देश-दुनिया

चाड पर कब्जे की फिराक में इस्लामिक उग्रवादी

डाॅ.बचन सिंह सिकरवार

गत दिनों मध्य अफ्रीकी देश के राष्ट्रपति इदरिस डेबी इटनो लीबिया से आए इस्लामिक दहशतगर्त गुट ‘ फ्रण्ट आॅर चेंज एण्ड कोनकर्ड ’ खिलाफ शुरू किये युद्धक अभियान का नेतृत्व करते हुए मारे जाने की घटना न केवल इस देश के लिए ,वरन् इसके पड़ोसी मुल्कों के लिए भी बहुत नुकसानदेह साबित हो सकती है। निश्चय ही अब इन इस्लामिक उग्रवादियों के हौसले पहले से कहीं अधिक बढ़ गए होंगे। यही कारण है कि सूचना आ रही है कि ये इस्लामिक दहशतगर्द अब चाड की राजधानी एनजमेना पर कब्जा करने की साजिश रच रहे हैं। विगत तीन दशक से भी अधिक समय से इस देश के इस सर्वोच्च पद को सम्हालने वाले राष्ट्रपति इदरिस डेबी इटनो पश्चिमी देशों के साथ मिलकर अफ्रीका के इस्लामिक दहशतगर्दों से लड़ रहे थे। इस बीच उन्होंने राजधानी एनजमेना से लगभग 300किलोमीटर ददूर कानेम प्रान्त में 300दहशतगर्दों को मार गिराया तथ 150 को पकड़ा है। उस बीच वे घायल हो गए तथा उपचार के समय उनकी मौत हो गई। चाड की सेना के पूर्व कमाण्डर -इन-चीफ इदरिस डेबी इटनो पहली बार 1900 में सत्ता में आए थ। तब उनके नेतृत्व में विद्रोह बलों ने तत्कालीन राष्ट्रपति हिसने हेबर को सत्ता से उखाड़ फेंका था। बाद में इन्हें सेनेगल में एक अन्तर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण में मानवाधिकार के हनन का दोषी ठहराया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान कई बार विद्रोही बलों ने तख्त पलट की कोशिशें की थीं, लेकिन हर बार वे अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रहे।
राष्ट्रपति इदरिस डेबी इटनो के मारे जाने के बाद चाड को और ज्यादा नुकसान होने को खतरा पैदा हो गया है। उनकी मौत से कुछ घण्टे पहले ही निर्वाचन अधिकारियों ने इदरिस डेबी इटनो के पुनः छठवीं बार राष्ट्रपति का चुनाव जीतने की घोषणा की थी। यह चुनाव गत 11अप्रैल को हुआ था।इस जीत के बाद वह आगामी 6साल तक फिर राष्ट्रपति के पद पर बने रहते। अब उनके 37वर्षीय पुत्र जनरल महामत इदरिस डेबी इटनो 18महीने की संक्रमणकालीन/अन्तरिम परिषद् का नेतृत्व करेंगे। सेना ने 6बज शाम से रात के कफ्र्यू लगाने की घोषणा की। सेना ने देश के लोगों से इस चिन्ताजनक स्थिति का सामना करने के लिए शान्ति बनाये रखने का अनुरोध किया है। इधर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने चाड में अपने दूतावास से गैर-राजनयिको से राजधानी एनजमेना पर हमले की आशंका को देखते वापस आने को कहा है। इसके साथ ही अमेरिका ने वहाँ अमेरिकी बलों के परिवारों से देश छोड़ने को कहा,क्यों कि सशस्त्र समूह चाड की राजधानी एनजमेना की ओर बढ़ते दिख रहे हैं।
चाड गणराज्य है। इसके पश्चिम में नाइजर तथा दक्षिण में नाइजीरिया, उत्तर में लीबिया , उत्तर-पूर्व में सूडान,पूर्व में सेण्ट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक है। है। इसका क्षेत्रफल- 12,84,000 वर्ग किलोमीटर तथा राजधानी-एनजमेना है। चाड की आबादी- 1,15,06,000 से अधिक है, जो इस्लाम, ईसाई, कबीलाई धर्म मानती है। इस देश की मुद्रा फ्रैंक सी.ए.एफ.। यह देश 11 अगस्त,सन् 1960 को फ्रान्स की दसता से स्वाधीन हुआ। आठवें दशक में भी इस देश में विद्रोही सक्रिय थे। चाड में विद्रोह का आधार मजहब/धर्म है। सन् 1973 में राष्ट्रªपति टाॅम बल्बाये सारा कबीले के थे,जो ईसाई धर्म का अनुयायी है। देश के उत्तरी भाग में मुसलमानों का बहुमत है और वे सरकार के खिलाफ बगावत का झण्डा उठाये हुए है थे। इन विद्रोहियों का कुचलने के लिए चाड सरकार को फ्रान्स से सैनिक सहायता लेनी पड़ी थी। उस समय स्वाधीनता से पूर्व की तरह फ्रान्स पर निर्भर हो गयी थी। इस देश की अर्थव्यवस्था कृषि और पशुपालन पर आधारित है। निर्यात की मुख्य मदें-कपास ,चावल और माँस है। लोग पशु , भेड़, ऊँट पालते हैं। चाड के पड़ोसी मुल्कों कई इस्लामिक दहशतगर्द संगठन सक्रिय हैं,जो अपने मुल्क में शरीयत की हुकूमत यानी ‘निजाम-ए-मुस्तफा’ कायम कराने के साथ उनमें रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय ईसाई आदि समुदायों को बन्दूक के बल पर उन्हें मतान्तरित कराते हैं, जो इससे इन्कार करते हैं, उन्हें ये बेरहमी से मार डालते हैं। नाइजीरिया में इस्लामिक दहशतगर्दों के संगठन ‘बोकोहरम’ ने तो इस देश दहशत फैलायी हुई हैं। यह संगठन पश्चिमी ढंग की शिक्षा को इस्लाम के लिए ‘हराम’ बताता है। कुछ साल पहले इसने कई सौ छात्राओं का अपहरण कर लिया था। इस बार भी उसने छात्रों को अपहरण किया। बाद मंे अपनी कुछ माँग मनवाने के बाद उन्हें किया था। कमोबेश यही हालत चाड के पड़ोसी मुल्कों को इनमें से ज्यादातर मुस्लिम बहुल हैं।
अतः अब आवश्यकता इस बात की है कि संयुक्त राष्ट्र संघ इन देशों के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए वहाँ सरकारों को विशेष निर्देश जारी करे और जरूरत के मुताबिक अपने शान्ति सैनिक भेजे।

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