डॉ.बचन सिंह सिकरवार
हाल में मध्य प्रदेश आतंकवाद निरोध दस्ते द्वारा कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन‘ हिज्ब-उल-तहरीर’(एचयूटी)के सदस्यों को गिरपतार कर उसके मतान्तरण कराके युवकां को अपने ही देश के खिलाफ हथियार उठाने को तैयार करने के षड्यंत्र का जैसा खुलासा किया है, वह फिल्म बहुत कुछ ‘द केरल स्टोरी’ सरीखा बेहद चौंकाने वाला और खौफनाक है। फर्क बस इतना है कि ‘द केरल स्टोरी’ में जहाँ हिन्दू और ईसाई युवतियों को बरगला कर मतान्तरित कर उन्हें इस्लामिक कट्टरपंथी दहशतगर्द संगठन ‘आइएसआइएस’ में सम्मिलित होने को भेजा जाना दर्शाया गया है, वहीं यह संगठन पहले हिन्दू युवकों का धर्म परिर्वतन कराके उस के बाद उनकी पत्नियों और बच्चों को इस्लाम कुबूल कराता आया है। निश्चय ही इस नए इस्लामिक दहशतगर्द संगठन के सामने आने पर केन्द्र सरकार को भी झटका लगा होगा, जो ‘पापुलर फ्रण्ट ऑफ इण्डिया’(पी.एफ.आई.)पर पाँच साल के लिए प्रतिबन्धित लगाने के बाद मुल्क के लोगों को महफूज महसूस कराने में लगी हुई है, जिसका इरादा आगामी 2047तक भारत को ‘दारुल इस्लाम’ में तब्दील करने का है। लेकिन हकीकत यह है कि ये इस्लामिक कट्टरपंथी अब भी खामोश नहीं हैं, देशभर में अपने खूनखराबे की वारदातों से अपनी मौजूदगी दर्ज करते रहते हैं। हाल में महाराष्ट्र में एक ओर बेवजह अकोला (13मई) , अहमद नगर (14मई) में हिन्दुओं पर पत्थरबाजी,आगजनी कर हमला किया गया है जिसमें करोड़ सम्पत्ति बर्बाद हुई है,एक हिन्दू की मौत हुई और दो पुलिसकर्मियां समेत 8लोग भी घायल हुए हैं। इसमें दो दर्जन से अधिक दंगाइयों की गिरपतारी की गई है,दूसरी ओर 14मई को रात्रि के सवा नौ बजे नासिक के त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मन्दिर में कुछ मुसलमान अपने सिर पर लाल-हरी चादरें चढ़ाने की बेजां कोशिश कर रहे थे,जबकि मन्दिर के प्रवेश द्वार पर स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि इस मन्दिर में गैर हिन्दुओं का प्रवेश निषिद्ध है। अब महाराष्ट्र सरकार द्वारा इन सभी घटनाओं की एसआइटी द्वारा जाँच करायी जा रही है। इधर स्थानीय मुसलमानों का कहना था कि त्र्यम्बकेश्वर कस्बे में एक दरगाह में हर साल उर्स मनाया जाता है,उसी दौरान मुसलमानों की ओर भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा जताने के लिए मन्दिर की सीढ़ियों के पास ही ज्योतिर्लिंग को लोबन दिखाने का रिवाज लम्बे समय से चला आ रहा है।अब हकीकत जो भी हो,जाँच के बाद सामने आएगी।लेकिन मध्य प्रदेश हो या महाराष्ट्र यहाँ इस्लामिक कट्टरपंथियों की कमी नहीं है,जो विभिन्न कटटरपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं और अपने ही मुल्क के खिलाफ काम कर रहे हैं। भोपाल से पीएफआइ के कई सदस्य गिपतार किये जा चुके हैं। खरगौन में रामनवमी जुलूस पर पत्थरबाजी और आगजनी की घटना के साथ-साथ इन्दौर में भी उपद्रवों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्शाते आए हैं।
वैसे यह नया खुलासा पंथनिरपेक्षता की आड़ में इस्लामिक कट्टरपंथियों का बचाव करने वाली काँग्रेस, वामपंथी,सपा, बसपा, तृणमूल काँग्रेस आदि सियासी पार्टियों की मुँह पर करारा तमाचा है, जो वर्तमान में हिन्दुओं तथा देश के खिलाफ की जा रही साजिशों को अपने सियासी फायदों के लिए उनकी पर्दादारी/झुठलाती आयी हैं।
