देश-दुनिया

बोलीविया में आखिर राष्ट्रपति को जाना ही पड़ा

डॉ.बचन सिंह सिकरवार

साभार गूगल

हाल मेें बोलिविया में हुए विवादस्पद चुनाव के पश्चात् चौथी बार राष्ट्रपति बने एवो मोरालसे को जन विरोध, सेना प्रमुख की सलाह और पुलिस के असहयोग के बाद अपने पद से त्यागपत्र देने को विवश होना पड़ा है, क्योंकि उनके निर्वाचन के विरुद्ध विरोधियों द्वारा जिस तरह चारों ओर से मोर्चा खोल दिया था, उस पर नियंत्रण पाना आसान नहीं था। इस विकट परिस्थिति को देखते हुए गत 9 नवम्बर को सेना प्रमुख जनरल विलियम्स कलीमन बयान के बाद नर्वाचित राष्ट्रपति मोरालेस को पर छोड़ने को कहना पड़ा। यहाँ तक कि उनके विरोध में पुलिस कर्मियों ने भी कई महत्त्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा करने से साफ इन्कार कर दिया। इस दौरान ही सरकार के विरोधियों और समर्थकों के बीच आपसी झड़पों में तीन लोगों के मारे जाने के साथ-साथ में सौ से अधिक घायल हुए। इसके उपरान्त राष्ट्रपति मोरालेस के पास इस्तीफा देने के सिवाय कोई विकल्प ही नहीं बचा है। अन्ततः 10नवम्बर को उन्होंने अपना इस्तीफा संसद को सौंप दिया। वैसे इस देश के लिए शासकों को ऐसे पद छोड़ने को मजबूर करने की घटना कोई नई नहीं है। बोलीविया में जनता और विपक्ष द्वारा कई बार शक्ति से सत्ता पलट की घटनाएँ पहले भी हो चुकी हैं।
राष्ट्रपति पद से मोरालेस के त्यागपत्र की माँग पर अड़े विरोधी गुटों ने गत 9 नवम्बर को सरकारी टी.वी. और रेडियो केन्द्रों पर कब्जा कर लिया। बड़ी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने बोलीविया टी.वी. पैट्रिया नुएवा पर कब्जा कर वहाँ के कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया। उस समय नवनिर्वाचित राष्ट्रपति एवो मोरालस इन विरोध प्रदर्शनों और उन्हें संचालित करने वाले विरोधियों की मोरालेस ने कड़ी आलोचना की थी।
दरअसल, चौथी बार बोलीविया की सत्ता सम्हालने वाले राष्ट्रपति मोरालेस पर पिछले राष्ट्रपति चुनाव में धांधली कर चुनाव जीतने के आरोप लगे थे। ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑॅॅफ अमेरिकन स्टेट्स(ओएसएस)ने भी गत 20अक्टूबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में गड़बड़ी करने के आरोप की पुष्टि की थी। मोरालेस ने मतगणना के समय अपनी एकतरफा जीत का ऐलान किया था। इस वजह से लोगों ने तब सन्देह जताते हुए उन पर गलत हथकण्डे अपना कर जीत हासिल करने का आरोप लगाने शुरू कर दिये थे।

साभार गूगल

बोलीविया दक्षिणी अमेरिकी देश है, जो एडीज पर्वत के आर-पास अवस्थित है। इसके पूर्व, उत्तर, पश्चिम में ब्राजील, पश्चिम में पेरु और दक्षिण में अर्जेण्टाइना। पेरु-बोलीविया सीमा पर टीटीका झील है,जो संसार की सबसे ऊँची झील 12,506 फीट है। इसका क्षेत्रफल-10,98,581 वर्ग किलोमीटर तथा राजधानी-लापाज(प्रशासनिक)तथा सुक्रे(न्यायिक) है और मुद्रा-दी बोलिवियनो है। इसकी जनसंख्या-1,04,26,154 है, जो स्पेनिश, कुचुआ, अइमारा है और ईसाई धर्म को मानती है। आरम्भ में यह इंका/साम्राज्य का एक भाग था। 6 अगस्त, सन् 1825 में इसे स्वाधीनता मिली। दक्षिण-अमेरिका के विख्यात स्वतंत्रता सेनानी साइमन बोलीवर के नाम पर इस देश का नामकरण हुआ है। दक्षिण अमेरिकी के अधिकांश राज्यों देशों की तरह बोलीविया में भी बलपूर्वक सरकार का तख्ता पलटने की अनेक घटनाएँ हुई हैं। देश का प्रमुख धन्धा कृषि है। खनन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उद्योग है। बोलीविया में लगभग 30,000टन टिन पैदा होता है, जो संसार में टिन के कुल उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत है। दूसरे महत्त्वपूर्ण खनिज एण्टीमनी और टंगस्टन है। अब देखना यह है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति एवो मोरालेस के पद छोड़ने के बाद अब सरकार पर यह जिम्मेदारी आ गयी है कि वह यहाँ फिर से कैसे साफ-सुथरे चुनाव कराने में कामयाब होती है?

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