राजनीति

फिर एकतरफा पैरोकारी और हाहाकार

डॉ.बचन सिंह सिकरवार
हाल में मुजपफरनगर के थाना मंसूरपुर क्षेत्र खुब्बापुर गाँव के नेहा पब्लिक स्कूल की दिव्यांग शिक्षका तृप्ता त्यागी द्वारा दूसरी कक्षा के एक मुसलमान छात्र के गृहकार्य तथा पहाड़ा याद न करने पर उसके निर्देश पर सहपाठियों को कथित रूप से थप्पड़ जड़ने का निर्देश दिया ै और उससे कुछ मजहबी शब्द भी कहे। इस शिक्षिका का यह कृत्य निन्दनीय है और किसी भी दृष्टि से उसे सही नहीं ठहराया जा सकता। वैसे छात्र की सहपाठियों से थप्पड़े लगवाने की वजह शिक्षिका के पैर खराब होने से खड़े होने में दिक्कत होना है। लेकिन इस घटना का वीडियो के वायरल होने पर देशभर में जिस तरह कथित पंथनिरपेक्ष राजनीतिक दलों के नेता विशेषकर ‘ऑल इण्डिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन’ (एआइएमआइएम) के अध्यक्ष असुद्दनी ओवैसी, ‘जमीयत-उलमा-हिन्द(अरशद मदनी गुट) समेत मुल्ला-मौलवियों ने केन्द्र और राज्य सरकार पर मजहबी नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए ऐसे हमला बोला और टी.वी.चैनलों, समाचार पत्रों आदि जनसंचार माध्यमों ने बढ़चढ़कर प्रकाशित तथा प्रसारित किया,जैसे पूरे मुल्क में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ मजहब को लेकर कितना भेदभाव, बेइन्साफी और जुल्म हो रहा है, लेकिन इसी दौरान जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले एक बनी हायर सैकेण्डरी स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र के ब्लैक बोर्ड पर ‘जयश्रीराम’ लिखने पर इससे कुपित होकर प्रिंसिपल मोहम्मद हाफिज तथा प्रवक्ता फारूक अहमद द्वारा उसकी बेरहमी से इतनी पिटाई की गई कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, पर हमेशा की तरह राजनीतिक पार्टियाँ के नेता ही नहीं, जनसंचार माध्यमों ने भी इस वारदात को छापने और दिखाने की जरूरत नहीं समझी। वहाँ मजहबी नफरत फैलाने के लिए किसी को भी कसूरवार भी नहीं ठहराया गया, यह सब देखकर कोई हैरानी नहीं हुई, क्योंकि इन सभी ने ऐसा दोहरा रवैया कोई पहली बार नहीं दिखायी दिया। ये लोग हमेशा जाति, मजहब और राज्य की पार्टी की सरकार को देखकर तोहमत, शोर और हाहाकार मचाते और छापते-दिखाते आए हैं, ताकि हिन्दुओं और उसकी कुछ जातियों, एक पार्टी विशेष को बदनाम किया जा सके। उनके ऐसा करने से देश की छवि पर कितना विपरीत प्रभाव पड़ता है? इससे इन्हें कोई सरोकार नहीं है। कठुआ के हिन्दू छात्र की मुसलमान प्रिंसिपल और शिक्षक द्वारा की गई पिटाई के मामले को लेकर एक पत्रकार ने इण्टरनेट पर पोस्ट में लिखा है कि जिस बच्चे ने ब्लैक बोर्ड पर जयश्रीराम लिखा है, उसे यह लिखने की प्रेरणा कहाँ से मिली? क्या ‘जयश्रीराम’ लिखने के लिए किसी हिन्दू को किसी दूसरे प्रेरणा लेना की आवश्यकता है? उसे पूछना यह चाहिए था कि आखिर उन मुसलमान शिक्षकों को ‘जयश्रीराम’ से इतनी नफरत क्यों हैं? क्या वे हिन्दुओं को अपने देश में अपने भगवान का नाम लेने पर पाबन्दी लगाना चाहते हैं?
मुजपफरनगर की खुब्बापुर के स्कूल की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सियासी पार्टियों के नेताओं के बयानों और जनसंचार माध्यमों के प्रचार-प्रसार से दबाव में सरकार,पुलिस-प्रशासन आ गया। नतीजा पुलिस ने तत्काल शिक्षिका के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। उ.प्र. राज्य अल्पसंख्क आयोग ने संज्ञान लेकर मुजपफरनगर के जिलाधिकार को नोटिस भेजकर छह सितम्बर को विस्तृत होने के आदेश दिये हैं। ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुजपफरनगर के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अपनी-अपनी जाँच रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी कर दिया। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इण्टरनेट मीडिया पर पोस्ट कर बच्चों के गले मिलने का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि शिक्षिका तृप्ता त्यागी को बच्चे के पिता इरशाद को भी राखी बँधवानी चाहिए।
