अपराध

रिपोर्ट -‘सरकार के माथे के कलंक हैं,ऐसे कार्यालय’

उपनिबन्ध फर्म्स,सोसायटीज एण्ड चिट्स का लिपिक घूस लेते गिरपतार, प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार का सुबूत
आगरा 22मई। उप निबन्धक फर्म्स,सोसायटीज एण्ड चिट्स के सेक्टर -12ए 339 आवास विकास,सिकन्दरा, आगरा स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक बृजेन्द्र कुमार सिंह को सोमवार ‘भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने घूस लेते गिरपतार कर लिया, जहाँ कोई भी काम बगैर रिश्वत के नहीं होता।यहाँ तक स्वतंत्रता सेनानियों के संगठन,अनाथालय,मन्दिरों-गौशालाओं आदि सेवा से जुड़ी सोसायटियों के नवीनीकरण इत्यादि में भी बेशर्मी से रिश्वत ली जाती है,अन्यथा किसी भूमाफिया का येनकेनप्रकारण कब्जा कर दिया जाता है। ऐसे कार्यालय प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार और भाजपा के माथे पर कलंक सरीखे हैं।उसकी प्रतिष्ठा पर कालिख पोत रहे हैं। उनकी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेन्स के दावे को झूठा साबित कर रहे हैं और बेखौफ रिश्वत लेने का अपना कारोबार कर रहे हैं।सरकार की किसी भी राजनीतिक पार्टी की रही हो,पर इसमें रिश्वतखोरी बरकारार जारी रही है।
मथुरा के कॉलेज संचालक ओमप्रकाश सिंह से लिपिक ने समिति का पंजीकरण कराने के बदल में 10 हजार रुपए रिश्वत की माँग की गई। लिपिक के विरुद्ध अभियोग दर्ज कराया जा रहा है। आरोपित को मंगलवार को मेरठ न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। भ्रष्टाचार निवारण संगठन प्रभारी निरीक्षक संजय यादव ने बताया कि शिकायतकर्त्ता ओमप्रकाश सिंह मथुरा के राष्ट्रीय इण्टर कॉलेज के प्रबन्धक हैं। कॉलेज में चुनाव हुआ था। समिति का पंजीकरण कराने के लिए उन्होंने उपनिबन्धक कार्यालय में आवेदन किया था। शाहगंज निवासी लिपिक बृजेश कुमार सिंह ने उनसे 10हजार रुपए घूस की माँग की। उन्होंने लिपिक को रिश्वत देने से इन्कार कर दिया, जिस पर वह उन्हें परेशान कर रहा था। समिति का पंजीकरण नहीं करने पर ओमप्रकाश सिंह ने 17 मई को भ्रष्टाचार निवारण संगठन से शिकायत की। गोपनीय जाँच में लिपिक द्वारा काम करने के बदले घूस माँगने की पुष्टि हुई, जिसके बाद टीम गठित की गई। हस्ताक्षर किये गए दस हजार रुपए के नोट दिये गए। वह सोमवार की शाम को घूस की राशि लेकर गए थे। टीम कार्यालय के बाहर खड़ी थी। लिपिक के घूस लेते ही आरोपित लिपिक बृजेश कुमार सिंह को रंगे हाथ दबोच लिया।
भ्रष्टाचार के इस अड्डे का सरगना की भूमिका निभाते आए उपनिबन्धक अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं। वैसे आरोपित लिपिक सालों से इस पापकर्म को करता आया है और न जाने कितनी संस्थाओं की बर्बादी के पाप में सक्रिय भूमिका निभाता रहा है। हकीकत यह है कि यहाँ के सभी कर्मचारी इस धतकरम में सम्मिलित हैं, लेकिन शासन-सत्ता में शामिल सभी लोग इस भ्रष्टाचार के अड्डे के बारे में सब कुछ जानते-बूझते हुए भी खामोश बने हुए हैं। इससे यही लगता है कि इस कार्यालय के पापकर्म/धतकरम में उनकी भी साझेदारी है। अब सवाल यह है कि आगरा के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों में से किसी को भी यह भ्रष्टाचार का अड्डा/जनता के शोषण का केन्द्र दिखायी क्यों नहीं देता?
दो दर्जन से अधिक भ्रष्टाचारियों की गिरपतारी को हो चुकी है।
1.भ्रष्टाचार निवारण संगठन के पाँच वर्ष के दौरान दो दर्जन से अधिक लोगों को घूस लेते गिरपतार कर चुकी है।
2.22अक्टूबर, 2022शमसाबाद के लहरपट्टी में तैनात प्रधानाध्यापक भैरवनाथ को गिरपतार किया।
3.18अक्टूबर, 2022जगदीशपुरा में लाइनमैन, विवेक कुमार को पाँच हजार रुपए घूस लेते गिरपतार किया।

 

 

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0104212
This Month : 9726
This Year : 41505

Follow Me