हिज्ब-उल-तहरीर’(एचयूटी) को पहले‘तहरीक-ए-खिलाफत’ के नाम से जाना जाता था।यह संगठन दुनिया के 50 मुल्कों में फैला हुआ है। इसका मकसद दुनियाभर में जम्हूरियत/लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की जगह इस्लामिक शरिया कानून लागू करना है या कहें हर जगह ‘दारुल इस्लाम’ या ’खलीफा की हुकूमत’ कायम करना है। वैसे ‘हिज्ब-उल-तहरीर’ पर कोई 16मुल्कों की सरकार ने पाबन्दी लगायी हुई है। इससे जुड़े सदस्यों पर अब तक की यह सबसे बड़ी पुलिस कार्रवाई है। मध्य प्रदेश एटीएस ने भोपाल से 10,छिन्दवाड़ा से 1 और हैदराबाद से 5सदस्यों को गिरपतार किया है। यह संगठन गैर मुसलमानों का धर्म परिवर्तन/मतान्तरित कराता आया है। इनमें भोपाल के बैरसिया के रहने वाले सौरभ जैन के पिता डॉ.अशोक जैन है,जो आयुर्वेद के डॉक्टर है। उनका कहना है कि उनका बेटा कट्टर मुसलमान बन गया है,जो इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की तकरीरें सुनता था। छिन्दवाड़ा से पकड़ा गया डॉ.कमाल उसका दोस्त था। उसने और जाकिर नाइक ने उनके बेटे को बरगलाया है। उनका बेटा इस्लामिक कट्टरपंथी साहित्य पढ़ता है। सन् 2010 में वह सीरिया जाना चाहता था। फिर सन ्2014में जब पिता और बेटे के बीच टकराव होने लगा, तब उन्होंने अपने बेटे और उसकी पत्नी को घर से निष्कासित कर दिया। डॉ.अशोक जैन का कहना है कि उनका मतान्तरित बेटा मुझे और अपने माँ को रो-रो कर इस्लाम कुबूल करने का अनुरोध करता था,ताकि उन्हें भी जन्नत नसीब हो सके। उसने अपनी पत्नी को भी इस्लाम कुबूल करा दिया है। अब उसके माता-पिता का कहना, ‘‘बेशक,बेटे ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है,लेकिन वह आतंकवादी नहीं।’’ डॉ.अशोक जैन का यह कथन बहुत चौंकाने वाला है कि उनके बेटे सौरभ जैन के इस्लामिक कट्टरपंथियों के सम्पर्क में आने से पहले उन्होंने पीस टी.वी. पर जाकिर नाइक को एक जैन युवती का मतान्तरण कराते देखा। इसके बाद उन्होंने केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री को पत्र लिखकर पीस टीवी की कारगुजारी के सम्बन्ध में पत्र लिखा था। उन्हें अन्देशा है कि इसके बाद एचयूटी के लोगों ने उनके बारे जानकारी कर उनके बेटे को अपना जाल में फँसा कर उन्हें दण्डित किया है। अगर ऐसा है,तो यह अत्यन्त गम्भीर मामला है। राज्य सरकार इसकी जाँच जरूर करानी चाहिए।
सौरभ जैन या राजवैद्य/मोहम्मद सलीम वर्तमान में एआइएमआइएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के हैदराबाद स्थित कॉलेज में पढ़ा रहा था। इससे लगता है कि कहीं न कहीं एचयूटी का उनसे भी किसी तरह का रिश्ता हो सकता है। जहाँ तक इस्लामिक प्रचारक डॉ. जाकिर नाइक का सवाल है तो वह एक गैर अरबी विद्वान और वक्ता है जो इस्लाम के जानकारी के साथ-साथ कई दूसरे धर्मों हिन्दू, सिख, यहूदी, ईसाई आदि का जानकार है। इस जानकारी के आधार पर वह दूसरे मजहबों में तरह-तरह कमियाँ-खामियाँ निकाल कर इस्लाम को उन सबसे बेहतर बताकर उन्हें भ्रमित/बरगलाता करता है। वह बेहद शातिर किस्म का खतरनाक जिहादी है,जो न सिर्फ अपनी बातों से लोगों को फँसाता है और उनसे कमाता है,बल्कि उन्हें अपनी तरह जिहादी बना कर हर तरह के खतरनाक काम करने को उकसता भी है।अपने भाषणों से करोड़ों रुपए कमा कर अपने आर्थिक साम्राज्य खड़ा कर चुका है। उसके भाषण यू ट्यूब समेत तमाम इण्टरनेट मंचों पर उपलब्ध है।
