कार्यक्रम

207 वां त्रिदिवसीय पाटोत्सव 3 से पर्यंत विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन

वृन्दावन।छीपी-गली स्थित ठाकुर प्रियावल्लभ कुंज में श्रीहित परमानंद शोध संस्थान द्वारा ठाकुर विजय राधाबल्लभ लाल एवं ठाकुर प्रियावल्लभ लाल का 207 वां त्रिदिवसीय पाटोत्सव 3 से 5 फरवरी 2021 पर्यंत विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया जा रहा है। पाटोत्सव की तैयारियों के संबंध में हुई बैठक में संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य विष्णुमोहन नागार्च ने बताया कि ठाकुर प्रियावल्लभ कुंज में 18वीं शताब्दी के प्रसिद्ध संत एवं वाणीकार श्रीहित परमानंद दास महाराज के सेव्य ठाकुर विजय राधावल्लभ लाल एवं उनकी शिष्या महारानी प्रिया सखी जू के सेव्य ठाकुर प्रिया वल्लभ लाल महाराज विराजित हैं। यह दोनों ही ठाकुर अत्यंत महिमामय व चमत्कारिक हैं।
महोत्सव के समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि इस त्रिदिवसीय पाटोत्सव का शुभारंभ 3 फरवरी 2021 को प्रातः काल बड़ा रासमंडल के महंत लाड़ली शरण महाराज ध्वजारोहण करके करेंगे। तत्पश्चात त्रिदिवसीय अखंड हरिनाम संकीर्तन का शुभारंभ हो जाएगा।साथ ही हितवाणी, राधा सुधा निधि, हित चतुरासी, सेवक वाणी व हरिवंश सहस्त्र नाम आदि के संगीतमय सामूहिक गायन होंगे।साथ ही समाज गायन, सन्त-विद्वत संगोष्ठी एवं सन्त-ब्रजवासी-वैष्णव सेवा आदि के आयोजन होंगे।
त्रिदिवसीय पाटोत्सव के व्यवस्थापक श्री हितवल्लभ नागार्च ने बताया कि 5 फरवरी को सांय 4 बजे से “श्रीहित परमानंद दास महाराज और उनका साहित्य सृजन”विषय पर सेमिनार होगी। इसमें राधावल्लभीय सम्प्रदायाचार्य गोस्वामी आनंद लाल महाराज, गोस्वामी सुकृत लाल महाराज (ठाकुर राधावल्लभ महाराज), राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के डॉ. सर्वेश कुमार शर्मा(भरतपुर), राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के पूर्वाध्यक्ष डॉ. कृष्ण चंद गोस्वामी(भरतपुर), डॉ. विजेंद्र सिंघल(नई दिल्ली) आदि का उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में की गई अविस्मरणीय सेवाओं के लिए सम्मान किया जाएगा।
इस अवसर पर ब्रज भावना ट्रस्ट के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा, रासबिहारी मिश्रा, भरत किशोर शर्मा, तरुण मिश्रा, चन्द्र मोहन नागार्च, प्रिया मिश्रा, बलराम नागार्च एवं चित्रा शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0145656
This Month : 4445
This Year : 82949

Follow Me