इस मामले में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि कक्षा में मुसलमान छात्र की सहपठियों द्वारा पिटाई का वीडियो शिक्षिका तृप्ता त्यागी निकट बैठे उसके चाचा नदीम ने अपने मोबाइल से ही बनाया था, अगर उसके मन में किस तरह का खोट होता, तो उसे वह वीडियो क्यों बनने देती? वैसे उसके चाचा नदीम ने यह कहा भी कि वीडियो का गलत अर्थ निकाल कर प्रसारित किया गय है। फिर जिस मुसलिम छात्र की पिटाई जिन सहपठियों ने की थी,उनमें चार में से दो मुसलमान थे। उस स्कूल में ‘60में से 40छात्र मुसमान हैंं और गाँव में अधिकांश निवासी मुसलमान और कोई बीस फीसदी हिन्दू हैं। अपने बेटे की पिटाई के बाद छात्र के पिता इरशाद ने शिक्षिका के खिलाफ थाने में तहरीर दी। यहाँ के जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी ने बीएसए शुभम शुक्ला से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की । बीएसए ने वीडियो की जाँच के बाद शिक्षिका और प्रबन्धन के विरुद्ध कार्रवाई करने का भरोसा दिया।यहाँ तक कि खुब्बापुर के इस नेहा पब्लिक स्कूल की 24अगस्त की इस घटना का वीडियो ‘एएलटी न्यूज’ के रिपोर्टर मोहम्मद जुबैर ने अगले दिन इण्टरनेट मीडिया पर प्रसारित किया था,जिसमें छात्र की पहचान भी उजागर कर दी,जिसे लेकर पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कर्नाटक निवासी मोहम्मद जुबैर के विरुद्ध हाथरस, सीतापुर, लखीमपुर, गाजियाबाद,दिल्ली एनसीआर में कई मुकदमे पहले से दर्ज हैं। इतना ही नहीं, केरल वामपंथी सरकार के शिक्षामंत्री वी.शिवनकुट्टी ने कहा कि राज्य सरकार बच्चे को सबसे अच्छी शिक्षा दिलाएगी।उन्होंने यहाँ तक कहा कि यदि बालक के परिजन तैयार हो तो राज्य सरकार बालक को गोद ले लेगी और उसकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाएगी।
इसी बीच ‘जमीयत-उलमा-ए-हिन्द’ ने अध्यक्ष मौलाना मुकर्रम कासमी ने इस छात्र को खुब्बापुर गाँव से कुछ किलोमीटर दूर शाहपुर कस्बे में एक अँग्रेजी माध्यम स्कूल में दाखिला करया है और उसके लाने तथा ले जाने के लिए एक वाहन भी किराया पर लिया गया है और वह जब तक पढ़ना चाहेगा,उसकी शिक्षा का प्रबन्ध जमीयत उठायेगी। अपने देश में कथित पंथनिरपेक्ष और उनके समर्थक जनसंचार माध्यम बिना किसी शर्म के कुछ विशेष समुदायों और कुछ जाति विशेषों, राजनीतिक दलों की तरफदारी में उतर आते हैं,यह अब देश के लोगों से छुपा नहीं हैं,इनके लिए हर वह व्यक्ति जो देश हित में कोई बयान देता है,बात करता है,वह दल विशेष का समर्थक,साम्प्रदायिक है। विडम्बना यह है कि जो राजनीतिक दल एक मजहब के नाम से बने हैं या खुलआम अलगाववाद की पैरोकारी करते हैं ,वे खुद को पंथनिरिपेक्ष और संविधान का सबसे बड़े हिमायती बताते हैं और बाकी कथित पंथनिरपेक्ष सियासी पार्टियों उन्हें हर तरह से समर्थन देती हैं । कमोबेश ऐसे ही स्थिति कुछ जनसंचार माध्यमों के संस्थान की है,जो इनका अन्ध समर्थन करते हैं।
अब समय आ गया है कि ऐसी पार्टियों,उनके नेताओं और जनसंचार माध्यमों के दोगले चेहरे को बेनकाब करने को आगे आएँ,जो समाज को बाँट कर देश को कमजोर करने में लगी हैं। ऐसा किये बगैर देश में धार्मिक/मजहबी, जातिगत मेलमिलाप, सद्भाव और सौहार्द सम्भव नहीं है। सम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003मो.नम्बर-9411684054

 

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0104537
This Month : 10051
This Year : 41830

Follow Me