राजनीति

यूँ ही नहीं फिल्म ‘पठान’ पर विवाद

डॉ.बचन सिंह सिकरवार
गत दिनों देशभर में आगामी 25 जनवरी को प्रदर्शित होने जा रही फिल्म ‘पठान’ लगने से पहले ही इण्टरनेट पर अपने गीत ‘बेशरम रंग’ को लेकर विवाद मे फँस गई,जिसकी वजह भगवा/नारंगी रंग की अभद्र-अश्लील बिकिनी/अधोवस्त्र पहने नायिका/अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और हरे रंग की पोशक पहने पठान के के रूप में नायक/अभिनेता शाहरुख खान उसे अपनी बाहों में समेटे अश्लील मुद्राओं में लिपट-चिपट रहे हैं। जानकारों का कहना है कि नायिका और नायक की क्रमशः भगवा और हरें रंगों के चयन के पीछे शाहरुख खान की सुविचारित विशेष मानसिकता है, जिसे इससे पहले वह अपनी कई फिल्मों में भी प्रदर्शित करते आए हैं। उनकी इस मानसिकता की पहचान कर उनका इतना विरोध किया जा रहा है। वैसे सालों पहले कई फिल्मों में हिन्दू/मुस्लिम नायिकाएँ नारंगी/भगवा रंग की साड़ी/शलवार-कुर्ता पहने चुकी हैं। ऐसे ही नायकों ने भी हरे रंग की कमीज/टीशर्ट पहन चुके हैं। तब ऐसा कोई विचार नहीं था और न ही उन फिल्मों में नायक और नायिकाएँ मुसलमान और हिन्दू धर्म की पहचान रखने वाले पात्र नहीं रहे हैं।
भोपाल में पहले हिन्दू संगठन फिल्म पर प्रतिबन्ध लगाने की माँग कर रहे थे, अब भोपाल के मुस्लिम संगठनों ने भी इस पर पाबन्दी लगाने की माँग की है। इधर ऑल इण्डिया त्योहार कमेटी के चेयरमैन औसाफ शाहमीरी खुर्रम ने ‘पठान’ फिल्म को इस्लाम की तौहीन करार दिया है। साथ ही फिल्म पाबन्दी लगाने की माँग की है। खुर्रम ने कहा कि पठान की फिल्म में इस्लाम मजहब के कानून और उसूलों का मजाक उड़ाकर इस्लाम धर्म का बदनाम करने की साजिश रच गई है। फिल्म ‘पठान’ को लेकर पूरे समाज में आक्रोश है, इस पर पाबन्दी लगायी जानी चाहिए। उधर अयोध्या के महन्त राजू दास ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन सिनेमा हालों में ‘पठान’फिल्म प्रदर्शित कर उन्हें फूँक देने चाहिए।
देश के सात राज्यों में ‘पठान’ फिल्म के विरोध मे छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र आदि में प्रदर्शन हो चुके हैं। कई शहरों में सिनेमाघरों और दूसरे स्थानों पर फिल्म ‘पठान’ पोस्टरों और शाहरुख खान के चित्रों को जलाकर और नारेबाजी कर विरोध जताया गया है। बिहार के मुजपफरपुर में धार्मिक भावनाओं को आहत करने और अश्लीलता फैलाने के आरोप में केस दर्ज कराया गया है। वस्तुतः हाल में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चेतावनी दी है कि यदि पठान फिल्म से ऐसे आपत्तिजनक दृश्य नहीं हटाए गए तो पठान फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लग सकती है।।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने लिखा,‘‘ मिलिए हमारे देश के सत्ताधारी राजनेताओं ने अभिनेत्रियों के कपड़ों को देखने से फुरसत मिलती, तो क्या पता कुछ काम भी कर लेते? स्वरा भास्कर के ट्वीट के वायरल होने लगा है। जहाँ अभिनेत्री स्वरा भास्कर के इस ट्वीट लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है, वहीं कोलकाता के अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अतिथि के रूप में भाषाण देते हुए बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने कहा,‘‘ यद्यपि आजकल सोशल मीडिया पर अत्यधिक नकारात्मक फैली हुई है,तथापि हमे इससे प्रभावित न हो कर सदैव सकारात्मक ही बन रहता है।वास्तव में सोशल

