राजनीति

अब खुद भी धमका रहे हैं तौकीर रजा खाँ ?

डाॅ.बचन सिंह सिकरवार
गत दिनों ’इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल’(आइएमसी)के अध्यक्ष और पूर्व सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री मौलाना तौकीर रजा खाँ ने पिछले दिनों हुई हरिद्वार में हुई धर्म संसद में कुछ सन्त-महन्तों के मुसलमानों को लेकर की गई आपत्तिजनक,अनर्गल टिप्पणियों को लेकर बरेली में मुस्लिम मजलिस में भारत सरकार तथा हिन्दुत्ववादियों को जिस तरह अपने रसूल से गुस्ताखी,मुस्लिम बहन-बेटियों पर बुरी नजर डाले जाने के मिथ्या आरोपों के साथ परोक्ष रूप में जंग/गृह युद्ध की धमकी देते हुए जिस तरह विरोध जताया है, उसे किसी भी दशा में उचित नहीं है।उनके इस बयान की हर हाल में कड़ी मजम्मत की जानी चाहिए। अगर हरिद्वार में सन्त-महन्तों ने मुसलमानों के खिलाफ जो कुछ बेजां कह कर गुनाह किया था,तो अब वह अपने मुल्क के खिलाफ जंग के ऐलान की धमकी देकर खुद क्या वतनपरस्ती का सुबूत दे रहे हैं? हकीकत में उनका गुनाह तो उन सन्त-महन्तों से कहीं ज्यादा गम्भीर है।यह सरासर राष्ट्रद्रोह सरीखा है। भारतीय कानूनों में उसकी बहुत सख्त सजा भी मुकर्रर है। यदि हरिद्वार की धर्मसंसद में सन्त-महन्तों ने अपने बयानों से मजहबी नफरत फैलाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की थी,तो मौलाना तौकीर रजा खाँ उनकी आलोचना/मजम्मत करते- करते खुद भी उनसे अमन की खुशबू फैला रहे थे? वह तो एक तरह से मुल्क की सरकार और हिन्दुत्ववादियों के खिलाफ जंग/गृहयुद्ध की धमकी दे गए। फिर अब तक उनके खिलाफ कहीं रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।यहाँ तक भाजपा के सांसद साक्षी महाराज ने मौलाना तौकीर के गृहयुद्ध की चेतावनी वाले बयान पर पलटवार करते हुए ऐसा सोचने वालों को 60फीट गहरे गड्ढे में दफन करने की बात कही है।
अब जहाँ तक हरिद्वार में सन्त-महन्तों द्वारा कथित धर्म सांसद में जो कुछ कहा, उसका किसी ने भी उनके वक्तव्यों का समर्थन नहीं किया,बल्कि उनकी निन्दा भी की है। इतना ही नहीं, उत्तराखण्ड सरकार ने उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करायी है। जहाँ तक मुसलमानों के रसूल की गुस्ताखी का सवाल है,उस पर जो टिप्पणी कर रहे हैं,वे भी पहले उनके हममजहबी रहे हैं।
उनका मुस्लिम युवतियों पर बुरी नजर डाले जाने का इल्जाम सरासर बेबुनियाद है,वह पूरी तरह झूठा है,जो साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की इरादे/नीयत से लगाया गया लगता है। इसके विपरीत उनके मुल्ला-मौलवियों के संरक्षण में देशभर में साजिश के तहत गैर मुस्लिम युवतियों को झूठी मुहब्बत की आड़ में ‘लव जिहाद’ के जरिए उनका और दूसरे लोगों को लोभ-लालच/डरा-धमका कर मतान्तरण कराया जा रहा है। यह हकीकत को केरल उच्च न्यायालय तथा वहाँ के ईसाई धर्म गुरु भी बयां कर चुके हैं। वैसे तौकीर रजा खाँ और उन जैसे मुसलमानों के रहनुमा यह बतायेंगे कि उन्हें अब जिस तरह इन सन्त-महन्तों के अनुचित और विद्वेषपूण बयानों से जैसी तकलीफ हुई है, क्या उन्हें कभी अपने हममजहबियों के हिन्दुओं,उनके धर्म उनके देवी-देवताओं को लेकर दिये बयानों से ऐसा ही कुछ हुआ था? अब तक अनगिनत बार मुल्ला-मौलवी और दूसरे इस्लामिक कट्टरपन्थी गैर मुसलमानों के