डॉ. जाकिर अब्दुल करीम नाईक का जन्म 18अक्टूबर,1965 का मुम्बई की डोंगरी में हुआ था। उसने एम.बी.बी.एस.की पढ़ाई की,किन्तु चिकित्सक का पेशा अपनाने के बजाय इस्लाम का प्रचारक बन गया। जाकिर दुनिया के तमाम देशों में जाकर इस्लाम का प्रचार कर चुका है। वह इस्लामिक रिसर्च फाउण्डेशन का संस्थापक और उसका अध्यक्ष भी है। इसके अलावा वह कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा फैलाने के लिए विवादित टी.वी.चैनल ‘पीस टी.वी.’का संस्थापक भी है। इस पर भारत,बांग्लादेश समेत कई मुल्कों ने पाबन्दी लगायी हुई है। जाकिर नाईक सन् 2016में भारत से भाग गया और मलेशिया चला गया। उस पर मनीलॉण्ड्रिंग और आतंकवाद फैलाने के आरोप हैं। वह अपने साम्प्रदायिक नफरती बयान देता था। इस कारण भारत सरकार ने उस पर प्रतिबन्ध लगा दिया। 9मई को ‘मध्य प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते’(एम.पी.ए.टी.एस.) के दो अलग-अलग जिलों से एचयूटी से जुड़े 11सदस्यों को गिरपतार किया था। इस बीच एनआइए की अदालत ने इन्हें 19मई तक पुलिस रिमाण्ड पर भेजा गया है। आरोपितों की पहचान हैदराबाद निवासी मोहम्मद सलीम, अब्दुर रहमान, मोहम्मद अब्बास अली, शेख जुनैद, मोहम्मद हमीद के रूप में हुई है। तेलंगान पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस ने जानकारी/इनपुट के आधार पर उन्हें 9मई को गिरपतार किया था। बाद में भोपाल लाकर 11मई को न्यायालय में पेश किया गया। इन आरोपियों के खिलाफ ‘गैरकानूनी गतिविधियाँ/रोकथाम अधिनियम,1967 और अन्य सम्बन्धित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इन गिरपतार आरोपियों ने राज्य में अपना कैडर बनाना शुरू कर दिया था।उनका मकसद मुल्क की शासन प्रणाली का इस्लाम विरोधी बताकर नौजवानों का संगठन से जोड़ना था। संगठन के सदस्य लोगों को भड़का कर हिंसा फैलाकर खिलाफत कायम करना चाहते हैं। पुलिस के अनुसार आरोपी गुपचुप जंगलों में जाकर आमने-सामने की लड़ाई का प्रशिक्षण/क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग,निशानेबाजी का अभ्यास करते थे। हैदराबाद के लोग आकर उन्हें प्रशिक्षण देते थे। वे आपस में बातचीत के लिए वे डार्क वेब के ऐप जैसे रॉकेट चैट,थ्रीमा का उपयोग करते थे। वे ऐसे युवकों की पहचान करते थे,जो थोड़े हिंसक प्रवृत्ति के हों,संगठन के लिए जाने देने से भी जो न हिंचकें। सूत्रों के अनुसार आरोपियों में से 5को हिन्दू से मुसलमान बनाया गया था। इनमें मोहम्मद सलीम पहले सौरभ जैन ,अब्दुर रहमान पहले देवी नारायण पाण्डा, मोहम्मद अब्बास अली पहले बेनू कुमार शामिल थे।अब म.प्र.के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा,‘‘एचयूटी के पकड़े गए लोगों में 7का धर्म परिवर्तन कराया गया है। इनके बाद युवतियों का धर्म परिवर्तन कराया गया। इन ब्रेनवॉश कराने वाले उच्च शिक्षित है। इससे इनके षड्यंत्र का पता चलता है।एचयूटी के आतंकवादियों में पढ़ाता था। इसके कई और आरोपी भी हैं। वैसे मध्य प्रदेश में पीएफआइ ने भी अपना जाल बिछाया हुआ था,उसके सभी सदस्यों की गिरपतारी नहीं हुई है।ऐसे में इनका किसी दूसरे इस्लामिक दहशतगर्द संगठन जुड़ जाना स्वभाविक है। राज्य सरकार और पुलिस को ऐसे तत्त्वों की गहन निगरानी बहुत जरूरी है, जो कभी भी राज्य में साम्प्रदायिक दंगों समेत कुछ बड़ी वारदातों को अंजाम दे सकते हैं।ऐसे लोग अक्सर मदरसों और मस्जिदों में पनाह पाते हैं।वैसे ये जिहादी अब हर जगह मौजूद और मुस्तैद हैं,ऐसे में इन्हें पकड़ने को इनसे ज्यादा चौकसी और मुस्तैदी की जरूरत है।इसके साथ युवकों को अपने धर्म के बारे शिक्षित करने की आवश्यकता है,ताकि वे जाकिर जैसे जिहादियों के बहकावे में न आएँ। फिर मतान्तरित होकर अपने लोगों तथा देश के खिलाफ ही लड़ने लगें।
सम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63 ब,गाँधी नगर, आगरा -282003 मो.नम्बर-9411684054
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