डाॅ.बचन सिंह सिकरवार
गत दिनों कर्नाटक के होसादुर्ग विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्वमंत्री गुलिहट्टी शेखर के अपने विधानसभा क्षेत्र में संचालित ईसाई मिशनरियों द्वारा उनकी माँ को ईसाई बनाये जाने के बाद उन्हें अपने ही घर में पूजा करने दिक्कत आने की शिकायत किये जाने और पूर्व केन्द्रीय मंत्री के जे अल्फोंस के केरल में सत्तारूढ़ सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा(एलडीएफ) पर चरमपंथी संगठनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए केरल का तालिबानीकरण किये जाने का जो आरोप लगाया है, वह अत्यन्त गम्भीर है। इसकी तत्काल जाँच कराके ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है। खेद की बात यह है कि देश की सुरक्षा से सम्बन्धित इस गम्भीर मसले पर सदैव की तरह लगभग सभी राजनीतिक दल खामोश हैं, क्योंकि इनमें से कोई राजनीतिक दल और उसके नेता इन समुदायों के एक मुश्त वोटों को गंवाने का खतरा उठाने साथ-साथ स्वयं को फर्जी पंथनिरपेक्षों द्वारा साम्प्रदायिक होने का आरोप नहीं लगवाना नहीं चाहता है।
वस्तुतः वर्तमान मंे अपने देश की स्वतंत्रता, एकता पंथनिरपेक्षा, अखण्डता पर बाह्य और आन्तरिक शत्रुओं द्वारा अलग-अलग तरीकों/रूपों में लगातार हमले कर इसे कमजोर और इसका विघटन कराने की कोशिशें की जा रही हैं, जिन्हें लेकर जनसाधारण से लेकर कथित बुद्धिजीवी, साहित्यकार, पत्रकार, अभिनेता,अभिनेत्री और राजनीतिक दल से सबकुछ जानते हुए भी अपने निहित स्वार्थों के कारण अनभिज्ञ/अनजान होने का ढोंग/दिखावा कर रहे हैं और करते आए हैं। इनका यह अपराध क्षम्य नहीं हैं, पर उनके असली चेहरों को बेनकाब करने का सत्साहस बहुत कम लोगों में हैं। एक ओर बाहरी शत्रु पाकिस्तान और चीन भारत की सीमाओं में घुसकर उसके भू-भाग पर कब्जा करने को दिन-रात आँखें गढाये बैठे हुए हैं, वहीं इस्लामिक जिहादी और ईसाई मिशनरी भिन्न-भिन्न तरीकों से हिन्दुओं, सिखों आदि का मतान्तरण कराने की मुहिम छेड़े हुए हैं, ताकि देर-सबेर इस देश को इस्लामिक या ईसाई ़ मुल्क में तब्दील किया जा सके। व्यवस्था में बदलाव के नाम पर नक्सली चीन और दूसरे शत्रु देशों की सहायता से अशान्ति और अराजकता का माहौल बनाये हुए हैं। देश के शत्रुओं में से कुछ एक ओर अफगानिस्तान/पाकिस्तान से मादक पदार्थ की तस्करी कर युवा पीढ़ी का नशे के अन्धे कुएँ में धकेल कर उसे बर्बाद कर रहे हैं,वहीं दूसरी ओर इनसे हुई कमाई को मतान्तरण और दहशतगर्दों की आर्थिक और हथियारों से मदद कर रहे हैं। कुछ लोग पोर्न फिल्में दिखाकर तो कुछ तरह-तरह की धोखाधड़ी सिखा-पढ़ा उन्हें पथभ्रष्ट और अपने ही देश का उनसे अहित कराने में लगे हुए हैं।