मीडिया में संकुचित मानसिकता प्रवेश कर चुकी हैं।’’ शाहरुख ने कहा,‘‘ दुनिया क्या कह रही है। इससे फर्क नहीं पड़ता, हम जैसे लोग हमेशा पॉजीटिव रहेंगे, चाहे हालत कुछ भी हों। मैं खुश हूँ कि हम जिन्दा हैं।’’
वैसे शाहरुख खान ने अपने जिस एजेण्डे को फिल्म ‘पठान’ को प्रदर्शित करने का प्रयास किया है, कुछ वैसा ही वे पहले भी अपनी फिल्म ‘रईस’, ‘डियर जिन्दगी’, ‘ये दिल है मुश्किल’,‘माय नेम इज खान’ आदि में लागू कर चुके हैं। इन फिल्मों में उन्होंने ऐसे नायक की भूमिका निभायी है जो धर्म से मुस्लिम। है। इन फिल्मों का नायक तो मुस्लिम हैं, किन्तु नायिका हिन्दू पात्र हैं, जो अपने मुस्लिम नायक पर सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर रहती हैं। पराकाष्ठा तो तब हुई जब फिल्म ‘माय नेम इज खान’ में शाहरुख खान नामक एक जिहादी दहशतगर्द की भूमिका में है। इसके बावजूद हिन्दू नायिका मन्दिरा की भूमिका में अभिनेत्री काजोल अपने सपनों के राजकुमार जिहादी दहशतगर्द पर मर मिटने को तैयार हैं। अब शाहरुख खान ने यही इतिहास फिल्म ‘पठान’ में दोहराया है। इसमें शाहरुख खान रूपी मुस्लिम पठान को सपनों की राजकुमारी भगवा वस्त्रधारी हिन्दू नारी दीपिका पादुकोण है,जो पठान पर फिदा है।
बॉलीवुड की फिल्मों में हिन्दू और उससे सम्बन्धित विश्वास, आस्थाओं, परम्पराओं का उपहास बहुत दशकों से उड़ाया जाता रहा था,पर कभी किसी ने अधिक ध्यान दिया। लेकिन विगत कुछ वर्ष पहले अभिनेता आमिर खान अभिनीत प्रदर्शित फिल्म पी.के. में किसी तरह हिन्दू धर्म और उसके प्रतीकों का मजाक बनाया गया था।क्या कोई दूसरे धर्म के बारे में ऐसा किया जाना सम्भव है?इसी तरह ‘ओ माई गॉड’ और ‘धर्म संकट’ में हिन्दू और इसके अनुयायियों के विश्वास पर चोट की गई। लेकिन इनमंे इस्लाम और ईसाई मजहब के बारे में वही कुछ दर्शान में यथा सम्भव बचने का प्रयास किया गया। जो कथित सेक्युलर/वामपंथी कला या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई देते हैं,क्या उन्होंने आजतक हिन्दू धर्म के अलावा किसी अन्य मजहब और उसके प्रतीकों को लेकर अपनी कलाकारी दिखायी है। दूसरी तरह हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।इन्होंने ‘रामलीला,दुर्गा,लक्ष्मी जैसे शीर्षक लेकर फिल्में बनायी हैं,जबकि इनकी विषय वस्तु सर्वथा भिन्न थी। जब इनका विरोध हुआ, तो इनके शीर्षकों में मामूली बदलाव कर उन फिल्मों को प्रदर्शित किया गया।
दरअसल, बॉलीवुड में फिल्मों के निर्माण में बड़े पैमाने पर अण्डर वर्ल्ड/दाऊद इब्राहिम समेत कई अपराधियों का अवैध धन लगता है। ऐसे में उनके निर्देश/मनमुताबिक कहानियाँ ही नहीं, हीरोइन, हिरोइन और दूसरे लोगों का चयन किया जाता है। इनमें उनके मजहब का महिमामण्डन और हिन्दू धर्म, उससे जुड़े लोगों को दोयाम दर्जे का दिखाया जाता है। यहाँ कि इन अपराधियों के जीवन पर कुछ फिल्में में भी बन चुकी हैं, जिनमें उनके कुकर्मों को जायज ठहराने की भरसक कोशिश की गई है। अण्डर वर्ल्ड के धन के कारण ही एक समय मजहब विशेष के नायकों को लेकर फिल्में बनायी जाती थीं।इन नायकों में एक और समानता यह है कि इनकी बीबियाँ/प्रेमिकाएँ या माँ हिन्दू हैं, फिर भी इन्हें हिन्दुस्तान में रहने से डर लगता है।

वैसे फिल्म ‘पठान’ को प्रमाण पत्र देने के लिए फिल्म सेन्सर की भूमिका पर भी प्रश्न चिह्न लगता है। आखिर उसने ‘बेशरम रंग’ में दर्शायी अश्लीलता और भगवा रंग के अपमान की अनदेखी क्यों की? वर्तमान में बॉलीवुड में बनी फिल्मों जैसे अश्लीलता दर्शायी जा रही है,उन्हें सपरिवार देखने में शर्म आती है। हकीकत यह है कि बॉलीवुड और हालीवुड की फिल्मों में अब कोई विशेष अन्तर नहीं रह गया है। देश में फिल्म ‘पठान’ को लेकर उत्पन्न जनाक्रोश देखते हुए केन्द्र सरकार को फिल्म ‘पठान’को प्रदत्त प्रमाण पत्र वापस लेकर उसका पुनः परीक्षण करना चाहिए। भविष्य में ऐसी फिल्मों को प्रमाण पत्र देने से अच्छी तरह यह देख लेना चाहिए कि उस फिल्म के कारण किसी के धर्म, आस्था, विश्वास और उसकी भावनाएँ न आहत हों। अब हिन्दू पहले से अधिक जागरूक और संगठित है। वह यह भी जान गया है कि फिल्मों में किसी तरह एक खास एजेण्डे के तहत हिन्दू धर्म को कमतर साबित करनी की साजिश की जाती रही है। अब वह ऐसे किसी षड्यंत्र सहन नहीं करेगा।
सम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर, आगरा-282003मो.नम्बर-9411684054

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