वर्तमान में जिस बाजारवाद की चकाचैंध में आकर लोग उपभोक्तवाद को अपने जीवन का ध्येय मान बैठे है वही मानव जाति के लिए यह विनाशकारी सिद्ध हो रहा है। भोजन पोषित नहीं रोगी बना रहा है। हवा पानी, मृदा सभी प्रदूषित और विशाक्त हो गये है। इस विनाशकारीवाद से बचने के लिए वसुधैव कुटुम्बकम की भावना जाग्रत करने को आगे आना होगा। इसी में मानव कल्याण है उक्त उद्गार लोक भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री ब्रजेन्द्र पाल ंिसंह ने दौजीराम मैरिजहोम पश्चिमपुरी में आयाजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि लोग भारती जल संरक्षण प्रकृति के अनुरूप मानव जीवन सुरक्षित कैसे रखा जाए एवं पारिवारिक बिखराव रोकने के लिए परिवार मंगल कार्यक्रम, गाय-गोबर पर आधारित कृषि को बढ़ावा एवं नदियों को पुर्नजीवित करना पर्यावरण , घर, परिवेश की स्वच्छता के प्रति जागरूक करना आदि पर कार्य हमारी संस्था देश भर में कर रही है।
श्री राधेश्याम शर्मा ने फल-सब्जियों की अवशेषों से जैविक खाद बनाने और उसके प्रयोग के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में डाॅ. रामबाबू हरित ने भी पर्यावरण सम्बन्धी अपने पूर्वजों के क्रिया कलाप से जो पर्यावरण बचाव हो रहा था उस समबन्ध में अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में गोपाल उपाध्याय, देवेन्द्र चैतन्य, धीरेन्द्र शर्मा, वीरेन्द्र वाष्र्णेय, डाॅ. बचन सिंह सिकरवार, विषय भारद्वाज, चै सिद्धी ंिसह, मानवेन्द्र शर्मा, जितेन्द्र फौजदार, डाॅ लवकुश मिश्रा, डाॅ. रामबाबू हरित, कौशल अग्रवाल, धर्मेन्द्र कुमार चैधरी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
विनाशकारी बन गया है बाजारवाद – ब्रजेन्द्र पाल सिंह

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