सिर काटने के लिए इनाम देने का ऐलान कर चुके हैं। क्या अपने देश में उनके खिलाफ किसी तरह की सख्त कार्रवाई हुई? क्या उन्होंने आॅल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के विधायक अकबरद्दीन ओवेसी के उस बयान की मुखालफत की थी,जब उन्होंने पन्द्रह मिनट के लिए पुलिस और ‘सुरक्षाबल हटाने पर हिन्दुओं के सफाये करने का बयान दिया था। लखनऊ में हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की हत्या, काँग्रेसी नेता महमूद रशीद का मोदी की बोटी-बोटी काट कर फेंकने के बयान पर उनके किस हममजबी ने मजम्मत की थी। न जाने कितनी बार उनके हममजहबी भगवान राम और कृष्ण को कल्पनिक बताने के साथ-साथ उनकी जन्मभूमि को लेकर कैसे-कैसे बेहूदा बयान देने के साथ-साथ विदेशी हमलावार बाबर की हिमायत करते रहते हैं? क्या वे अपने रसूल के बारे में ऐसी ही टिप्पणी बर्दाश्त कर पाते? वे बतायेंगे कि कहाँ-कहाँ उनकी हममजहबी युवतियों की बेइज्जती की गई है?इसके विपरीत मुस्लिम बहुल इलाकों में हिन्दू युवतियों की बेइज्जती आए दिन की जाती है। मुजपफर नगर का दंगे की क्या वजह रही थी? हरियाणा में निकिता तोमर की गोली मार कर हत्या किसने की? देश में किस सियासी/मजहबी रहनुमा ने अब तक जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान और इस्लामिक दहशतगर्द संगठन ‘आइ.एस.’के झण्डे लहराते पाकिस्तान जिन्दाबाद,हिन्दुस्तान मुर्दाबाद,अल्लाह हो अकबर के नारे लगाने वालों की मजम्मत की है? मौलाना तौकरी रजा ने यह भी धमकी दी है कि उनके मजहबियों के सब्र टूटा तो देश में कहीं जगह नहीं मिलेगी।इसके माने हैं कि उनके हममजहबी जब हिन्दुओं को मारने निकलेंगे तो उन्हें बचने के लिए कहीं जगह नहीं मिलेगी। ऐसे बयान देकर मौलाना तौकरी रजा खाँ हिन्दू संसद के सन्त-महन्तों को किस मुँह से गलत ठहरा पाएँगे।वे खुद नफरत फैलाने में किस माने में सन्त-महन्तों से पीछे हैं? उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए?
इसके बाद खुद को वतनपरस्त साबित करने की गरज से मौलाना तौकरी रजा खाँ हर मुसलमान को पैदाइशी लड़ाका बताते हुए उन्हें प्रशिक्षण देकर कैलाश मनसरोवर जीत लाने और पाकिस्तान को भारत में मिलाने का दावा करते हैं। वैसे मुसलमानों को सेना और सुरक्षा बलों में जाने से अब तक किसी कहाँ रोका है?उनका कहना है कि मुसलमान दीन और देश पर मिटना जानते हैं। उनसे सवाल यह है उनकी इस काबिलियत पर किसने सवालिया निशान लगाया है? लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए इसमें मामले में हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध भी उनसे किसी भी मामले में उन्नीस नहीं हैं। इसके सुबूत देश के आजाद होने के बाद हुई जंगों की फेहरिस्त में दर्ज हैं। धर्म गुरुओं से अपने धर्म/मजहब की अच्छी शिक्षा दिये जाने की अपेक्षा की जाती है, नफरत फैलाने की नहीं। उन्हें याद रखना चाहिए कि धार्मिक विद्वेष फैलाने और देश के खिलाफ जंग छेड़ने की धमकी/ललकारने की छूट किसको नहीं है। एक गुनाह के गुनाहगार को सजा दिलाने की पैरोकारी करने वाला वैसा ही गुनाह करने पर खुद भी गुनाहगाह होता है।
सम्पर्क- डाॅ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003 मो.नम्बर-9411684054

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