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चीन का आर्टिकल परमाणू वायरस-2020

चीन की रहस्मयी गुफाओं में, ’’चीन की कातिल खूनी इंसान के अस्तित्व को पृथ्वी से जड़-मूल समाप्त करने बाली प्रयोगशाला है। चीन एक अद्वभुत संुदर पहाड़ो और गुफाओं से घिरा देश है। मीलों दूर फैली गुफाएं, झरने कुछ मानव जाति निर्मित गुफाएं जहाँ ईश्वर की अद्वभुत रचनाओं में से एक है जहाँ गुफओं के अन्दर रहस्यमी प्रयोगशाला में तरह-तरह के वायरस तैयार किये जाते हैं। चीन दुनिया का एक ऐसा देश है, जहाँ बड़े-बड़े उद्योग, मशीनरी काम आने बाले कल-पुर्जे, हर क्षेत्र में चीन का बोल बाला है। धरती से लेकर चाँद तक उसकी कल्पनायें साकार हो रही हैं। अपार धन का भण्डार है। चीन की सोच और नापाक इरादे दुनिया का हर देश जानता हैं। कहीं धन देकर तो कहीं तानाशाही से दूसरे देशों के भू-भाग पर विस्तारवादी नीति अपना कर कब्जा करना उसकी चाल चरित्र में बसा है। इसलिये चीन की प्रयोगशाला में चीन ने चमकादर में पाया जाने बाला विषाणु से कोरोना वायरस तैयार कर चीन ने पहले अपने देश में एक छोटा सा प्रयोश कर दुनिया को अपने भ्रम जाल में उलझा कर पूरी दुनिया में फैला दिया।
कोरोना वायरस कोई सादाहरण वायरस नहीं है। एक अर्द्रस्य है जो दिखाई नहीं देता। एटम बम से लेकर बिनासकारी मिशाइलें भी इस चीनी वायरस के सामने बोनी साबित हो रही है। पूरी दुनिया में मानव जाति के अनमोल जीवन पर मृत्यु के घोर बादल छा गये हैं। कोरोना से संक्रमिम होकर दुनिया में लाखों करोड़ों इंसान मौत की नींद में समा गये हैं। सन्-2020 से लेकर आज सन्-2021 में चीनी वायरस ने अपना रोद्र रूप धारण कर लिया है। आज हमारे देश भारत में लाखों इस महामारी के शिकार होकर हजारों लोग मौत के आगोश में समाते चले जा रहे हैं। चीन ने कोरोना की आड़ में भारत के अंदर घुसकर हमारी जमीन पर कब्जा करके जो गलती की है उस नापाक गलती का हमारे वीर जवानों ने उसकी भाषा में जवाब दिया जिसमें हमारे 20 जवान शहीद हो गये, लेकिन हमारे जवानों ने आॅन दा स्पाॅट बदला लिया और 40 चीनी सैनिकों को मौत के आगोश में हमेशा-हमेशा के लिये सुला दिया। चीन का तानाशाह शी जिनपिंग एक शातिर चालाक भेड़िये के रूप में एक शैतान आदमी है। लेकिन शी जिनपिंग की चाल ने विश्व में विनाशकारी मिशाईलें, एटम बम तरह-तरह के हथियार, आधुनिक संसाधन जो पलक झपकते ही विनाश की गाथा लिख देंगें। भारत की धरती पर राफेल जैसे आधुनिक विमान की गर्जना से दुश्मन के पसीने छूटने लगते हैं। जहाँ भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जैसे निडर ऊर्जावान मंत्री की चाणक्य नीति और भारतीय जवानों के अदम साहस, ’’पराक्रम से शी जिनपिंग की सांसे उखड़ने लगी और एल0ओ0सी0 सी अपनी लाल सेना को पीछे हटाना पड़ा।
माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी ने दुनिया के सभी देशों में भारत की साफ-सुथरी नीति जियो और जीने दो के सिद्धांत और भारत की संस्कृति को उच्च शिखर पर पहुँचाया, मोदी जी के चमत्कारी मुग्द्ध कर देने बाले संवाद दुनिया के सभी देशों को आकर्षित करते हैं। दुनिया के ताकत भर देश अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस, जर्मनी जैसे देश भारत के साथ कदम से कदम मिला कर खड़े हो गये हैं और अच्छे मित्र भी बन गये हैं। चीन की विस्तारवादी सोच से बहुत सारे देश नाखुश हैं। चीन की विस्तारवादी सोच से पूरे संसार में विनाशकारी मिशाईलें, एटम बम तरह-तरह के हथियारों की स्पर्धा की लहरें हिलौरे मार रही हैं। पलक झपकते ही पृथ्वी के मानव जाति का घोर विनाश हो जायेगा। चीन से फैला कोविड-19 भारत में भारी तवाही मचा रहा है। केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकारें सभी अपनी-अपनी वेवसी पर आंशू वहा रही है। आॅक्सीजन की भारी कमी और उसकी कालाबाजारी से हजारों, लाखों इंसानों की जाने जा रही हैं। इस महामारी के विनाशकारी समय में आपदा में अवशर ढूढ़ना ऐसे आदमी हैवान बन कर मानवता के घोर शत्रु बन कर प्राकृतिक के पापी बन कर आदमी से हैवान बन जाते हैं।

