कार्यक्रम

रास मंडल पर रसिक संत वैद्यभूषण श्रीमहंत माखनचोर दास महाराज का नवदिवसीय जन्म महामहोत्सव धूमधाम से प्रारम्भ

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।गोविंद घाट स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच राधावल्लभीय निर्मोही अखाड़ा (श्रीहित रासमण्डल)में रसिक संत वैद्यभूषण श्रीश्री 1008 श्रीमहंत माखनचोर दास महाराज का 133 वां नवदिवसीय जन्म महामहोत्सव श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ प्रातः 9 बजे ध्वजारोहण व श्रीमद्भागवत कथा की भव्य कलश शोभायात्रा के साथ हुआ।जिसमें गाजे-बाजे के मध्य श्रीहरिनाम संकीर्तन करते हुए असंख्य भक्त-श्रृद्धालु शामिल हुए।साथ ही पीत वस्त्र पहने सैकड़ों महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण किए शोभायात्रा के साथ चल रही थी।
तत्पश्चात व्यासपीठ से आचार्य/भागवत पीठाधीश्वर सुविख्यात भागवत प्रभाकर मारुति नंदनाचार्य वागीश महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान विष्णु के अवतार महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत महापुराण कल्प वृक्ष के समान है।इसका आश्रय लेने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं।साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गोलोक पीठाधीवर धर्म रत्न स्वामी गोपाल शरण देवाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण में समस्त वेदों, पुराणों, शास्त्रों एवं उपनिषदों का सार समाहित है।इसीलिए इसे पंचम वेद कहा गया है।इसका श्रवण, वाचन एवं अध्ययन तीनों ही मंगलकारी व कल्याणकारी है।
महोत्सव में बाद ग्राम स्थित श्रीहित हरिवंश महाप्रभु की जन्मभूमि आश्रम के महंत दंपति किशोर शरण महाराज (काकाजी), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, भागवताचार्य राम प्रकाश भारद्वाज मधुर, लालू शर्मा, ठाकुर दिनेश सिंह तरकर, युवराज श्रीधराचार्य महाराज, नवल दास पुजारी, रासाचार्य देवेन्द्र वशिष्ठ, पण्डित राधावल्लभ वशिष्ठ, इन्द्र कुमार शर्मा, प्रियावल्लभ वशिष्ठ, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

About the author

Rekha Singh

Add Comment

Click here to post a comment

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0110281
This Month : 5602
This Year : 47574

Follow Me