डॉ.बचनसिंह सिकरवार
पिछले दिनों उत्तरी सेना के कमाण्डर लेपिटनेण्ट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी द्वारा यह कहना कि अगर सरकार आदेश तो वो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लाने को तैयार हैं, इसमें उन्होंने अपनी ओर से ऐसा कुछ गलत या अतिश्यिोक्तिपूर्ण हो। सच तो यह है कि उन्होंने बस केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के उस वक्तव्य को दोराया भर था, जिसकी कुछ समय पहले श्रीनगर के दौरे के समय उक्त सम्बन्ध में संसद में लिए संकल्प की चर्चा की थी, लेकिन लेपिटनेण्ट जनरल द्विवेदी का उक्त वक्तव्य अभिनेत्री ऋचा चड्ढा को इतना बुरा/नागवार लगा कि उन्होंने इसके प्रत्युत्तर में तुरन्त कटाक्ष करते/तंज कसते हुए लिखा,‘गलवन सेज हाय’(गलवन का याद करो)।स्पष्ट है कि अभिनेत्री चड्ढा को न सिर्फ पाकिस्तान से उसके द्वारा अवैध रूप से हथिया/कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने वाला उनका बयान बुरा लगा,बल्कि उनकी निगाह में भारतीय सेना में इतनी क्षमता/सामर्थ्य नहीं की, वह ऐसा करने में कामयाब होगी। इतना ही नहीं, यह लिखकर उन्होंने एक तरह से भारतीय सैनिकों की पूर्वी लद्दाख के गलवन में चीन के सैनिकों से भिड़त में मिली सफलता पर भी प्रश्न खड़ा किया /चिढ़ाने की कोशिश की है,जबकि कोई 5,500फीट ऊँचे युद्ध क्षेत्र गलवन की चोटी पर 15-16 जून, 2020 की रात को कर्नल संतोष कुमार की अगुवाई में निहत्थे भारतीय सैनिकों ने कंटीली तारों लगे डण्डों से सुसज्जित चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला किया, जिसमें जहाँ 20भारतीय सैनिक शहीद हुए थे ,वहीं 40से 45चीनी सैनिक मार गए और घायल हुए थे। उस समय से अब तक अपनी बदनाम के डर से चीन अपने मृतक सैनिकों की तादाद छुपता आया है।उस घटना के बाद चीनी सेना फिर भारतीय सेना से टकराने की हिम्मत/कोशिश नहीं की है। कोई डेढ़ दर्जन दौर की वार्ताओं बाद चीनी और भारतीय सैनिक कुछ मोर्चों से पीछे हटे और कुछ भी अब भी डटे हुए हैं। चीन ने भारतीय सैनिकों को परास्त/हरा दिया, ऐसा तो कभी हमलावर चीन भी नहीं कहा है, पर अपने देश की अभिनेत्री ऋचा चड्ढा को यह कहने में जरा भी शर्म नहीं आयी। ऋचा चड्ढा ने उनके बलिदान का उपहास उड़ाया हैं। यह बहुत शर्मनाक बात है। इस तरह की बातें करने से पहले ऐसे लोग पता नहीं अपना दिमाग कहाँ छोड़ आते हैं? धिक्कार है इस तरह से चर्चा में आने की मानसिकता रखने वालों को। वैसे कुछ साल पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष/जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.फारूक अब्दुल्ला ने भी कहा था कि पीओके क्या तुम्हारे बाप है, जो ले लोगे। उनके कहने का आशय यही था कि भारतीय सेना में इतनी सामर्थ्य नहीं कि पाकिस्तान से लड़कर गुलाम कश्मीर वापस ले सके। जैसे अब अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने जिस तरह चीन को भारत से अधिकत शक्तिशाली होने का कटाक्ष किया है,वैसा ही तुलना डॉ.फारूक अब्दुल्ला समेत अपने मुल्क के कुछ पाकिस्तान के हिमायती/देश को अहित चाहने/ईष्या रखने वाले करते आए हैं।इनमें से अधिकतर इस्लामिक कट्टरपंथी हैं,उन्हें भारत का पाकिस्तान को चुनौती देना अच्छा नहीं लगता,इसलिए वे अक्सर चीन की याद दिलाते रहते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि चीन अपने छल से भले कामयाब रहा है,पर आमने-सामने की जंग भारतीय सैनिकों ने उसे मँुहतोड़ जवाब ही दिया है।