ऐसी स्थिति पूर्व केन्द्रीय अल्फोंस साधुवाद के पात्र है, जिन्होंने देश हित में सच्चाई व्यक्त की है। उन्होंने यह आशंका भी व्यक्त की है कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो अगले पाँच-दस वर्षों में केरल दूसरा ‘अफगानिस्तान’ बन जाएगा। अफसोस की बात यह है कि उनके इस आरोप पर केरल सरकार ने किसी तरह की कार्रवाई करने का भरोसा नहीं दिलाया है। अब जहाँ तक कर्नाटक का प्रश्न है तो कर्नाटक में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण सम्बन्धी विधायी समिति ने जबरन मतान्तरण की शिकायतों पर अधिकृत और अनधिकृत चर्च, उनके पादरियों का सर्वे करने और मामले दर्ज करने का आदेश दिया है। इधर पंजाब की पाकिस्तान की सीमा से लगते जिलों अमृतसर, गुरुदासपुर, पठानकोट और तरनतारन में मतान्तरण के मामले सामने आने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी(एसजीपीसी) और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का यह कहना कि उनके पास पिछले काफी समय फोन के माध्यम से ईसाई मिशनरियों द्वारा मतान्तरण कराये जाने शिकायतें आ रही हैं।इनके निशाने पर अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति से सम्बन्धित लोगों और आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण मजहबी सिख (ऐसे हिन्दू दलित जिन्होंने बहुत पहले सिख पंथ अपना लिया था।) हैं। जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक कट्टरपन्थियों द्वारा कश्मीरी हिन्दू और सिखों के साथ-साथ गैर कश्मीरी श्रमिकों और दूसरे छोटे व्यावसायियों गोल गप्पे बेचने की रेहड़ी लगाने वाले आदि को चुन-चुन कर मारे जाने के पीछे इस इलाके में ’निजाम-ए-मुस्तफा’ / आजाद इस्लामिक मुल्क या फिर पाकिस्तान में मिलाना है।इस सूबे की पूर्ववर्ती सरकारें भी कश्मीरियत, जम्हूरित,इन्सानियत के नारे की आड़ में इसी एजेण्ड को पूरा करने में लगी हुई,पर अनुच्छेद 370तथा 35ए हटने तथा केन्द्र शासित राज्य उनके मंसूबे अब पूरे नहीं हो पाएँगे ।
वैसे तो पूरे देश में ही बड़ी संख्या में गाँवों,कस्बे,नगरों को हिन्दू विहीन बनाने जैसे हालात पैदा करने में इस्लामिक कट्टरपन्थी एक हद तक कामयाब हो गए है। राजस्थान/हरियाणा के मेवात इलाका इसका सबसे बड़ा सुबूत है। केरल में हिन्दुओं के साथ-साथ ईसाई युवतियों के ‘लव जिहाद’ में फँसाकर उन्हें बर्बाद किया जा रहा है। यहाँ इस्लामिक कट्टरपन्थियों के संगठनों की बेजां हरकतों से हिन्दू और ईसाइयों का जीना हराम हो गया है। केरल के एक गिरजाघर के बिशप जोसफ कल्लरैंगाट ने अपने राज्य में युवतियों को बड़े पैमाने पर ‘लव और नार्कोटिक जिहाद’ के जाल में फँस कर गैर मुस्लिमों को तबाह किये जाने का आरोप लगाया था। उस समय केरल के मुख्यमंत्री पिनई विजयन ने उनके आरोपों पर गम्भीरता से विचार करने की बजाय उनका यह कह कर प्रतिवाद किया,‘जो लोग जिम्मेदार पदों पर हैं,उन्हें समाज में विभाजन पैदा करने वाले बयान देने से बचना चाहिए।’ इसी 2अक्टूबर को बिशप जोसेफ ने एक बार फिर कहा है कि धर्मनिरपेक्षता भारत की मूल प्रकृति है, लेकिन छद्म धर्मनिरपेक्षता देश को नष्ट कर देगी। उन्होंने छद्म धर्मनिरपेक्षता को बर्बादी की जड़ बताया । वैसे भी भगवान परशुराम की भूमि कहे जाने वाले केरल में अब हिन्दुओं की आबादी 54.7बची है। इसी 20अक्टूबर को कानपुर में दुकानदार मोहम्मद सालिम को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप पकड़ा, जिसने अपनी दुकान के बिलों पर ‘इस्लाम द ओनली सोल्यूशन’यानी इस्लाम ही एकमात्र समाधान है, छपवाया हुआ था ,जो आइएएस मोहम्मद इपितखारुद्दीन की तकरीरों और साहित्य से मेलखाती हुई है।
