देश-दुनिया

थाईलैण्ड में विद्रोहियों के फिर हमले

डॉ.बचन सिंह सिकरवार

साभार गूगल

गत दिनों थाईलैण्ड के अशान्त दक्षिणी इलाके में स्थित उसकी दो जाँच चौकियों पर विद्रोहियों द्वारा घात लगाकर किया गया जो हमला कोई साधारण हमला नहीं था,बल्कि पिछले 15सालों में हुए हमलों से सबसे बड़ा है जिसमें 15लोगों के मरने के साथ 4लोग घायल हुए हैं। इन हमलों ने इस मुल्क में दहशत फैला दी है,इसका देश के साम्प्रदायिक सौहार्द पर विपरीत प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। इससे थाईलैण्ड के बौद्ध तथा दूसरे धर्म के लोगों में नाराजगी फैली गई। इस देश के तीन दक्षिण प्रान्त कोई डेढ़ दशक से हिंसा की चपेट हैं। इनमें रहने वाले मलय मुसलमान विद्रोही अधिक स्वायत्ता की माँग को लेकर संघर्षरत हैं। ये विद्रोही मौका मिलते ही हिंसक वारदातें कर देते हैं।
यही कारण है कि इसी 6नवम्बर को जाँच चौकियों पर हमलों में मुस्लिम विद्रोहियों द्वारा कराये जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इस मुल्क के मलय-मुसलमान बहुल दक्षिणी प्रान्तों में पिछले 15वर्षों में इन विद्रोहियों की हिंसा में लगभग 7 हजार लोग मारे गए हैं। अब कोई तीन महीने पहले राजधानी बैंकाक में इन विद्रोहियों ने उस समय कई छोटे बम धमाके किये गए थे, जब यहाँ एक बड़े सम्मेलन चल रहा था। स्पष्ट है कि ऐसा करके ये विद्रोही मुल्क को अशान्ति और अराजकता फैलाकर सरकार के लिए प्रशासनिक संकट उत्पन्न करना चाहते थे। अब थोड़ा थाइलैण्ड के बारे में भी जान लेते हैं।

साभार गूगल

थाईलैण्ड दक्षिण- पूर्व एशियाई देश है, जो पहले ‘श्याम’ कहलाता था। यह मुल्क पूर्व से लेकर उत्तर, पश्चिम, दक्षिण कम्बोडिया से घिरा हुआ है।दक्षिण-पूर्व में दक्षिण चीन सागर है। इसका क्षेत्रफल-5,13,115 वर्ग किलोमीटर है जिसकी राजधानी-बैंकाक तथा मुद्रा-बाहट है। इसकी जनसंख्या-6,70,70,000से अधिक है,जो थाई, चीनी, अँग्रेजी और मलय बोलते हैं। ये लोग बौद्ध और इस्लाम मजहब के अनुयायी हैं। यह देश सन् 1238 में स्वतंत्र हुआ। यहाँ एक संवैधानिक राजतंत्र है। प्राचीन काल से यहाँ निरंकुश शासन था, लेकिन सन् 1932 में यह संवैधानिक राजतंत्र बन गया। सन् 1948 में देश ने अपना वर्तमान नाम ‘थाईलैण्ड’ ग्रहण किया। जून, 1997 में राजा भूमिबोल ने अपने शासन के पचास वर्ष पूरे करे विश्व के सबसे लम्बे समय के तानाशाह होने का कीर्तिमान बनाया। इस देश का मुख्य व्यवसाय कृषि है जिनमें जनसंख्या का 60 प्रतिशत लगा है। यहाँ की मुख्य फसल चावल है, जिसका बड़ा भाग निर्यात कर दिया जाता है। अन्य कृषिजन्य निर्यात नारियल, तम्बाकू, कपास और टीक है।पिछली शताब्दी से थाईलैण्ड ने अपने देश में निर्मित और संसाधित वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि की है। खनिजों में टिन , मैग्नीज, टंगस्टन, एण्टीमनी, लिग्नाइट और सीसा सम्मिलित हैं । पर्यटन का बहुत विकास हुआ है। अब देखना यह है कि थाईलैण्ड की सरकार इन विद्रोहियों पर काबू पाने में कब तक कामयाब हो पाती है, जिनके कारण इस मुल्क में दहशत का माहौल बना रहता है उसका सबसे बड़ा प्रभाव यहाँ के पर्यटन पर पड़ रहा है, जो यहाँ के लोगों की आय एक बड़ा जरिया है।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0104931
This Month : 252
This Year : 42224

Follow Me