डाॅ.बचन सिंह सिकरवार
गत दिनों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ‘आतंक विरोधी दस्ते(एटीएस) द्वारा इस्लामिक दहशतगर्द संगठन ‘जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश’(जेएमबी)के चार दहशतगर्दों तथा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक दहशतगर्द की गिरपतारी तथा उनके पास हथियारों, एक दर्जन से अधिक लेपटाप सहित लगभग 15 बोरों में मजहबी पुस्तकें मिलने से स्पष्ट है कि अपने देश में पाकिस्तान के साथ-साथ बांग्लादेशी इस्लामिक दहशतगर्द संगठन भी हमारे देश के मुस्लिम नौजवानों को गुमराह कर उन्हें अपने ही मुल्क और उसके बाशिन्दों के खिलाफ हथियार उठाने को तैयार करने में जुटे हुए हैं, ताकि हिन्दू-मुसलमानों के बीच मजहबी नफरत फैलाकर दंग-फसाद कराके अस्थिरता, दहशतगर्दी के जरिए भारत में निजाम-ए-मुस्तफा’ कायम करने का रास्ता साफ किया जा सके। इन दहशतगर्दों के पकड़े जाने से साफ है कि वर्तमान में अपने देश में शायद ही कोई ऐसा इलाका हो, जहाँ देश के दुश्मन सक्रिय न हांे। जहाँ पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को हड़पने कर उस ‘दारुल इस्लाम’ बनाने को दशकों से अपने दहशतगर्दों को भेजकर यहाँ खून-खराब कराता आ रहा है,जिसमें किसी हद तक वह कामयाब भी रहा। उसकी वजह से ही 19 जनवरी,1990 में इस्लामिक कट्टर पंथियों ने बन्दूक के जोर पर कोई 5 लाख कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीर घाटी से अपने सबकुछ छोड़कर जाने को मजबूर किया,जो आज तक अपने ही मुल्क में खानाबदोशों सरीखी जिन्दगी बसर करने को मजबूर हैं। अब 5अगस्त,2019 को इस सूबे का खास दर्जे से जुड़े अनुच्छेद 370 और 35ए खत्म किये जाने और इसे दो सूबों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बाँटे जाने के बाद उसका दहशतगर्द और हथियार भेजने का सिलसिला बना हुआ है।इनकी वजह से धरती की जन्नत का इन मुजाहिदों ने जहन्नुम बनाया हुआ है। पाकिस्तान के भेजे इस्लामिक दहशतगर्द मुम्बई समेत देश कई शहरों में बम विस्फोटों के जरिए हजारों बेकसूरों की जान ले चुके हैं।
अब अपने देश में बांग्लादेश दहशतगर्दों की मौजूदगी और उनके इरादों जानकर बेहद अफसोस होता है,जिनके मुल्क को मौजूदा वजूद को लाने के लिए भारत ने क्या-क्या नहीं किया था? इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के साथ-साथ पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ी,जिसमें हजारों भारतीय सैनिकों ने अपनी जानें भी दीं थीं। भारत से मजहब की बुनियाद पर बने पूर्वी पाकिस्तान के बाशिन्दों पर हममजबियों ने कैसे-कैसे और कितने जुल्म ढहाये तथा औरतों,बच्चों के साथ दरिन्दगी की थीं, उन्हें भुगताने वाले अभी जिन्दा हैं। उस वक्त ं हम वतनी और हम मजहबी पश्चिमी पाकिस्तानी सैनिकों ने लाखों लोगों को वहशी तरीकों से मार डाला था। इसमें पश्चिमी पाकिस्तान के फौजियों ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की दो लाख महिलाओं के साथ बलात्कार किया और तीस लाख लोगों का मौत के घाट उतार दिया।
अब इसी 13मार्च भोपाल के ऐशबाग और करौंद इलाकों से आतंक विरोधी दस्ते द्वारा पकड़े चार बांग्लादेशी दहशतगर्द फजहर अली,मोहम्मद अकील,जहूरद्दीन, फजहर जैनुल आबदिल हैं । इन देहशतगर्दों के मुताबिक उनका मकसद अपने संगठन की छात्र शाखा से मुसलमान नौजवानों को जोड़ना है। इसके लिए वे भोपाल के विभिन्न इलाकों की मस्जिदों में पहुँचकर अपने मुस्लिम युवाओं से मिलते थे। फिर उन्हें संगठन की विचारधारा से प्रेरित करते थे। इसके लिए वे उन्हें जिहादी किताबे भी मुहैया कराते थे। कई युवाओं को उन्होंने पूर्णकालिक और अल्पकालिक सदस्य के रूप में भर्ती भी की है। इन चार दहशतगर्दों में से एक दहशतगर्द जेएमबी की छात्र शाखा का हार्डकोर सदस्य है। इस इस्लामिक दहशतगर्द संगठन की गतिविधियों पर एटीएस बहुत पहले से निगरानी रख रह था,अब इस संगठन का देश में पूरा संजाल (नेटवर्क)को खंगालने के लिए उ.प्र., बिहार, पश्चिम बंगाल जाएगी,जहाँ इनका नेटवर्क काफी मजबूत होने की आशंका जतायी जा रही है।इसी 14मार्च को एटीएस ने न्यायालय उन्हें 14दिन की रिमाण्ड पर लिया है। अब वह नौ राज्यों उ.