इधर हाल में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने भी दावा किया है कि उनके सूबे में अवैध घुसपैठियों ने 2050 तक राज्य की सत्ता पर कब्जे का ब्ल्यू प्रिण्ट/रूप रेखा तैयार कर लिया है। घुसपैठियों का इरादा है कि तब तक वे राज्य के ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रांे में बहुमत वाली संख्या में होंगे। सिपाझार, बोरखोला,लुमडिंग विधानसभा क्षेत्रों में घुसपैठिये 2026 तक अपनी संख्या बढ़ाकर बहुमत में आने की जुगाड़ कर रहे हैं।
पिछले दिनों भारतीय प्रशासनिक सेवा(आइएएस)अधिकारी मुहम्मद इपितखारुद्दीन द्वारा कानपुर स्थित मण्डलायुक्त आवास पर अपने हममजहबियों के बीच मतान्तरण कराने को लेकर तकरीर देते हुए, उनके जो अब तक 77 वीडियो वायरल हुए हैं,इनमें नौ वीडियो में एस.आई.टी.को कट्टरता के सुबूत मिले हैं। इससे पहले हजारों की तादाद में लोगों का मतान्तरण कराने के आरोपी मौलाना कलीम सिद्दीकी और उसके 14 मददगारों की गिरपतारी भी हो चुकी है। इनमें कलीम सिद्दीकी की संस्था‘ वलीउल्ला ट्रस्ट’ के खाते में 20 करोड़ रुपए की फडिंग हुई है, जिसका मतान्तरण में इस्तेमाल किये जाने का सन्देह है।
अब यह भी ज्ञात हुआ है कि नेपाल के निकटवर्ती कई जिलों में उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर, चम्पापत, पिथौरागढ़ में बहुत तेजी से जनसांख्यिकीय/डेमोग्राफिक बदलाव हो रहा है। सन् 2011 की जनगणना में ही एक समुदाय विशेष की आबादी में ढाई गुना ब़ढ़ोत्तरी हुई है। कुछ ऐसी ही स्थिति पड़ोसी देश नेपाल की है, वहाँ की अन्दरूनी हाल तें तेजी से परिवर्तन हुआ है। ऐसा ही उत्तर प्रदेश के बहराइच, बस्ती, गोरखपुर मण्डल से लगी नेपाल सीमा पर सिर्फ दो साल में ही 400 से अधिक एक धर्म विशेष के मदरसे (शिक्षण संस्थान) और मस्जिदों (धर्मस्थल)का निर्माण हुआ है। सुरक्षा एजेन्सियों ने उत्तर प्रदेश में भी चेतावनी जारी की गई थी। पिथौरागढ़ के दो कस्बों धारचूला और जौलजीबी को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। यह तब जब गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन (एन.जी.ओ.) की विदेशों से मिलने वाले धन पर निगरानी की जा रही है। इसके बावजूद देश में मतान्तरण कराने के लिए मदरसों तथा मस्जिदों का गैरकानूनी इस्तेमाल बन्द नहीं हुआ है। ये उन जगहों पर बनाये जा रहे हैं, जहाँ मुसलमानों की आबादी बहुत कम है या बिल्कुल नहीं है। अब उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में जिस तरह अल्पसंख्यकों की आबादी में अचानक इजाफा हुआ है, वैसा अपने देश की कई सरहदों पर हो चुका है, पर केन्द्र और राज्य सरकारों की तुष्टीकरण की सियासत की वजह से देश की सुरक्षा को होने वाले गम्भीर खतरे की बराबर अनदेखी की जाती रही है। अगर समय रहते इन खतरों से निपटने के लिए कदम नहीं उठाये,तो यह मुल्क ज्यादा दिन सुरक्षित नहीं रहेगा।
सम्पर्क-डाॅ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003मो.न.9411684054
Add Comment