूली पर लटकाये रखे जाने के आखिरी तीन घण्टों के दौरान दोपहर अपरान्ह 3बजे तक पूरे देश में अँधेरा छाया रहा। एक जोरदार चीख के बाद यीशू ने अपने प्राण त्याग दिये । उस समय एक भूकम्प आया। कब्रें टूट कर खुल गईं। सूली पर लटकाये जाने के स्थान पर मन्दिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक फट गया। सूली पर लटकाये जाने के स्थान पर उपस्थित एक रोमन सैनिक ने घोषणा की ,‘‘सचमुच यह भगवान का बेटा है।’’ सन्हेद्रिन का एक सदस्य अरिमेठिया का जोसेफ यीशू का एक गुप्त शिष्य था, जिसने यीशू को यह दण्डादेश देने की सहमति नहीं दी थी। पायलट के पास गया और उसने यीशू का शव माँगा। यीशू के एक अन्य अनुयायी और निकोदेमस नामक के सन्हेद्रिन के सदस्य ने एक सौ पौण्ड वजन का मसाले का मिश्रण लाया और मसीह के शरीर को कपड़े में लपेटने में सहायता की। पायलट ने सूबेदार से कहा कि वह इस बात की पुष्टि कर ले कि यीशू मर चुके हैं। एक सिपाही ने यीशू के शरीर पर भाले से वार किया, जिसमें खून और पानी बाहर निकला। उसके बाद सूबेदार ने पायलट से इस बात की पुष्टि कर दी कि यीशू मर चुके हैं। अरिमेठिया के जोसेफ ने यीशू के शरीर को एक साफ मलमल के कफन में लपेट कर सूली पर चढ़ाये जाने के पास स्थित बगीचे में एक चट्टान को खोद कर बनायी गयी उनकी नयी कब्र में दफना दिया।
निकोदेमस भी पाउण्ड का लोहबान और एक दस्तावर औषधि के साथ पहुँचा था। दफन करने के यहूदी नियमों के अनुसार उसने यीशू के कफन के साथ रख दिया। उन्होंने कब्र के प्रवेश द्वार पर एक विशाल पत्थर रखकर उसे बन्द कर दिया। उसके बाद वे घर लौट गए और विश्राम किया, क्योंकि सूर्यास्त के बाद सब्बाथ शुरू हो गया। तीसरे दिन रविवार को जो अब ‘ईस्टर‘ रविवार पर (पश्चा)के रूप में जाना जाता है मृत यीशू जी उठे।
सम्पर्क-डॉ.बचनसिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003मो.न.9411684054

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