स्वास्थ्य

आँखें को रोेगी होने से बचाएँ

आँखें को रोेगी होने से बचाएँ
डॉ.अनुज कुमार सिंह सिकरवार
अक्सर कहा जाता है कि आँखें हैं,तो जहाँन हैं,क्योंकि इनके बगैर दुनिया देखना असम्भव है।लेकिन जाने- अनजाने में आँखों को रोगी होने से बचाने को लेकर लोग लापरवाही बरतते हैं। इसमें कभी तो हमारी जीविका से सम्बन्धित विवशता होती है,तो कभी अपनी लत के कारण आवश्यक सावधानी नहीं बरतते।
वर्तमान में लैपटॉप/मोबाइल पर लगातार काम करना/नजरें गढ़ाये रखना रोजी-रोटी के लिए आवश्यक ही नहीं,अनिवार्य हो गया है,वहीं अध्ययन के लिए भी एक जरूरी माध्यम/साधन हैं,लेकिन कुछ लोग के लिए लैपटॉप / मोबाइल महज मनोरंजन के साधन बन गए हैं, इनके बिना कुछ लोग पल भर अलग नहीं होते। लेकिन यह भी सच है कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है,इन्हें देखने की भी है। कोरोना काल में तो इन माध्यमों का उपयोग अनिवार्य-सा हो गया था,पर ऐसा नहीं है।

वैसे क्या आपको पता है? लैपटॉप पर लगातार काम करते, मोबाइल पर नजर गढ़ाए रखने हुए आँखों पर काफी दबाव पड़ता है। लम्बे समय तक लैपटॉप की स्क्रीन देखने के कारण आँखों में कई तरह की समस्याएँ पैदा होती हैं, उदाहरण के लिए -आँखें लाल होना,उनमें जलन या दर्द फिर खुजली और आँखों से गन्दगी आना आदि। ये सब ‘ड्राई आई सिन्ड्रोम’के लक्षण हैं।
इस बीमारी से बचने का सबसे आसान उपाय पलकों को बार-बार झपकाना है।
हम जीविका चलाने के मजबूर लैपटॉप पर काम करना तो बन्द नहीं कर सकते, पर आवश्यक सावधानी तो बरत सकते हैं। इसलिए जब भी लैपटॉप पर काम करें, तो बीच-बीच पलकें झपकते रहें। वस्तुतः पलकें झपकाने से आँखों पर लुब्रीकेण्ट की एक परत आ जाती है। पलकें जितनी बार झपकेंगी, उतनी बार प्राकृतिक लुब्रीकेण्ट लगता रहेगा। इससे आँखांे में दर्द या ड्राई आई सिन्ड्रोम यानी कि आँखों में सूखेपन की समस्या नहीं होती है।
क्या है ड्राई आई सिंड्रोम – इस सूखे के कारण ही आँखों में खुजली दर्द और जलन होती है। ऐसे में आँखें जलने से समस्या और अधिकता बढ़ जाती है। पलकें जितनी बार झपकेंगे, उतनी बार प्राकृतिक लुब्रीकेण्ट लगतार निकलता रहेगा। इससे आँखों में दर्द या ड्राई आई सिन्ड्रोम की समस्या नहीं होती है। अधिकतर यूजर लैपटॉप /मोबाइल देख ब्राइटनेसे बढ़ाकर रखते हैं,जिससे आँखों को काफी नुकसान होता है। इनसे निकलने वाली नीली रोशनी नींद को भी प्रभावित करती है।इसी लिए इन गैजेट्स की ब्राइटनेस कम करके रखें या फिर डिस्पले सेविंग मोड पर रखें,ताकि आँखों को क्षति कम हो।
आँखों को विश्राम दें-लैपटॉप पर काम करते समय 15मिनट में ब्रेक लंे। इस बीच कुछ देर के लिए आँखें बन्द कर लें। इसके साथ ही स्क्रीन टाइम में एण्टीलेयर चश्मे का उपयोग करें। यह आँखों ंको स्क्रीन की रोशनी के बुरे असर से बचता है।इसके साथ ही आँखों में ठण्डे पानी के छीटें अवश्य मारें।अब प्रश्न यह है कि आप अपनी प्यारी और दुनिया को दिखाने वाली इन आँखों का जरूरी ख्याल रखेंगे? ं

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0104208
This Month : 9722
This Year : 41501

Follow Me