-डॉ.बचन सिंह सिकरवार-
हाल में रामनवमी के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों में हिन्दुओं द्वारा निकाली शोभा यात्राओं पर समुदाय विशेष के लोगां ने जिस तरह संगठित होकर उपद्रव करते हुए पत्थरबाजी, ईंटें और पेट्रोल बम फेंकने, आगजनी, मारपीट, हिंसा की है ,उसमें गहरी साजिश के साथ-साथ अपने से अलग धर्म/मत के विरुद्ध उनका द्वेष, घृणा और मजहबी अलगाव साफ-साफ नजर आता है। कहा जाता है कि रमजान के पाक महीने में रोजेदार के मन-मस्तिष्क में किसी के भी खिलाफ कुछ भी गलत करने का ख्याल आना भी गुनाह है। अगर ऐसा है तब सवाल यह है कि अगर हकीकत में ये सभी रोजेदार अपने ईमान को लेकर पक्के थे, तो उनके दिमाग में शोभा यात्राओं और गैर मुसलमानों के वाहनों तथा सम्पत्तियाँ तबाह करने का ख्याल कैसे आ गया? क्या ये इनके मजहब के मुताबिक सही है? अगर नहीं, तो किसी इस्लामी विद्वान ने इस नजरिये इन दंगाइयों की अब तक मजम्मत क्यों नहीं की। इन दंगों में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और काफी तादाद में पुलिस/निजी वाहनों, सम्पत्तियों की तोड़फोड़ और उनमें आग लगा कर नष्ट किया गया है। साम्प्रदायिक हिंसा की ये घटनाएँ ज्यादातर उन्हीं स्थानों पर हुई हैं, जहाँ पहले भी हो चुकी हैं। फिर भी राज्य सरकारों ने इन जगहों पर अपेक्षित सर्तकता बरतते हुए समुचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की। इस बार रामनवमी की शोभायात्राओं पर हमले एक भाजपा/शिवसेना एकनाथ गुट शासित महाराष्ट्र्र तथा भाजपा शासित राज्य गुजरात ्र, एक तृणमूल काँग्रेस शासित पश्चिम बंगाल,राजद,जदयू,काँग्रेस गठबन्धन शासित बिहार में हुए हैं,यह कई दिनों तक दंगों की आग शान्त नहीं हुई।यहाँ दंगों में दो लोगों की जानें भी गईं हैं। पश्चिम बंगाल के हावड़ा के शिवपुर थाने के अन्तर्गत काजीपाड़ा में पुलिस तथा रेपिड एक्शन फोर्स मूकदर्शक बनी रही। टी.वी.चैनलों के पा इसके सुबूत भी है।रामनवमी के बाद एक रेल स्टेशन पर समुदाय विशेष के उपद्रवियों ने उत्पात मचाया। इसके कारण रेलों का आवागमन रोकना पड़ा।
अफसोस की बात यह है कि इन साम्प्रदायिक हिंसा के लिए समुदाय विशेष के जिम्मेदार होने के बावजूद जहाँ तथाकथित पंथनिरपेक्ष राजनीतिक पार्टियों,उदारवादी एवं वामपंथी दल, मानवाधिकारों, गंगा- जमुनी तहजीबी के झण्डाबरदार खामोश हैं,वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामनवमी से पहले ही ऐलान कर दिया था कि रामनवमी के जुलूस रोकेंगी नहीं, लेकिन अगर किसी मुस्लिम के घर पर हमला हुआ,तो वह उसे छोड़ेंगी नहीं। उन्होंने कहा कि मुसलमान रोजे रखते हैं, ऐसे में वे कुछ गलत नहीं करेंगे। ऐसा कहकर एक तरह से उन्होंने हिन्दुओं के उपद्रवी सिद्ध कर दिया। निश्चय ही ममता बनर्जी को देखते हुए मुस्लिम दंगाइयों के हौसले बढ़े होंगे।
एक सवाल ममता बनर्जी और उनसे जैसी मानसिकता वालों से है जिनके अनुसार हिन्दुओं को अपने त्योहारों पर मुस्लिम बहुल इलाकों से अपने जुलूस नहीं निकालने चाहिए। अगर ऐसा है तो फिर मुसलमानों को भी हिन्दुओं के क्षेत्रों से जुलूस निकालने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। अगर ऐसा होने लगा,तो क्या मजहब की बिना पर मुल्क के अन्दर एक ओर बँटवारा नहीं हो जाएगा?वैसे भी ममता बनर्जी अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति के चलते पहले भी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाते हुए मुहर्रम पर ताजिए दफनाने वाले का अनुमति देती आयी हैं। कमोबेश ऐसा ही रवैया वामपंथी और तथाकथित सेक्युलर/पंथनिरपेक्ष राजनीतिक दलों की सरकारों का रहा है।
