(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आश्रम में सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ चल रहा है।जिसमें व्यासपीठ से श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को षष्टम् दिवस की कथा के अंतर्गत महारास लीला, मथुरा गमन, कंस वध एवं भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणि विवाह की कथा का रसास्वादन कराया।
आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा असंख्य ब्रज गोपिकाओं के साथ की गई महारास लीला अत्यंत दिव्य और रसमयी थी।क्योंकि महारास में सम्मिलित ब्रजगोपियां कोई साधारण स्त्रियां नहीं थी।वो पूर्व जन्म के महान तपस्वी ऋषि-मुनि थे।जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को अपने पति के रूप में पाने के लिए अनन्त युगों तक कठोर तपस्या की थी।इसीलिए ब्रजगोपियां भी भगवान श्रीकृष्ण के समान ही परम आनंदमयी व चिन्मयी थीं।
पूज्य महाराजश्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने महारास असंख्य ब्रजगोपियों के हृदय की अभिलाषा को पूर्ण करने लिए व अभिमानी कामदेव के अभिमान को नष्ट करने के लिए श्रीधाम वृन्दावन के यमुना तट पर शरद पूर्णिमा की रात्रि को किया था।जिसमें उन्होंने अनेकों रूपों में अपनी बांसुरी बजाकर संपूर्ण विश्व को ब्रजमंडल की ओर आकर्षित किया।लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला के दर्शनों के लिए समस्त देवी-देवताओं के साथ भगवान शिव भी ब्रज गोपी का स्वरूप धारण कर श्रीधाम वृन्दावन पधारे थे।
इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणि विवाह की अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक झांकी सजाई गई।साथ ही विवाह से संबंधित बधाइयों का गायन किया।जिस पर समस्त भक्तों-श्रृद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया।
महोत्सव में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, प्रमुख समाजसेवी दासबिहारी अग्रवाल, कथा के यजमान कमलेश गुप्ता, गिर्राज गुप्ता, रमेश गोयल, राकेश बंसल, संजय गुप्ता, सुमित गुप्ता,आर.पी. गुप्ता, राजेश अग्रवाल, योगेश गुप्ता, शुभम गुप्ता,पण्डित किशोर शास्त्री, आचार्य राजा पण्डित, पंडित रवीन्द्रजी, पंडित उमाशंकर मिश्रा, डॉ. राधाकांत शर्मा एवं अमित पाठक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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