अफसोस की बात यह हैअभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने ऐसी बेजा हरकत पहली बार नहीं की,इससे पहले भी वह भारत-पाक सीमा अर्थात् बाघा पहुँच कर देश भक्ति की मशाल चलाये जाने वाले के कृत्य को सर्कस निरुपति करने के साथ ही पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को असली जनहितैषी न्यायालय घोषित कर चुकी हैं।सम्भवतः इसलिए अभिनेता अक्षय कुमार ने भी ऋचा चड्डा के ट्वीट का जवाब देते लिखा , ‘यह देखकर दुःख हुआ। हमें कोई चीज हमारी भारतीय सेना के प्रति अकृतज्ञता(एहसान फरामोश)नहीं बन सकता। वो हैं तो हम हैं।’
बॉलीवुड फिल्म उद्योग अनेकानेक लोकप्रिय अभिनेता, अभिनेत्रियाँ, भारतीय युवाओं को दिग्भ्रमित करने और चीन एवं पाकिस्तान जैसे शत्रु देशों को एजेण्डा चलवाने में सहायक भूमिका निभाते आ रहे हैं। बॉलीवुड के फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, तापसी पन्नू, अभिनेता आमिर खान, फरहान अख्तर, इत्यादि ऋचा चड्ढा के गिरोह में शामिल हैं। 14अगस्त, 2016को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर अभिनेता फरहान अख्तर गरीबों को भोजन और वस्त्र वितरण हेतु कराची चले गए। शायद भारत में भारत में गरीब नहीं मिले। वैसे फरहान अख्तर की फिल्म का नाम ‘दिल धड़कने दो’। अवश्य धड़कने दो पर किसके लिए?।
अब अभिनेत्री ऋचा चड्ढा के खिलाफ फिल्म निर्माता अशोक पण्डित मुम्बई जुहू पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी/एफआइआर दर्ज करने की माँग की है। उन्होंने पुलिस स्टेशन जाकर अपना पत्र दिया है।ऋचा चड्ढा के खिलाफ एफआइआर दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों के जवानों ने गलवन घाटी में बलिदान दिया था। जब ऋचा चड्ढा ने जिस तरह मजाक उड़ाया है। ंउससे लोगों को तकलीफ हुई हैं। ऋचा चड्ढा पर को राष्ट्रविरोधी बता कर लोगों ने यह कहते हुए उन पर निशाना साधा है कि उन्होंने हमारे देश की सेनाओं का अपमान किया है। इतना ही नहीं, इस मामले में उनके खिलाफ साइबर सेल में शिकायत दर्ज हो चुकी है। हालाँकि बाद में ऋचा चड्ढा ने अपने ट्वीट के लिए माफी माँगी है।उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मेरी मंशा कभी भी किसी को भी अपमानित करने की नहीं रही है। मुझे मेरे कहे तीन शब्दों के कारण विवाद में घसीटा गया। जाने-अनजाने में मेरे द्वारा कहे गए शब्दों से अगर फौजी भाइयों की भावनाएँ आहत हुई हों या ठेस पहुँची हो, तो मैं माफी माँगती हूँ। साथ ही यह भी कहना चाहती हूँ कि फौज में मेरे नाना भी सेना में लेपिटनेण्ट कर्नल रहे हैं।उनके पैर में सन् 1960में गोली लगी थी। मेरे मामा जी पैरा ट्रूपर थे। देशभक्ति मेरे खून में है। देश बचाने के दौरान जब एक बेटा शहीद हो जाता हैतो परिवार बुरी तरह प्रभावित होता है। अगर कोई फौजी घायल हो जाता है तो भी कैसा प्रभाव पड़ता है,यह मैं अच्छी तरह जानती हूँ। मेरे लिए यह एक भावनात्मक मुद्दा है।
वैसे अब ऋचा चड्ढा अपनी आलोचना से परेशान होकर बचाव में कुछ भी कहती रहें,लेकिन अपने देश के प्रति उन्होंने यह गलतबयानी कोई पहली बार नहीं की है, इसके पीछे उनकी सोहबत और गैर हिन्दू से कथित मुहब्बत और वैवाहिक सम्बन्ध भी हो सकता हो। हकीकत यह है कि अपने देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं,खाने-कमाने की गरज से हिन्दुस्तान में रहते हैं,पर दिल उनका गैर मुल्क,गैर मजहब के लिए ही धड़कता है।लेकिन अब लोग भी ऐसे लोगों के जान चुके हैं,जो वक्त आने पर उनको उन्हीं के जुबान में जवाब देने को तैयार रहते हैं।
सम्पर्क- डॉ. बचन सिंह सिकरवार 63ब, गाँधी नगर, आगरा-282003 मो.नम्बर-9411684054
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