वस्तुतः देश के स्वतंत्र होने के बाद से साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर सरकारों को एक तरफा रवैया बना रहना है। उन्होंने आज तक कभी भी अपने राजनीतिक लाभ/एकमुश्त वोटों के लालच में साम्प्रदायिक दंगों के लिए दोषियों/गुनाहगारों की खुलकर आलोचना/निन्दा/मजम्मत नहीं की। क्या इससे स्पष्ट नहीं है कि देश सेक्युलरिज्म कितना फर्जी है?ऐसे में उनसे नमूने की सजा दिये जाने की उम्मीद करना ही फिजूल है। इस कारण ये लोग बेखौफ बने हुए हैं। विडम्बना यह है कि इतने पर भी कहा जाता है कि भारत में मुसलमान असुरक्षित और डरे-सहमे हुए हैं। क्या डरे हुए लोग रामनवमी के जुलूसों पर हमला करने की जुर्रत कर सकते थे? हरगिज नहीं, दरअसल,इन दंगाइयों को पता है कि फर्जी सेक्युलरिज्म और गंगा-जमुनी तहजीबी के दुहाई देने वाले लालची/वतनफरोश सियासतदाओं के रहते उनका बाल-बांका भी होने वाला नहीं है। इसलिए वे ऐसी गलतियाँ करने से कभी भी तौबा नहीं करेंगे। वैसे कुछ दंगाइयों को लेकर पूरी कौम/मजहब को कसूरवार ठहराना सही नहीं है, लेकिन अपने मजहब वालों के गुनाहों पर उनके हममजहबियों की खामोशी भी गुनाह से कम नहीं है। इस बार अच्छी बात यह रही कि जहाँ जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में रामनवमी की शोभायात्रा शान्तिपूर्वक निकली, वहीं पश्चिम बंगाल में एक जगह मुसलमानों ने शोभायात्रा में शामिल लोगों को शर्बत और जूस पिलाया तथा वाराणासी में कुछ मुस्लिम महिलाएँ भगवान राम की आरती में सम्मिलित हुईं।
रामनवमी पर इस बार गुजरात के वड़ोदरा में दो शोभायात्राओं पर पथराव किया गया। इनमें एक शोभायात्रा का आयोजन ‘विश्व हिन्दू परिषद्’(विहिप)ने किया, जिस पर फतेहपुरा रोड इलाके में स्थित मस्जिद और आसपास के लोगों द्वारा पत्थर बरसाए और धारदार हथियारों से हमला किया । दूसरी शोभायात्रा स्थानीय विधायक द्वारा निकाली गई, जिस पर कुम्भरवाड़ा में अचानक पत्थर फेंके जाने लगे। इस हमले में कुछ महिलाएँ हुई हैं। महाराष्ट्र में तीन स्थानों पर रामनवमी की शोभा यात्राओं पर हमले हुए हैं। इनमें एक छत्रपति सम्भाजी नगर(पुराना नाम औरंगाबाद) में प्रसिद्ध राम मन्दिरा के पास कुछ युवकों के बीच झड़प के बाद जब पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने की कोशिश की तो कोई 500लोगों की उग्र भीड़ ने पत्थराव करते हुए पेट्रोल बमों से हमला कर दिया। इसमें 10पुलिसकर्मियों समेत 12लोग घायल हुए हैं।दूसरा हमला जलगाँव तथा तीसरा मुम्बई के मालवड़ी इलाके में हुआ। इन सभी स्थानों पर शोभा यात्राओं पर पथराव,पेट्रोल बमों चलाये गए हैं।
पश्चिम बंगाल में शोभा यात्राओं का आयोजन विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल ने किया था। हावड़ा के काजीपाड़ा इलाके में मुस्लिम बस्तियों से छतों से पथराव किया। इसके दोनों समुदायों के बीच भिडन्त हो गई। उपद्रवियों ने कई वाहनों में आग लगा दी। कई दुकानों में तोड़फोड़ की और घरों पर पत्थर फेंके। फिर जुम्मे की नमाज के उपरान्त एक बार फिर मुस्लिम नमाजियों की भीड़ ने बिना किसी से उकसावे के हिन्दुओं के रिहायशी घरों, दुकानों,वाहनों पर जमकर पथराव किया। उनके साइन बोर्ड तथा खिड़कियों के काँच तोड़ डाले।