वृन्दावन। मोतीझील स्थित श्रीराधा उपासना कुंज में ब्रज अकादमी के तत्वावधान में चल रहे संतप्रवर श्री श्रीपाद बाबा महाराज के त्रिदिवसीय 24 वें समाराधन महोत्सव में तीसरे दिन महाराजश्री के त्रिरोभाव महोत्सव का मुख्य आयोजन अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। महोत्सव का शुभारंभ अखण्डानन्द आश्रम के अध्यक्ष स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि संतप्रवर श्रीपाद बाबा महाराज की महिमा अनन्त व अपार है। उनकी यश व कीर्ति अजर व अमर है। उन्होंने न केवल ब्रज के लिए अपितु समूचे धर्म व अध्यात्म जगत के लिए जो पुनीत कार्य किये वे प्रणम्य व सराहनीय हैं। जानकीवल्लभ मंदिर के अध्यक्ष जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने कहा कि ब्रज अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष श्रीपाद बाबा महाराज अनेकानेक सद्गुणों की खान थे। यदि हम लोग उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण करलें तो हम सभी का कल्याण हो सकता है। बाबा महाराज का सम्पूर्ण जीवन ब्रज संस्कृति के उन्नयन व सरंक्षण हेतु पूर्ण रूप से समर्पित था। संगीताचार्य देवकीनंदन शर्मा व श्रीमद्भागवत के प्रकाण्ड विद्वान नेत्रपाल शास्त्री ने कहा कि श्रीपाद बाबा महाराज रसिक सन्तों की सुमेरू थे। वह श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन स्वरूप के परिचायक थे। उन जैसी पुण्यात्माओं का अब युग ही समाप्त हो गया है। महोत्सव के समन्वयक एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा ने कहा कि श्रीपाद बाबा महाराज अत्यंत चमत्कारिक सन्त थे। बाबा महाराज कई भाषाओं के आधिकारिक विद्वान थे। विभिन्न राजनीतिक दलों के राजनेता, नौकरशाह एवं धर्माचार्य उन्हें गुरुवत सम्मान व आदर दिया करते थे। इस अवसर पर प्रख्यात भावताचार्य अनिरुद्धाचार्य जी महाराज,श्रीराधा उपासना कुंज के अध्यक्ष महंत बाबा सन्तदास जी महाराज, ब्रज अकादमी की सचिव साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया,हिताश्रम सत्संग भूमि की सचिव साध्वी हितप्रिया किंकरी,स्वामी महेशानंद सरस्वती, सन्त सेवानंद ब्रह्मचारी,रासाचार्य स्वामी चोखेलाल चन्द्रबिहारी वशिष्ठ, राधावल्लभ वशिष्ठ, रामजीवन शर्मा, डॉ. रामदत्त शास्त्री, राधाकांत शर्मा, मास्टर रूपचंद,डॉ. प्रदीप केशरी, रमेश कोचर एवं स्वामी सारदानंद सरस्वती जी महाराज आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर श्रीपाद बाबा महाराज को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रीराधा उपासना कुंज के अध्यक्ष महंत सन्तदास जी महाराज व ब्रज अकादमी की सचिव साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया ने संतों व विद्वानों का स्मृति चिह्न एवं ठाकुर जी व बाबा महाराज का भोग प्रसाद देकर सम्मान किया।इस अवसर पर सन्त-ब्रजवासी-वैष्णव सेवा एवं समष्टि भंडारा भी हुआ। रात्रि को श्रीहित आदर्श लीला मण्डल के द्वारा रासलीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया। महोत्सव का संचालन महोत्सव के समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
श्री श्रीपाद बाबा महाराज के त्रिदिवसीय 24 वें समाराधन महोत्सव

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