जीवन रक्षक दवाईयों की कालाबाजारी करने बाले लोग इंसान नहीं बन सकते, ’’ऐसे लोग पृथ्वी पर बोझ बन कर जीते हैं। केन्द्र सरकार की नींद देर से टूटी है। मोदी जी के प्रयास सफल होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। विदेशों में जीवन रक्षक आॅक्सीजन इम्पोर्ट कर भारत में लाई जा रही है, ताकि इंसान का जीवन बचाया जा सके। रूस ने भी इस आपातकाल में अपने देश में निर्मित वैक्सीन भारत में भेज दी हैं, लेकिन भारत में खासकर दिल्ली में लोग आॅक्शीजन के प्लांट पर हजारो लोग अपने सगे सम्बंधियों और रिस्तेदारों को बचाने के लिये जीवन रक्षक आॅक्सीजन को लेने के लिये तीन-तीन, चार-चार दिनों से लाईनों मे लगे हैं। लेकिन उनको आॅक्सीजन नहीं मिल रही है। देश के रक्षक सिपाई ही लाईनों में लगे लोगो को पीट-पीट कर भगा देते हैं। पीछे के रास्ते से आॅक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है। देश के हर शहर में आॅक्सीजन की कमी से सेकड़ों लोगों की जाने जा रही हैं। प्रशासन और सरकारें वेबस नजर आ रही हैं धीरे-धीरे देश सम्पूर्ण लाॅक डाउन की ओर बड़ रहा है। राज्य सरकारें और केन्द्र सरकार को सभी प्राईवेट अस्पतालों को अपने अधीन कर अपने अधिकार में ले लेना चाहिए ताकि मानव जाति के अस्तित्व को बचाया जा सके। साथ ही केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को चाहिए कि गाँव की सीमाओं को सील कर गरीब हो यामध्यम हर समाज के लोगों को विनाशकारी आपदा में भोजन की कमी नहीं होने दें।
कोविड-19 शहरों से चल कर गाँव-देहातों में अपने खूनी पैर पसारने लगा है। गाँव-देहातों में फैलने का संकेत मानों पृथ्वी पर लासों का अम्बार लग जायेगा।
अस्पतालों में लोग अपने-अपने सगे सम्बंधियों को लेकर आ रहे हैं। डाॅक्टर बेबस नजर आते हैं, न बीमार को देखते हैं न ही बीमारी का कोई ईलाज करते हैं। लोग अस्पताल के सामने ही दम तोड़ देते हैं जिस इंसान के सगे सम्बंधी अपनों को खो रहे हैं उन घर की माँ और बहनों के हृदय विदारक रूदन से वहाँ का वातावरण भी एक अजीब सी दिल दहला देने बाली बेदना से भर जाता है। कोविड-19 से मृत्यु होने के बाद उसकी लाश बैगाना बन जाती है भारतीय संस्कृति के हिसाब से कोविड-19 की लाश को उसका हक नहीं मिलता ऐसा आपातकाल, ऐसी महामारी मैंने 7 दसक तक नहीं देखी है।

रामनरायन लोधी
44/303, सिकन्दरा रोड़, बोदला आगरा-7
मो0 8126964970

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