इनके गुनाहों के सुबूत के रूप में कई वीडियो भी हैं। अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दंगों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हिंसा में शामिल किसी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। बिहार के सासाराम और बिहार शरीफ में भी रामनवमी के दूसरे दिन जुम्मे की नमाज के बाद समुदाय विशेष के लोगों द्वारा पथराव और गोलियाँ चलायी गईं।कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। झारखण्ड के धनबाद में गुरुवार शाम को रामनवमी की शोभायात्रा को चिरकुण्डा जाने से रोक दिया गया।
उ.प्र.के मथुरा शहर में रामनवमी की शोभायात्रा में सम्मिलित कुछ अति उत्साही युवकों के जामा मस्जिद पर भगवा झण्डा फहराने तथा जयश्रीराम के नारे लगाने को लेकर विवाद हो गया,लेकिन पुलिस-प्रशासन के हस्तक्षेप के चलते उसे शान्त कर दिया गया। इनमें कुछ को गिरपतार कर जेल भेजा गया है। निश्चय ही ऐसे भड़काऊ हरकतों को किसी भी नजरिये से सही नहीं ठहरा जा सकता।
अब पश्चिम बंगाल में रामनवमी और दूसरे दिन दंगों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के नेता और भाजपाई एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं,पर इससे यहाँ के हालात बदलने वाले नहीं हैं। इस सूबे में समुदाय विशेष क्यों खून-खराबे पर उतारू हो जाता है,यह किसी से छुपा नहीं है। यह भी तय है कि जब तक ममता बनर्जी अपनी तुष्टिकरण की सियासत से तौबा नहीं करतीं,तब उनका देश के प्रधानमंत्री बनना तो दूर,अपने सूबे से बाहर की सियासत में कामयाब होना भी मुश्किल होगा। ममता बनर्जी जैसे नेताओं की घटिया/ओछी सियासत की वजह से ही दंगाइयों को ताकत मिलती रही है।
अपने देश में हर साल हिन्दुओं के त्योहारों चाहे शिव रात्रत्रके अवसर पर होने वाली कांवड़ा यात्रा हो या रामनवमी/हनुमान जयन्ती/नव संवतसर का जुलूस या फिर होली उनमें समुदाय विशेष के लोगों द्वारा किसी ने किसी बहाने हमला करना/बाधा डालना अपना हक समझ लिया है, तो इसके लिए कोई और नहीं,देश की गन्दी सियासत जिम्मेदार है, जिसने मजहब के नाम पर देश के विभाजन से कोई सबक नहीं लिया। उसमें लाखों लोगों को विस्थापना की पीड़ा, अपना सब कुछ गंवाना पड़ा था। लाखों बेकसूर लोगों का खून बहा और औरतों की अस्मत गंवानी पड़ी। उन्हें बलात्कार, अपहरण समेत तरह-तरह के जुल्म- सितम झेलने पड़े। इसके बाद भी सत्ता पाने के लिए लोग कभी मजहब, सम्प्रदाय, जाति/पंथ, भाषा, क्षेत्र आदि के बहाने लोगों का आपस में लड़ाते आए हैं। अपने मुल्क के मुसलमानों ने मजहबी बिना पर बने पाकिस्तान की मौजूदा सियासी/माली हालात देख कर भी कोई सबक ग्रहण नहीं किया। वे अपने लिए भारत से जुदा होकर किस तरह का बेहतर ख्वाबों का मुल्क चाहते हैं? क्या वे दुनिया के इस्लामी मुल्कों में से ऐसे ख्बाबों के मुल्क का नाम बताएँगे? हिन्दुस्तान से जुदा शायद ही कोई दूसरा मुल्क होगा, जहाँ इस्लाम के सभी फिरकों के लोग महफूज हैं। वैसे अगर देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए इसे समृद्ध और शक्तिशाली बनाना है, तो लोगों को विभिन्न मुद्दों पर लड़ाने की राजनीति से तौबा करनी होगी। सभी मजहब के लोगों को उनकी मजहबी यकीन के मुताबिक अपने त्योहारों/परम्पराओं को मानने तथा चलने की आजादी देनी होगी, पर दूसरे मजहब की कीमत पर हरगिज नहीं।
सम्पर्क-डॉ.बचनसिंह सिकरवार, 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003 मो.नम्बर-9411684054
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