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सुदामा कुटी में श्रीराम जानकी विवाह के मध्य हुआ श्रीराम कलेवा का आयोजन

वृन्दावन।वंशीवट क्षेत्र स्थित श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी में श्रीरामानंदीय वैष्णव सेवा ट्रस्ट के द्वारा चल रहे ठाकुर कौशल किशोर भगवान के त्रिदिवसीय 50वें पाटोत्सव एवं श्रीसीताराम विवाह महोत्सव के अंतर्गत नगर में निकाली गई श्रीराम बारात के उपरांत राम कलेवा महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ मनाया गया।ठाकुर कौशल किशोर भगवान का अत्यंत दिव्य व भव्य श्रृंगार किया गया।साथ ही ठाकुर स्वरूपों को अनेकों पकवान निवेदित किए गए।इसके अलावा श्रीराम जानकी विवाह से सम्बन्धित एवं प्रख्यात वाणीकारों द्वारा रचित पदावलियों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।शहनाई व नौबत बजाई गई। वेदज्ञ विप्रों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीराम जानकी की पूजा अर्चना की गई
श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास महाराज व श्रीमहंत अमरदास महाराज ने कहा कि सुदामा कुटी में ठाकुर कौशल किशोर भगवान मन्दिर की स्थापना हमारे दादा गुरु गोलोकवासी सुदामादास महाराज ने आज से 50 वर्ष पूर्व की थी।उन्हीं ने सुदामा कुटी में श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव को प्रतिवर्ष आयोजित करना करने का संकल्प लिया।उनकी उसी परम्परा का निर्वाह हम लोग आज भी कर रहे हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि भगवान श्रीराम व मां जानकी भारतीय वैदिक संस्कृति की बहुमूल्य थाती हैं।जिनके जीवन चरित्र से असंख्य व्यक्तियों को प्रेरणा व ऊर्जा प्रदान होती है।
काशी स्थित सुदामा कुटी के श्रीमहंत राघवदास महाराज व महंत जगन्नाथ दास शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन भगवान श्रीकृष्ण की पावन लीला भूमि है।यहां पर भगवान श्रीकृष्ण के अलावा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के उत्सवों का मनाया जाना भारतीय सनातन संस्कृति के समन्वयवादी स्वरूप को परिलक्षित करता है।क्योंकि भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण दोनों ही जन-जन के परमाराध्य हैं।
इस अवसर पर संत रामसंजीवन दास शास्त्री, डॉ. मनोज मोहन शास्त्री, संगीताचार्य देवकीनंदन शर्मा, प्रमुख भाजपा नेता मोहन शर्मा, निखिल शास्त्री, भरत लाल शर्मा, नंदकिशोर अग्रवाल, सुनील चतुर्वेदी (एडवोकेट), डॉ. अनूप शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा,आचार्य ईश्वरचंद्र रावत आदि की उपस्थिति विशेष रही।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
महोत्सव में पधारे सभी संत, विद्वानों को उपहार भेंट कर स्वागत किया गया।तत्पश्चात वृहद भंडारे के साथ महोत्सव का समापन हुआ।
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी

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