प्र.,तेलंगाना, झारखण्ड, बिहार, बंगाल,छत्तीसगढ़, असम,त्रिपुरा और दिल्ली में जेएमबी का संगठन,स्लीपर सेल,और उसके मददगारों के सक्रिय होने का पता लगाएगौ। वैसे भी इन राज्यों की एजेन्सियाँ भी भोपाल पहुँच हुई हैं। वह इन दहशतगर्दों से लगातार पूछताछ कर रही हैं। एजेन्सियों की गतिविधियाँ जिस तेजी से चल रही हैं,उसे देखते हुए लगता है कि जल्द इन दहशतगर्दों को इनके विभिन्न राज्यों में ले जाकर पूछताछ की जाएगी। फिर इनकी निशानदेही पर आगे की कार्रवाई होगी। इनमें उ.प्र.का सहारनपुर भी शामिल है,जहां इन्होंने अपने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और मतदाता परिचय पत्र बनवाए थे। इससे पहले 14जुलाई,2021को कोलकाता में एसटीएफ द्वारा जेएमबी के 3दहशतगर्द गिरपतार किया था,तब उनके पास एक गुप्त डायरी मिली थी,जो उस वक्त अस्पताल में एक मरीज के खानदानी बता रहे थे।उस वक्त भी उनके काफी पूछताछ की गई थी।
दरअसल,‘जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश’(जेएमबी) यह एक इस्लामिक दहशतगर्द संगठन है,जो वर्तमान में सक्रिय और खतरनाक होते हुए पिछले सालों में अपना बहुत कुछ गवां चुका है। जेएमबी के संस्थापक शेख अब्दुर रहमान ने पाकिस्तान के जिहादी दहशतगर्द संगठन ‘अल-कायदा’ तथा ‘लश्कर-ए-तैयबा’से रहे थे। जेएमबी ने ‘लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर इसने कई देशों में बड़ी संख्या में बम विस्फोट भी किये थे। जेएमबी के गठन खास मकसद बांग्लादेश को ‘इस्लामिक मुल्क’ बनाना रहा है, लेकिन यह आम नागरिकों का मारना नहीं चाहता,पर यह सरकारी कार्यालयों खासकर कोर्ट/कचहरी और जजों पर हमला करता आया है। इसने अपने संगठन के दो विभाग बनाये हुए हैं। इनमें पहला ‘दावा’ है,जो इस्लामिक कानून लागू करने पर जोर देता है, वहीं दूसरा ‘इहसार’सैन्य विभाग है,जो अपने मुजाहिदों को कठोर प्रशिक्षण देकर इस्लामिक दहशतगर्द बनाता है। यह अपने सदस्यों की भर्ती मस्जिदों और अहले हदीस स्कूलों के जरिए करता आया है। इसकी नौजवान शाखा ‘जमात-ए-इस्लामिक है, जो ‘इस्लामिक चाटरा शबिर’ कही जाती है। यह अपने सदस्यों के घर-खानदानों को आपस में जोड़ने के लिए निकाह कराता है,ताकि उनके संगठन मजबूत हो। एक समय जेएमबी 2000 मुजाहिद रहे हैं,जो 9इलाकों में अपना दबदबा कायम किये हुए थे। यह दहशतगर्द संगठन बांग्लादेश के उत्तर पश्चिम में एक जिले राजशाही पर कब्जा कर तालिबान की तरह अपना अड्डा बनाने का ख्वाब पाले हुए है। 17अगस्त,2005को बांग्लादेश की पुलिस द्वारा इसके सैकड़ों सदस्यों को गिरपतार किया गया,तब इसके मूल संस्थापक शेख अब्दुर रहमान समेत तमाम नेताओं को दण्डित किया गया था। अक्टूबर, 2008 में जेएमबी 95सक्रिय सदस्य पकड़े गए और उनसे बड़ी मात्रा हथियार और जिहादी साहित्य बरामद किया गया। उसके बाद से यह भर्ती में बहुत ज्यादा सावधानी बरता आया है। जेएमबी में घुसपैठ के डर से अपने संगठन की मजहबी शाखा-दावा की खुली बैठक भी नहीं करता और अपने द्वारा संचालित चार मदरसों से नए सदस्यों की भर्ती करता है। यह अपना संगठन चलाने के लिए गाँव के किसानों से अनाज एकत्र करने से लेकर स्थानीय व्यापारियों से लेकर अपने सदस्यों तथा समर्थकों से चन्दा वसूल करता है। इसे धन देने वालों में मध्य-पूर्व विशेष रूप से सऊदी अरब, कुवैत आदि में काम करने वाले खास हैं।इसके अलावा इसकी आय एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हवाला के जरिए रकम एक मुल्क से दूसरा मुल्क को भिजवाना भी रहा है। बांग्लादेश की सियासी पार्टियाँ इस्लामिक दहशतगर्द संगठनों से होने वाले नफा-नुकसानों को अच्छी तरह जानती हैं। फिर भी सियासी फायदों के लिए इनका इस्तेमाल करते आयी हैं। इनमें ‘बांग्लादेश नेशनल पार्टी’(बीएनपी) सबसे आगे हैं,लेकिन वर्तमान में प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद की सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी ने ऐसे संगठनों के दमन की कोशिशें जरूरी की हंै,पर आन्तरिक उलझनों यानी कट्टरपंथियों की नाराजगी की वजह से सख्त कार्रवाई से यथासम्भव बचने की कोशिश भी करती आ रही हैं। अब केन्द्र और विभिन्न राज्य सरकारों से अपेक्षा है कि एसटीएफ की जाँच में हर तरह से सहायता करें,ताकि जेएमबी के सक्रिय,निष्क्रिय यानी स्लीपर सेल, मददगारों,हमदर्दों को पकड़कर उन्हें नमूने की सजा दिलायी जा सके और इस और दूसरे सभी इस्लामिक दहशतगर्द संगठनों को नामोनिशां मिटाया जा सके। ऐसा किये बगैर अपने मुल्क और इसके बाशिन्दों की हिफाजत मुमकिन नहीं है।
सम्पर्क-डाॅ.बचन सिंह सिकरवार-63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003मो.नम्बर-9411684054
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