कार्यक्रम

प्रेम, सौहार्द्र व सद्भाव का पर्व है होली : डॉ. आदित्यनंद महाराज

वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित चिंतामणि कुंज में होली महोत्सव आयोजन महामंडलेश्वर स्वामी आदित्यानंद जी महाराज की अध्यक्षता में अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।
जिसमें रंगों व फूलों के द्वारा जमकर होली खेली गई। साथ ही होली से संबंधित भजनों, पदों व रासियों आदि गायन किया गया।
महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज व स्वामी कृष्णानन्द महाराज ने कहा कि होली सद्भाव और प्रेम का त्योहार है। सभी को मिलकर अपने ईंर्श्या, द्वेष कों त्याग कर प्रेम मिलन करके हम बुराइयों कों समाप्त करें और अच्छाइयों को ग्रहण करें।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वदी व पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ महाराज ने कहा कि भगवान शिव ने भी होली खेली थी और होली में सभी रंगों का स्माववेश है। इसीलिए होली को रंगोत्सव भी कहते हैं।
आचार्य रामविलास चतुर्वेदी व पंडित जोगेंद्र भारद्वाज ने कहा कि ब्रज रज प्रेम का आनंद स्वरूप है। जिसमें सभी ब्रजवासी सुख की अनुभूति प्राप्त करते हैं। साथ ही प्रेम और सौहार्द्र को बढ़ाते हैं।
बाबा कर्मयोगी महाराज व कृष्ण कन्हैया पदरेणु ने कहा कि धर्म संस्कृति से बढ़कर कर्म संस्कृति की प्रधानता है। सभी आचार्यों ने इस ब्रज रज को आकर नमन किया । और भगवान की लीलाओं को अवलोकन कर उनका आनंद लाभ प्राप्त किया
इस अवसर पर पुरुषोत्तम शरण महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, भागवताचार्य पंडित श्रीकृष्ण गौतम, वीरपाल मिश्र, गोपाल भैया, अशोक भारद्वाज, राकेश शास्त्री, डॉ. विनोद शर्मा, पंडित महेंद्र सिंह शर्मा, गिरिराज शरण शर्मा, जुगल गोस्वामी, ईश्वर चंद्र रावत, आनंद बिहारी शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने किया।
पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने किया।
पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ

About the author

Rekha Singh

Add Comment

Click here to post a comment

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0111341
This Month : 6662
This Year : 48634

Follow Me