राजनीति

काश ! मोदी का अनुसरण करें जनप्रतिनिधि

भारत का वर्तमान उभरता परिदृश्य महाशक्ति बनने की दिशा में, बड़ी तेज गति से आगे की ओर बड़ रहा है। माननीय श्रीमान् प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने अपनी कुशल राजनीति और सोचने समझने की अद्भुुत कार्य शैली ने हमारे देश की तीनों सेनाऐं शारीरिक अपार शक्ति की खान तो है हीं, लेकिन नई पीढ़ी के आधुनिक विमान उच्च कोटी की तकनीकी हजारों मीलों तक मारने वाली मिसाइलें, ’’तोपों के अचूक निशाने दुश्मनों को पलक झपकते ही मिटा देने की क्षमता रखते हैं। अब तक के इतिहास में कई सरकारें आयीं और चली गईं और आती-जाती रहेंगी, लेकिन सन् – 2014 में पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार बनी तो मोदी जी ने नये भारत का सपना साकार करने के लिये उनका विशाल हृदय ज्ञान का अपिर्मित भण्डार आकाश की अन्नंत गहराई के शिखर पर पहुँचाने के लिये देश और विदेशों में अपनी यात्राऐं की और पूरी दुनिया को अपनी मुठ्ठी में भर लिया।
भारत का लोहा पूरी दुनिया ने माना और जब सन् 24 फरवरी – 2020 को सबसे ताकतवर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब भारत की धरती पर पैर रखते ही अहमदाबाद स्टैडियम में उनका भव्य स्वागत हुआ, शायद ट्रंप का स्वागत पहले कभी कहीं नहीं हुआ होगा। डोनाल्ड ट्रंप भारत के स्वागत से, ’’माननीय मोदी जी ने मुरीद हो गये। ऐसा अनूठा भव्य शानदार स्वागत पूरी दुनिया ने देखा होगा। भारत महाशक्ति बनने की दिशा में आकाश की अन्नंत गहराईयों पर पहुँचने के लिये चन्द कदमों का फासला ही तय करना है।

साभार सोशल मीडिया

डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में, ’’खज़ानों के द्वार खोल दिये गये मुझे बहुत खुशी है। लेकिन भारत की जनता को और दूसरी पार्टियों के नेताओं की जो भी प्रतिक्रिया रही हो, यह अपनी-अपनी राष्ट्रीय सोच है। वस मैं तो यही कहूँगा,’’ जनता की बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखना होगा। सड़कें टूटी पड़ी हैं जगह – जगह गहरे गड्डे हैं जो हमेशा दुर्घटनाओं को अंजाम देते हैं। दूसरा साफ पीने का पानी जो जनता कौन सी बन हीं है, तीसरा आस़मान छूती रसोई गैस जो कांग्रेस शासन में 350 के करीब थी आज सुरसा की तरह बढ़ती जा रही हैं। खाने-पीने की चीजें काफी महंगी होती जा रही हैं। किसानों की योजनायें तो बहुत बनती हैं, लेकिन धरातल पर नहीं उतरती अधिकांश कागजों तक ही रह जाती हैं। माननीय मोदी जी मैं अपने देश से प्यार करता हूँ, उससे भी ज्यादा आपको प्यार करता हूँ। आप राष्ट्रीय सोच के महानायक हैं हिन्दुस्तान आप पर गर्व करता है। लेकिन आपके एम.पी., एम.एल.ए. धरातल पर काम नहीं करते जनता से उनका दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं होता। जनता की मूल-भूत सुविधाओं पर ध्यान नहीं देते। अपना कोटा पूरा करने में पाँच साल निकाल देते हैं। गरीब महिलाओं के फ्री कनेक्शन वाले सिलेण्डर अक्सर खाली ही रह जाते हैं। मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूँ। माननीय प्रधानमंत्री जी जिस दिन एम.पी., एम.एल.ए. जनता के दुखः सुख में समर्पित हो जायेंगे, जनता के काम में लग जायेंगे उस दिन जनता आपके हृदय में बस जायेगी। भारतीय नेताओं की राजनीतिक भाषा अच्छी नहीं रही आज जगह – जगह, शहर-शहर गलियों में खौफ़्फ का सन्नाटा छाया हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगमन पर दिल्ली देश की राजधानी हो या हमारे दूसरे शहर दिल्ली दिल की राजधानी को जलाया, ”जनता के मकान व दुकानों घरों को जला दिया, बेगुनाहों की हत्यायें की शायद ऐसा लगता है कि पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान की सोची-समझी नापाक साजिश हो ? हमारे देश के वो राजनेता जो सत्ता का सुख भोगते हुए हत्या से बेदखल हो जाते हैं और सत्ता पाने के लिये तरह – तरह के भड़काऊ भाषण देकर जनता को गुमराह तो करते ही हैं आपस में लड़ाकर जनता के बीच नफरत की दीवार खड़ी करने से भी नहीं चूकते।
कुछ अल्पसंख्यक नेताओं के बयान तो हिन्दु – मुसलमानों के बीच हिंसा फैलाकर देश को तोड़ना चाहते हैं जिस तरह दिल्ली में घरों-दुकानों को जलाया गया। 40 – 50 बेकसूर इंसानों की हत्याऐं की,”वह हत्यारें कहाँ से आये उनके फण्ड का किस पार्टी के नेताओं ने भार उठाया ?
मैं उन देश की एजेंसी के जवानों को धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने आग से दहकती दिल्ली शांत कर अमन और भाईचारे की मिशाल बन कर दिल्ली की 24 घण्टें जिंदगी को फिर से पटरियों पर ले आयें, हमारे देश के राजनेताओं ने जो कश्मीर पर वर्षाें पहले आजादी के बाद जो भूल की थी, जिस तरह हमारे देश में हमारे ही कश्मीरी पण्डितों को यातनायें देकर जमीन जायदात से बेदखल कर दिया। दर-दर की ठोंकरे खाते हुए अपने ही देश में शरण यात्रियों की तरह भटकते हुए आज भी देखे जा सकते हैं। जब राजगद्दी की कुर्सी जाती है तभी नापाक गन्दी सोच रखने वाले नेताओं को दंगा, फसाद, हत्याओं को अंजाम देने की नापाक याद आती है। भूतकाल में भी सिक्ख दंगा कराकर देश को तोड़ने की कोशिश की फिर सत्ता पर कब्जा होना इस घटनाक्रम का दुःखद परिणाम का अंत होना मानों दिल्ली में भयकंर तूफान आना और हजारों बेगुनाओं सिक्खों की हत्याऐं हुई। जो पूरी दुनिया के लोगों ने समाचार पत्रों के पन्नोंमें पढ़ा होगा। वही पुरानी सोच के साथ दिल्ली में कुछ नेताओं ने धन और बल के साथ भोली – भाली जनता के घरों और दुकानों, गाड़ियों में आग लगाकर एक डी.एस.पी. की हत्याओं की ही है लेकिन निर्दोष 40 – 50 बेकसूर लोगों की भी हत्याऐं की, ”हमारे देश की ऐजेंसी वहशी दरिन्दों को पकड़ – पकड़ कर सलाखों के अन्दर भेजकर चौंकाने वाले खुलासे कर रही है। जनता को देखना होगा की देश किन हाथों में सुरक्षित है।
मैं उन सभी सुरक्षा एजेंसी को हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने दिल्ली को फिर से अमन और भाई चारे की सौगात देकर दिल्ली के दिलों में अपनी जगह बनाई। मैं भी ऐसी एजेंसियों को धन्यवाद देता हूँ।
रामनरायनलोधी
आगरा-7
मो0 न0 8126964970

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