कार्यक्रम

प्रेम – सौहार्द्र – सामाजिक समरसता का पावन पर्व है होली : सदगुरु ऋतेश्वर महाराज

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।वाराह घाट क्षेत्र स्थित श्रीआनंदम धाम में श्रीआनंदम धाम ट्रस्ट व सनातन भारत संघ के संयुक्त तत्वावधान में ठाकुर श्रीप्रिया चित्त बिहारी सरकार की छत्र छाया में व सदगुरु ऋतेश्वर महाराज के पावन सानिध्य में होली के शुभ अवसर पर प्रिया प्रियतम मिलन महामहोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।जिसमें संत – विद्वत सम्मेलन, भजन संध्या, होली गायन एवं संत-महंत, ब्रजवासी वैष्णव सेवा आदि के आयोजन संपन्न हुए।
सदगुरु ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि होली प्रेम-सौहार्द्र एवं सामाजिक समरसता का पावन पर्व है।अतः हम सभी को यह पर्व पारस्परिक ईर्ष्या-द्वेष,भेद-भाव व सभी बुराइयों को त्याग कर प्रेम पूर्वक मनाना चाहिए।तभी हमारा देश व समाज संगठित रह सकता है।
महामंडलेश्वर स्वामी नवल गिरि महाराज व महामंडलेश्वर विजयदास भैयाजी महाराज (वल्लभगढ़ वाले) ने कहा कि श्रीआनंदम धाम के संस्थापक सदगुरु ऋतेश्वर महाराज धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य निधि हैं।ये न केवल ब्रज में अपितु समूचे विश्व में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर असंख्य व्यक्तियों का कल्याण कर रहे हैं।जो कि अति प्रशंसनीय है।
महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन में होली का आनंद विश्वप्रसिद्ध है।यहां होली का रंग पूरे 50 दिनों तक यहां के कण-कण में छाया रहता है।
रासमंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज व महामंडलेश्वर स्वामी राधाप्रसाद देव जू महाराज ने कहा कि होली के पावन पर्व पर हम सभी को एक दूसरे के जीवन को खुशनुमा बनाने का प्रयत्न करना चाहिए।साथ ही अपने सद्कार्यों से अपने जीवन को सजाना व संवारना चाहिए।तभी मानव जीवन की सार्थकता है।
महोत्सव में श्रीउमाशक्ति पीठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.एन. द्विवेदी (राजू भैया), आचार्य पीठाधीश्वर यदुनंदनाचार्य महाराज, आचार्य मंगेश दुबे, आचार्य पंकज मिश्रा, श्याम बंधु बरेठ, हरिदासी संत बिहारीदास, महामंडलेश्वर सुरेशानंद महाराज, महंत सुंदर दास महाराज, महंत हरिबोल बाबा महाराज, महामंडलेश्वर किशोरी शरण महाराज, महंत मोहिनी बिहारी शरण, महंत आचार्य रामदेव चतुर्वेदी, संत सेवानंद ब्रह्मचारी, स्वामी ब्रह्मेंद्रानंद,आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, छगन दास राठौर, करुणेश,आचार्य नित्यानंद गिरि, आचार्य दामोदरचंद्र गोस्वामी, डॉ. राधाकांत शर्मा, युवराज वेदांत आचार्य, महंत चंद्रदास महाराज, महंत जगन्नाथदास शास्त्री, महंत शिवदत्त प्रपन्नाचार्य, महंत श्याम दास महाराज, महंत गोविंद दास महाराज आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0111853
This Month : 7174
This Year : 49146

Follow Me