कार्यक्रम

त्याग की प्रतिमूर्ति थे साकेतवासी सुदामादास महाराज : श्रीमहंत कमलनयन दास महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।वंशीवट क्षेत्र स्थित श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी में श्रीरामानंदीय वैष्णव सेवा ट्रस्ट के द्वारा श्रीमज्जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीनाभापीठाधीश्वर स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में चल रहे साकेतवासी महांत सुदामादास महाराज के 18 वें पंचदिवसीय पुण्यतिथि महोत्सव के अंतर्गत वृहद संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ।जिसकी अध्यक्षता करते हुए
अयोध्या स्थित मणिराम छावनी आश्रम के श्रीमहंत कमलनयन दास महाराज व देवराहा बाबा आश्रम के अध्यक्ष योगीराज देवदास महाराज ने कहा कि संत शिरोमणि साकेतवासी सुदामादास महाराज अत्यंत सहज, सरल, उदार, परोपकार एवं त्याग की प्रतिमूर्ति थे।उन जैसी पुण्यात्माओं का तो अब युग ही समाप्त होता चला जा रहा है।
अयोध्या स्थित सुग्रीवकिला (अयोध्या) पीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी विश्वेशप्रपन्नाचार्य महाराज व
आचार्यकुटी पीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी रामप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि साकेतवासी सुदामादास महाराज संत समाज के गौरव थे।उनकी संत सेवा, विप्र सेवा, गौ सेवा एवं निर्धन-निराश्रित सेवा आदि में अपार निष्ठा थी।इसी सब के चलते उन्होंने अपना समूचा जीवन व्यतीत किया।
जानकी वल्लभ मन्दिर के अध्यक्ष जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज व महामंडलेश्वर स्वामी चित्तप्रकाशानंद महाराज ने कहा कि श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी आश्रम श्रीरामानंद सम्प्रदाय का प्रमुख केंद्र है।यह स्थान पिछले लगभग 50 वर्ष से भी अधिक समय से संत सेवा, गौ सेवा एवं निर्धन-निराश्रितों की सेवा में पूर्ण निष्ठा के साथ समर्पित है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व महामंडलेश्वर सच्चिदानंद शास्त्री महाराज ने कहा कि संत शिरोमणि त्यागमूर्ति साकेतवासी सुदामादास महाराज ने श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी आश्रम की स्थापना कई वर्षों पूर्व की थी।महाराजश्री के भजन और घोर भगवद साधना के फलस्वरूप उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों का निर्वाह यहां आज भी भली-भांति हो रहा है।
इस अवसर पर श्रीमहंत अमरदास महाराज ने महोत्सव ने पधारे सभी संत-विद्वानों का हार्दिक अभिनन्दन किया।साथ ही माला पहनाकर उनका स्वागत किया।
संत सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता कृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुरजी, श्रीउमा शक्ति पीठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित राजनारायण द्विवेदी (राजू द्विवेदी), सत्यम पीठाधीश्वर नरहरि दास भक्तमाली (अयोध्या), भागवताचार्य गोपाल भैया,महंत किशोरी शरण मुखिया, महंत ब्रजबिहारी दास महाराज,संत रामसंजीवन दास शास्त्री महाराज,महंत अवधेश दास महाराज(बयाना), महंत जगन्नाथदास शास्त्री, पंडित देवकीनंदन शर्मा (संगीताचार्य), डॉ. रमेश चंद्राचार्य महाराज, लाली वृन्दावनी शर्मा, पंडित रसिक शर्मा, डॉ. अनूप शर्मा, मोहन शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, निखिल शास्त्री, नंदकिशोर अग्रवाल, भरतलाल शर्मा,सौमित्र दास,अवनीश शास्त्री आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन रामसंजीवन दास शास्त्री ने किया।
इससे पूर्व प्रातःकाल श्रीनाभादास महाराज कृत श्रीमद्भक्तमाल ग्रंथ का संतों के द्वारा संगीतमय सामूहिक गायन किया गया।दोपहर को रासलीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन हुआ।साथ ही ठाकुर कौशल किशोर मन्दिर में भव्य फूलों का बंगला भी सजाया गया।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0146331
This Month : 5120
This Year : 83624

Follow Me