भा.कृ.अनु.प. – केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान में संविधान दिवस मनाया गया
मखदूम (फरह) मथुरा 26 नवम्बर। भारत के आधारभूत धरोहरों के संरक्षण एवं उत्थान हेतु भारत सरकार के द्वारा उठाये गये विभिन्न प्रयासों मंे एक – भारत गणराज्य के संविधान दिवस को भा.कृ.अनु.प. – केन्द्र्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान में संविधान दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के जानकार डॉ. सुधीर सिंह, प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा कि विभिन्न राष्ट्रों के संविधानों का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे देश का संविधान कितना मजबूत एव लचीला है जिसमें कालान्तर में आवश्यकतानुसार संशोधन किये जाते रहेे हैं।
उन्होंने बताया कि देश में विभिन्न भाषायें, धर्म जाति, रंग-रूप इत्यादि होने के बावजूद 72 वर्षो से भारत लोकतांत्रिक शक्ति के रूप में वैश्विक पटल पर अपनी छवि सुदृढ़ रखने में सफल रहा है।
डॉ. हरीश जी, विचारक एवं समाजसेवी ने कहा कि हम लोगों को आत्मार्पित होना चाहिए। तभी हमारा एवं समाज का विकास हो सकता है, उन्होंने इसकी विविध क्षेत्रों में उपयोगिता की विस्तृत व्याख्या दी। मातृभूमि के प्रति कर्तव्यों, समर्पण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण के लिए सभी को अपनी-अपनी क्षमतानुसार योगदान देना चाहिए।
डॉ. आर.के. मित्तल, कुलपति, चौ. वंशीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी ने कहा कि देश की आर्थिक दशा सुधारने के लिए कृषि के साथ-साथ पशुपालन करने को कहा, क्योंकि इसके द्वारा वह अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि समाज में आर्थिक विषमता को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने संविधान दिवस के महत्व के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा संविधान तैयार किया तथा यह दुनिया के सभी संविधानों को परखने के बाद बनाया गया, जिसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 125 संशोधन शामिल हैं। भारत का संविधान दो वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर, 1949 को राष्ट्र को समर्पित किया गया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक एवं मुख्य अतिथियों द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
कार्यक्रम का संचालन प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापित डॉ. अनुपम कृष्ण दीक्षित, नोडल आफिसर ने किया।
इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक, वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी, तकनीकी अधिकारी, रिसर्च एसोसिएट, एस.आर.एफ. एवं मैनेज द्वारा प्रायोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में आये 28 राज्यों के प्रशिक्षार्णी एवं सेवा संगठन से आयी तेलगाना राज्य की ग्यारह पशु सखी ने भाग लिया। तीन सौ से अधिक श्रोतागणों को अभिभूत किया।
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