कार्यक्रम

ठाकुर श्रीप्रियाबल्लभ कुंज में श्रीराधा जन्म महोत्सव की धूम

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।छीपी गली स्थित ठाकुर श्रीप्रियाबल्लभ कुंज में श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा आचार्य विष्णुमोहन नागार्च की पावन अध्यक्षता में चल रहे श्रीराधा जन्म महोत्सव में पंचम दिवस प्रातः काल श्रीहित वाणी पाठ, श्रीमद्भागवत महापुराण के मूल पाठ एवं रस भारती संस्थान के डॉ. श्यामबिहारी खंडेलवाल, डॉ. जयेश खंडेलवाल (हित जस अलि शरण) की मुखियाई में मंगल बधाई समाज गायन हुआ।जिसमें श्रीहित हरिवंश महाप्रभु कृत “आवत श्री वृषभान दुलारी”, ब्रज साहित्य सम्राट चाचा वृन्दावन दास द्वारा रचित बरसगांठ का मंगल “बरसगांठि दिन री हेली, लाडगहेलि री” एवं श्रीहित परमानंद महाराज द्वारा रचित “आज बधाई कुंज महल में” का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।साथ ही असीस का पद “लली चिरजीवनी तेरी” का गायन हुआ।
महोत्सव में पधारे सभी आगंतुक अतिथियों का श्रीहित राधा कृष्ण सेवा कुंज पर्थ ऑस्ट्रेलिया की संचालिका श्रीहित कल्याणी रंगदेवी प्रियासखी (आस्ट्रेलिया) ने ठाकुरजी का पटुका ओढ़ाकर एवं प्रसादी, माला आदि भेंट कर सम्मान किया।
इससे पूर्व श्रीहित ललित वल्लभ नागार्च ने श्रीमद्भागवत की कथा में ब्रज लीलाओं का रस युक्त प्रवचन किया।तत्पश्चात प्रख्यात रासाचार्य स्वामी अमीचंद शर्मा के निर्देशन में नित्य रास लीला का अति मनोहारी मंचन किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, आचार्य चंद्रप्रकाश शर्मा, बाबा हितजोरी शरण, आचार्य श्रीहित ललित वल्लभ नागार्च, कमल अग्रवाल, डॉ. राधाकांत शर्मा, नीरज, दीनबन्धु, अमन शर्मा हरिदासी, सतीश शास्त्री, राधाचरण दास, श्रीमती कमला नागार्च, युगल किशोर शर्मा, तरुण मिश्रा, भरत मिश्रा, हितवल्लभ नागार्च हितानंद, रसानंद, हितबल्लभ नागार्च आदि की उपस्थिति विशेष रही।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन पूर्व पार्षद एवं प्रियावल्लभ लाल के अंगसेवी रसिक वल्लभ नागार्च ने किया।

About the author

Rekha Singh

Add Comment

Click here to post a comment

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0110977
This Month : 6298
This Year : 48270

Follow Me