डॉ.बचन सिंह सिकरवार

सऊदी अरब में सत्ता पलट साजिश में शाही खानदान के दो वरिष्ठ प्रिन्सों समेत तीन सदस्यों को मुल्क/वतन से गद्दारी(देशद्रोह) के इल्जाम (आरोप) में गिरफ्तारी की वारदात पर दुनियाभर में शायद ही किसी को हैरानी हुई होगी,वैसे भी दुनियाभर के इतिहासों में राजतंत्र में सत्ता के लिए साजिश या सत्ता पलट आम बात रही है। अब जहाँ तक सऊदी अरब क शाही खानदान की बात है तो इस खानदान के जिन सदस्यों को अब हिरासत में लिया गया,उन पर पहले से ही शक था। इसी वजह से उन्हें गृहमंत्री तथा सुरक्षा जैसे अहम पदों से हटाया गया था, जिन्हें ये सम्हाले हुए थे। अन्दाजा यह लगाया जा रहा है कि ये सभी सऊदी अरब के भावी शासक क्राउन प्रिन्स मुहम्मद बिन सलमान के खिलाफ साजिश कर रहे थे। इससे यह भी पता लगता है कि क्राउन प्रिन्स सलमान की सत्ता पर पकड़ बढ़ती जा रही है,जो किंग सलमान के बेटे है।

देशद्रोह के आरोप लगने के बाद किंग सलमान के भाई अहमद बिन अब्दुल अजीज अल-सउद और भतीजे प्रिन्स मुहम्मद बिन नायेफ को उनके घरों से शुक्रवार(जुम्मे),6 मार्च को तड़के हिरासत में ले लिया गया। प्रिन्स नायेफ के छोटे भाई प्रिन्स नवाफ बिन नायेफ को भी पकड़ा गया है। क्राउन प्रिन्स मुहम्मद बिन सलमान को सत्ता की बागडोर मिलने के बाद सऊदी अरब में कई आलोचकों तथा कारोबारियों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। सऊदी अरब में इन गिरफ्तारियों को शाही खानदान के दूसरे सदस्यों के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। शाही दरबार से जुड़े के दूसरे व्यक्ति ने बताया कि किंग के बेटे ने मध्य 2017में 60वर्षीय प्रिन्स मुहम्मद बिन नायेफ को उनके पद से हटा दिया गया था। उसी वक्त से उनकी पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। 78साल के प्रिन्स अहमद की गिरफ्तारी भी अप्रत्याशित नहीं है,क्योंकि वह किंग के छोटे भाई होने के साथ ही सत्तारूढ़ अल सऊद खानदान वरिष्ठ सदस्य हैं।ऐसे में खानदान में सत्ता के लिए उठा-पटक स्वाभाविक ही है,खासतौर पर इस्लाम के मानने वाले में जहाँ सदियों से सत्ता हस्तान्तरण का जरिया ही शमशीर/ताकत रही है।

जहाँ तक सऊदी अरब की दुनियाभर के देशों में अहमियत का सवाल है तो इससे समझने के लिए उसकी ऐतिहासिक-भौगोलिक जानकारी होना जरूरी है। इस मुल्क की अस्थिरता से पूरी दुनियाभर के देश प्रभावित हो सकते हैं,क्योंकि यह दुनिया का सबसे बड़ा तेल पैदा करने और निर्यात करने वाला मुल्क है।
सऊदी अरब अरब प्राय़द्वीप के लगभग 80 प्रतिशत भाग में फैला हुआ है। सऊदी अरब का क्षेत्रफल- 22,50,070 वर्ग किलोमीटर एवं राजधानी- रियाद(शाही)और जेद्दा( प्रशासनिक)है। इसकी आबादी-2,71,36,977से अधिक है, जो इस्लाम मजहब मानती है तथा अरबी बोलती है। सऊदी अरब की मुद्रा-रियाल है। यहाँ की साक्षारत 85 प्रतिशत है। यह देश 23सितम्बर, सन् 1932 में स्वतंत्र हुआ था। यहाँ होजा प्रान्त में मदीना है,जहाँ 7 जून, 632 ईस्वी में पैगम्बर मोहम्मद को दफनाया गया था और मक्का है जहाँ पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था। यहाँ मक्का में महान मस्जिद है, जिसमें काबा के पवित्र अवशेष सुरक्षित है। काबा के एक ओर वह काला पत्थर है जिसमें बारे में विश्वास किया जाता है कि इसे आरकेन्जल गेबरील ने अब्राहम को दिया था। यह मकबरा सबसे पाक मुसलमानों का तीर्थस्थल है। सऊदी अरब में पूर्ण राजतंत्र है,जहाँ कोई संसद नहीं है। सऊदी अरब में अपार तेल सम्पदा है। वर्तमान में यह दुनिया को सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है। लोक राजस्व को सबसे बड़ा स्रोत तेल से प्राप्त धन है। यह कृषि प्रधान देश भी है।यहाँ की मुख्य पैदावार खजूर ,गेहूँ, जौ, फल, खालें, ऊन है। अब जहाँ तक सऊदी अरब की सियासत का भारत पर पड़ने वाले असर का सवाल है, तो मौजूदा वक्त में भारत के सऊदी सरकार विशेष रूप से क्राउन प्रिन्स मुहम्मद बिन सलमान बेहद अच्छे रिश्ते हैं। ऐसे में सऊदी अरब में सत्ता में कोई भी बदलाव भारतीय हितों के विपरीत होगा।
सम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63 ब,गाँधी नगर, आगरा-282003 मो.नम्बर-9411684054
क्राउन
बुत अच्छा लिखा है